मध्य प्रदेश में फिलहाल बिना कैबिनेट ये 3 लोग ही चलाएंगे सरकार! हैरान कर देगी वजह
Madhya Pradesh Cabinet: प्रदेश के नए मंत्रिमंडल को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. चर्चा ये भी है कि मोहन यादव कैबिनेट का विस्तार एक महीने के लिए टल सकता है. इसके पीछे एक खास वजह है, आइए जानते हैं.
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Madhya Pradesh Cabinet: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव और 2 डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला का शपथग्रहण समारोह हो चुका है. इस बीच प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जोर-शोर से चर्चाएं हैं. अब तक प्रदेश के नए मंत्रिमंडल को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. चर्चा ये भी है कि मोहन यादव कैबिनेट का विस्तार एक महीने के लिए टल सकता है. इसके पीछे एक खास वजह है, आइए जानते हैं.
क्या है कैबिनेट विस्तार टलने की वजह?
दरअसल, हिंदू धर्म के अनुसार ‘खर मास’ शुरू हो चुका है. 16 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच खर मास चलेगा. मान्यता है कि ‘खर मास’ के दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम या शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं. किसी भी शुभ कार्य करने के लिए ये महीना वर्जित माना जाता है. ऐसे में अटकलें हैं कि मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल का गठन अगले एक महीने के लिए टल सकता है. हालांकि बीजेपी या पार्टी के किसी भी नेता की तरफ से अभी तक इसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है.
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कैबिनेट गठन को लेकर अटकलें
मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कई नामों को लेकर चर्चाएं हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी अभी मंथन करने में जुटी हुई है. राजनीतिक सूत्रों के अनुसार 18 तारीख को मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ खबर है कि 22-23 तारीख को दिल्ली में मध्य प्रदेश के बीजेपी नेताओं की बैठक हो सकती है. वहीं खरमास को लेकर मंत्रिमंडल विस्तार टलने की खबरें भी सामने आ रही हैं. ऐसे में अभी मंत्री मंडल विस्तार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. चर्चा है कि अगले एक महीने तक पूरे मध्य प्रदेश की कमान ये मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ही संभालेंगे.
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ऐसा होगा नया कैबिनेट
जानकारों की मानें तो मध्य प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा. पार्टी की महिला विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगी. इसके साथ ही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को इसमें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. वहीं सिंधिया समर्थकों को भी कैबिनेट में जगह दी जाएगी. इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल रहे कुछ विधायकों को भी दोबारा कैबिनेट में जगह दी जा सकती है.
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