MP: इस युवक ने साइकिल से नाप डाला पूरा भारत, 50 दिन में तय किया इतने हजार KM का सफर
MP news: कहते हैं पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है और ऐसा कर दिखाया है मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी जिले शहडोल (Shahdol) के एक छोटे से गांव कल्लेह के रहने वाले कुलदीप ने. कुलदीप ने अपनी साइकिल से भारत के दो गलियारे- उत्तर से दक्षिण और पश्चिम से पूर्व की ओर 7300 […]
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MP news: कहते हैं पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है और ऐसा कर दिखाया है मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी जिले शहडोल (Shahdol) के एक छोटे से गांव कल्लेह के रहने वाले कुलदीप ने. कुलदीप ने अपनी साइकिल से भारत के दो गलियारे- उत्तर से दक्षिण और पश्चिम से पूर्व की ओर 7300 किलोमीटर की यात्रा पूरी की. उन्हें ये यात्रा पूरी करने में मात्र 50 दिनों का समय लगा.
कुलदीप का साइकिल एक्सपेडिशन भारत के दो सबसे बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग में था, जो कि उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारा कहलाते हैं. इन दोनों की कुल लंबाई 7300km है. उत्तर दक्षिण गलियारा NH-44 है, जिसकी कुल लंबाई है 4000 किलोमीटर है. पूर्व पश्चिम गलियारा NH-27 जिसकी कुल लंबाई 3300 किलोमीटर है. दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग 17 राज्यों से होकर गुजरते हैं और उत्तरप्रदेश का झांसी दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों का जंक्शन है.
उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम की यात्रा
कुलदीप ने 23 जुलाई को नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के लिए जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से साइकिल यात्रा की शुरुआत की और 15 अगस्त तक 3712km की यात्रा पूर्ण कर कन्याकुमारी के तमिलनाडु पहुंचे. फिर नॉर्थ साउथ कॉरिडोर का ब्रांच रोड जिसकी कुल लंबाई 365km है, जो केरल के कोच्चि से तमिलनाडु के सेलम तक है 2 दिन में पूरा किया. फिर वेस्ट ईस्ट कॉरिडोर की साइकिल यात्रा के लिए ट्रेन से पोरबंदर गुजरात पहुंचा और 20 अगस्त से साइकिल यात्रा शुरू की, 7 सितंबर को वेस्ट से ईस्ट तक की यात्रा पूरी हुई. यात्रा पूरी कर कुलदीप 10 सितम्बर को अपने गृह ग्राम कल्लेह पहुंचे जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया.
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यात्रा के दौरान चोरी हुई साइकिल
कुलदीप की इस यात्रा में कई रोचक किस्से रहे. कई मुश्किलों का सामना भी उन्हें करना पड़ा. जम्मू कश्मीर में साइकिल यात्रा के पहले ही दिन कुलदीप की साइकिल चोरी हो गयी. सुबह कुलदीप ने जम्मू कश्मीर पुलिस को इस बात की सूचना दी और पुलिस की तत्परता से 3 घंटे में ही चोर को साइकिल सहित पकड़ लिया. वहीं दक्षिण भारत के लोगों ने हर पड़ाव पर स्वयं से आगे आकर कुलदीप की हर तरह से मदद की.
भारत के लिए रिकॉर्ड बनाना था लक्ष्य
कुलदीप के साइकिल एक्सपेडिशन का उद्देश्य भारत के लिए एक रिकॉर्ड बनाना था. कुलदीप चाहते हैं कि एडवेंचर और स्पोर्ट्स को लोग अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाएं. मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को मजबूत रखें और आत्महत्या जैसा कदम न उठाएं. कुलदीप का कहना है कि प्रकृति से हमें सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा मिलती है, इसलिए प्रकृति से खुद को जोड़कर रखें.
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