रायसेन में होली की अजीब परंपरा, ऊपर लटकाकर घुमाते हैं बकरा; फिर इंसानों को मारते हैं कोड़े

राजेश रजक

Holi 2023: ‘बली का बकरा’ ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन रायसेन जिले में इसे चरितार्थ करने वाली परंपरा होती है. होली के मौके पर रायसेन जिले के बनगंवा गांव में बकरे को ऊपर लटकाकर घुमाने की अलग परंपरा निभाई जाती है. इसमें करीब 20 फीट की ऊंचाई पर लकड़ी के एक […]

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Holi 2023: ‘बली का बकरा’ ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन रायसेन जिले में इसे चरितार्थ करने वाली परंपरा होती है. होली के मौके पर रायसेन जिले के बनगंवा गांव में बकरे को ऊपर लटकाकर घुमाने की अलग परंपरा निभाई जाती है. इसमें करीब 20 फीट की ऊंचाई पर लकड़ी के एक सिरे पर बकरे को बांधकर लटकाया जाता है. दूसरे सिरे पर रस्सी बांधकर घुमाया जाता है, रस्सी घुमाने वाले व्यक्ति को जोर-जोर से कोड़े मारे जाते हैं.

रायसेन के ग्राम बनगवां में होली के मौके पर वीर बम्बो बाबा का मेला लगता है. ग्रामीणों की मानें तो ये मेला सदियों से लग रहा है. मेले को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. मेले में होने वाली अनोखी परंपरा ही इसकी खासियत है. इसमें बकरे को ऊपर लटका कर सात बार परिक्रमा कराई जाती है और रस्सी घुमाने वाले व्यक्ति को कोड़े मारे जाते हैं. लोगों का मानना है कि जो कोड़ें मारे जाते हैं उनसे दर्द नहीं होता है, बल्कि इससे तकलीफ और बीमारियां दूर हो जाती हैं.

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सदियों से लगता है मेला
सदियों से यह मेला हलारिया परिवार के द्वारा लगाया जाता है. हलारिया परिवार के लोग इस परंपरा को हज़ारों सालों से मनाते हुए आ रहे हैं. इनका कहना है कि पहले बकरे की जगह पर इंसान को लटकाया जाता था, लेकिन एक बार इंसान गिर गया था, उसके बाद से बकरे को लटकाया जाता है. आसपास के 10-12 गांवों के लोग इस मेले को देखने आते हैं. भारी भीड़ के चलते पुलिस बल भी तैनात रहता है.

गांव के नाम के पीछे है खासियत
बनगंवा गांव के नाम के पीछे भी खास किस्सा है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्षमण वनवास के समय इसी गांव में रुके थे, इसलिए इस ग्राम का नाम वनगवां पड़ा. इसी गांव में होली के मौके पर खास मेले का आयोजन किया जाता है और बकरा घुमाकर कोड़े मारने की परंपरा निभाई जाती है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग गांव में आते हैं.

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