जेल में लगा धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार, कैदियों ने लगाई अर्जी; कथावाचक ने की अपराध नहीं करने की अपील
Pandit Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राम कथा के आखिरी दिन टीकमगढ़ जिला जेल में पहुंचे. उन्होंने टीकमगढ़ जेल में बंद कैदियों को प्रवचन दिया और अपराध नहीं करने की अपील की. इस दौरान कैदी भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देखकर काफी उत्साहित नजर आए. कई कैदियों ने जेल […]
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Pandit Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राम कथा के आखिरी दिन टीकमगढ़ जिला जेल में पहुंचे. उन्होंने टीकमगढ़ जेल में बंद कैदियों को प्रवचन दिया और अपराध नहीं करने की अपील की. इस दौरान कैदी भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देखकर काफी उत्साहित नजर आए. कई कैदियों ने जेल में लगे दरबार में ही अपनी अर्जी लगाई. इस दौरान जिला जेल अधीक्षक प्रतीक जैन सहित अनेक कर्मचारी भी मौजूद रहे.
टीकमगढ़ में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की राम कथा का आयोजन किया गया था. कल टीकमगढ़ में रामकथा का आखिरी दिन था. इस मौके पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जेल के कैदियों के बीच जाकर भी प्रवचन दिया. दरअसल कथा का आयोजन जेल से कुछ ही दूरी पर था. जेल में बंद कैदी वहीं से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा सुन रहे थे. जब इस बारे में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को पता चला तो वे कैदियों को प्रवचन देने के लिए जेल ही पहुंच गए और वहीं पर दरबार लगाकर अर्जियां सुनीं.
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अच्छे रास्ते पर चलने की अपील की
धीरेंद्र शास्त्री टीकमगढ़ में चल रही राम कथा के आखिरी दिन टीकमगढ़ के जिला जेल में बंद कैदियों को प्रवचन देने पहुंचे. कथा के लिए जेल परिसर में ही छोटा सा पांडाल लगाया गया था. उन्होंने जेल में सजा काट रहे बंदी और कैदियों से बात भी की. शास्त्री जी ने कैदियों से आगे अच्छे रास्ते पर चलने के लिऐ कहा. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कैदियों से अपराध नहीं करने की अपील की. उन्होंने जेल से निकलकर बेहतर जीवन जीने की बात कही. सभी ने महाराज जी को बेहतर जीवन जीने का भरोसा दिलाया. कैदियों ने कहा कि हमने जेल में लगी टीवी से आपकी कथा को देखा और सुना हैं.
दिव्य दरबार में उमड़ी भीड़
टीकमगढ़ में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के साथ-साथ दिव्य दरबार का आयोजन भी किया गया था. दिव्य दरबार और रामकथा सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु टीकमगढ़ आए हुए थे. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने अर्जियां लगाईं. टीकमगढ़ में कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षाकर्मी लगाए गए थे. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई थी. कथास्थल के पास बाजार और भंडारे का आयोजन किया गया था.