15 साल की ये लड़की बंद आंखों से नब्ज देख कर पहचान लेती है मर्ज, लोग बोले चमत्कार से कम नहीं..!

सुधीर जैन

MP News:  देश भर में आज बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री (bageshwar dham) और उनके बिना कुछ जाने पर्चा बनाने की चर्चाएं जोरों पर हैं. ऐसे मध्यप्रदेश के टीकमगढ़(tikamgarh) जिले की रहने वाली आकाशी व्यास (akashi vyas) के पास भी गजब का टैलेंट है. आकाशी आंखों पर पट्टी बांधकर किसी (akashi vyas reading book […]

ADVERTISEMENT

akashi vyas reading book blindfold akashi vyas reading with closed eyes tikagarh akashi vyas live demo tikamgarh 10th student akashi vyas madhya pradesh video tikamgrah news video akashi vyas blindfold video
akashi vyas reading book blindfold akashi vyas reading with closed eyes tikagarh akashi vyas live demo tikamgarh 10th student akashi vyas madhya pradesh video tikamgrah news video akashi vyas blindfold video
social share
google news

MP News:  देश भर में आज बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री (bageshwar dham) और उनके बिना कुछ जाने पर्चा बनाने की चर्चाएं जोरों पर हैं. ऐसे मध्यप्रदेश के टीकमगढ़(tikamgarh) जिले की रहने वाली आकाशी व्यास (akashi vyas) के पास भी गजब का टैलेंट है. आकाशी आंखों पर पट्टी बांधकर किसी (akashi vyas reading book blindfold) भी चीज की पहचान कर लेती हैं.  इसके साथ ही किसी भी तस्वीर की पूरी कुंडली वह बता देती हैं. आकाशी अभी ग्यारवी कक्षा की छात्रा हैं. आकाशी को देखकर लोगों को यह समझ नहीं आता कि उनकी इस विशेषज्ञता को आखिर क्या कहा जाए.

टीकमगढ़ शहर के ताल दरवाजे में रहने वाली एक छोटे व्यवसाई की बेटी आकाशी व्यास मात्र 15 वर्ष है. इस उम्र में 2 साल का ब्राइटर माइंड का कोर्स कर आंखों पर मोटी पट्टी बांधकर (akashi vyas reading with closed eyes )फोटो रिडिंग कर फोटो में दिखने वाली पर्सनालिटी के बारे में सब कुछ बता देती हैं. वर्तमान में क्या है उसको किस ऑर्गन में क्या बीमारी है, उसको कैसे ठीक किया जाता है, यह नाम सहित सब कुछ मोबाइल में फोटो पर हाथ से स्कैन कर बता देती है.   

आंखे बंद होते हुये भी बता देती है सारी कुण्डली

टीकमगढ़ शहर के ताल दरवाजे में रहने वाली 15 वर्षीय आकाशी व्यास आजकल सुर्खियों में छाई हुई है. जहां वैज्ञानिक विभिन्न प्रकार के आविष्कार कर दूसरे ग्रहों की यात्रा कर रहे हैं, तो वहीं आकाशी व्यास  (akashi identified all things with closed eyes) आंखों पर मोटी पट्टी बांधकर मोबाइल पर किसी की भी फोटो देखकर उस पर्सनालिटी के बारे में सारी जानकारी बताती हैं, फोटो में किस तरह के कपड़े पहने हुए, जब यह फोटो निकाली गई उसकी मानसिक स्थिति क्या थी? नाम क्या है? कहां रहते हैं? परिवार में कौन हैं? इसके बारे में खाली मोबाइल में फोटो को हाथ से स्कैन करके सारा कुछ बता देती है. चाहे फोटो किसी जगह की हो, जानवर की हो ,व्यक्ति की हो या फिर कोई हिस्टोरिकल इमारत की हो सभी के बारे में आंख बंद करके बताती है ,यह अपने आप में एक चमत्कार से कम नहीं है.

यह भी पढ़ें...

बीमारी बताने में मशीनों से भी आगे

आकाशी व्यास ( akashi) अपने आप में एक आध्यात्मिक चमत्कार से कम नहीं है, जहां लोग अंदर की बीमारियों को जानने के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन एवं विभिन्न प्रकार की मशीनों से जांच कराते हैं, लेकिन आकाशी खाली फोटो को हाथ से स्कैन कर उसकी ऊर्जा से उस व्यक्ति की पर्सनालिटी के बारे में सब कुछ बता देती है. चाहे वह व्यक्ति की फोटो हो या किसी जानवर की हो उसके बारे में सारी जानकारी नाम सहित बता देती हैं. यह अपने आप में आजकल आधुनिक दुनिया की चकाचौंध में किसी चमत्कार से कम नहीं.

क्या कहते हैं स्पिरिचुअल थेरेपिस्ट?

स्पिरिचुअल थेरेपिस्ट अज्जू बर्मा मुबंई ने बताया कि “पूरा सिस्टम न्यूरो साइंस पर आधारित है. न्यूरो प्लास्टिसिटी केवल 15 वर्ष की आयु तक के बच्चे में ही अच्छी होती है. आंखों पर ( all things with closed eyes) पट्टी बांधकर फोटो की उर्जा से हाथों के द्वारा सेंस कर उसे अपनी तीसरी आंख के माध्यम से जिसे अध्यात्म की भाषा में आज्ञा चक्र बोला जाता है, जो इथर एलिमेंट कनेक्ट रहता है. (आकाश तत्व) से संबंधित रहता है. हम मस्तिष्क से देखते हैं. मनुष्य के चेहरे पर कान तो केवल सुनने का द्वार है लकिन इसके इतर हम मस्तिष्क से ही सुनते हैं.

कैसे पूरा होता है ये कोर्स

प्रयागराज के फैसिलेटेटर रामकृष्ण दुबे ने बताया “यह पूरा न्यूरोसाइंस पर आधार कोर्स है. उन्होंने बताया कि 30 घंटे का पूरा कोर्स है, जो अलग-अलग चरणों में करीब दो महीने में पूरा होता है. यह तंत्रिका विज्ञान पर आधारित इस प्रणाली है, इस का उद्देश्य आंख पट्टी बांधकर कर पढ़ना, पहचानना, लिखना नहीं है, इस कोर्स के माध्यम से बच्चे अपने आप से सेंस कर सारी दुनिया के बारे में जान सकते हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चे में फोकस पैदा करना है.

    follow on google news
    follow on whatsapp