इस पूर्व विधायक का 2 महीने में ही BJP से हुआ मोहभंग, अब फिर से कांग्रेस में जाने की अटकलें
MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों प्रमुख दलों में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद से भगदड़ मची हुई है. कोई पार्टी पर उपेक्षा के आरोप लगा रहा है तो कोई टिकट न मिलने से नाराज होकर बगावत पर उतर आया है. लेकिन इस हालात ने दाेनों ही पार्टियाें को चिंता […]
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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों प्रमुख दलों में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद से भगदड़ मची हुई है. कोई पार्टी पर उपेक्षा के आरोप लगा रहा है तो कोई टिकट न मिलने से नाराज होकर बगावत पर उतर आया है. लेकिन इस हालात ने दाेनों ही पार्टियाें को चिंता में डाल दिया है. आज (18 अक्टूबर) जहां एक तरफ विंध्य क्षेत्र से BJP ने सिद्धार्थ तिवारी तिवारी को पार्टी में प्रवेश कराया तो वहीं शाम होते विंध्य क्षेत्र से एक बार फिर पार्टी को बड़ा झटका लग गया है.
दरअसल, रीवा के पूर्व विधायक अभय मिश्रा भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही उनका एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री सहित भारतीय जनता पार्टी पर कई आरोप लगाए हैं. बता दें अभय मिश्रा लंबे समय सेमरिया विधासभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी में टिकट न मिलने के आसार देखते हुये उन्होंने वापिस कांग्रेस में जाना उचित समझा है, बीते दिन अभय मिश्रा की मुलाकात कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला से हुई थी.
जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी भी वक्त अभय मिश्रा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. बता दें अभय मिश्रा 2008 में भाजपा के टिकट पर सेमरिया से विधायक बने थे और उनकी पत्नी नीलम 2013 में भाजपा के टिकट पर विधायक बनी थी.
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दो महीने के अंदर फिर छोड़ी बीजेपी
अभय मिश्रा ने दाे महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए अभय मिश्रा ने कहा था, “मैं भूलवश 2018 में कांग्रेस पार्टी में चला गया और परंपरागत सीट सेमरिया सीट छोड़कर रीवा से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में भितरघात एक कल्चर है. इसी कारण मैंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है.
अब तक अभय मिश्रा की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, अब देखना होगा कि महज 2 महीनों के अंदर ही कैसे मिश्रा और उनकी पत्नी का बीजेपी से मोहभंग हो गया. बाकी राजनीतिक पंडितों की माने तो मिश्रा बीजेपी में टिकट की आश लगाए गए थे, लेकिन केवल वो आस रह गई, इसी कारण इन्होंने फिर कांग्रेस में वापस आने का फैसला लिया है.
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