महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए अब ड्रेस कोड, ये पहनेंगी महिलाएं, पुरुषों के लिए क्या?
Mahakaleshwar Temple: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गर्भ ग्रह में एंट्री के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है. जिसके तहत पुरुषों को धोती सोला और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगी. वहीं छोटे बच्चों के लिए छूट रहेगी. 10 साल की अगर बालिका है तो उसके लिए तो छूट रहेगी सलवार सूट में जा […]
ADVERTISEMENT

Mahakaleshwar Temple: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गर्भ ग्रह में एंट्री के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है. जिसके तहत पुरुषों को धोती सोला और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगी. वहीं छोटे बच्चों के लिए छूट रहेगी. 10 साल की अगर बालिका है तो उसके लिए तो छूट रहेगी सलवार सूट में जा सकते हैं. सावन अधिक मास के चलते दो ढाई महीने से महाकाल के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है. जिस पर जल्द ही निर्णय लेकर सप्ताह में एक बार उज्जैन वासियों को भस्म आरती में निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा.
इसके लिए मंगलवार का दिन तय किया गया है, जिसमें भक्तों की क्षमता 300 से 400 के बीच रखी जाएगी. फिलहाल श्री महाकालेश्वर मंदिर भवन समिति की बैठक में तय किया गया कि अब गर्भ गृह में जाने वाले वीआईपी और नॉन वीआईपी सभी के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य रहेगा. अब तक आम दिनों में सभी श्रद्धालुओं को सामान्य वेशभूषा में प्रवेश दिया जा रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
ये भी पढ़ें: अब चाहे जितना भी तेज तूफान आ जाए, नहीं गिरेगी महाकाल लोक में स्थापित हुई सप्तऋषियों की मूर्तियां !
अब सामान्य ड्रेस कोड बंद
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इस बात पर चर्चा करते हुए कहा कि महाकाल मंदिर दर्शन के लिए जितने भी वीआईपी आते हैं. वे तो ड्रेस कोड पहनकर ही गर्भगृह में प्रवेश करते हैं, लेकिन सामान्य दर्शनार्थियों के लिए गर्भगृह में प्रवेश की जो व्यवस्था थी उसमें सामान्य वेशभूषा में ही दर्शनार्थी बाबा के दर्शन कर रहे थे, जिसे बदलकर अब ड्रेस कोड के साथ गर्भगृह में प्रवेश अनिवार्य कर दिया गया है. यह निर्णय बाबा महाकाल के गर्भगृह की पवित्रता और गरिमा को देखते हुए लिया गया है. गर्भगृह में प्रवेश को लेकर अभी प्रक्रिया तैयार की जा रही है, जिसमें एक सप्ताह का समय लगेगा. एक सप्ताह बाद पुनः बैठक कर इसकी तिथि निर्धारित की जाएगी.
यह भी पढ़ें...
ये भी पढ़ें: Ujjain: महाकाल की शाही सवारी, इसलिए शामिल होता है सिंधिया परिवार का सदस्य
गर्भगृह की अपनी गरिमा है, इसलिए ड्रेस कोड
कलेक्टर ने बताया, “गर्भगृह में जो अति विशिष्ट लोग जाते हैं माननीय मुख्यमंत्री जी आते है राज्यपाल जी आते हैं और भी कोई आता है तो वह एक ड्रेस कोड धोती और सोला पहन कर जाते हैं. जब गर्भगृह आम लोगों के लिए खुलता है तो यह पाया गया कि आम लोग सामान्य वेशभूषा में ही जाते हैं. गर्भगृह की अपनी एक गरिमा होती है. अपनी एक पवित्रता है.
ये भी पढ़ें: सावन के आखिरी सोमवार पर रात ढाई बजे जागे बाबा महाकाल
इसलिए निर्णय लिया गया कि गर्भगृह में प्रवेश जब भी खुलेगा उसके लिए ड्रेस कोड होगा. वह बाकी मंदिरों के लिए नहीं होगा. सिर्फ गर्भगृह में प्रवेश के लिए होगा. जो भारतीय परिधान है धोती और महिलाओं के लिए साड़ी वह रहेगी. छोटे बच्चों के लिए छूट रहेगी 10 साल की अगर बालिका है तो उसके लिए तो छूट रहेगी सलवार सूट में जा सकते हैं.”