सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर में ही उनसे क्यों नाराज है ब्राह्मण समाज? भगवान परशुराम को लेकर हो रही कैसी राजनीति

अभिषेक शर्मा

Gwalior News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में ब्राह्मण समाज ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि डबरा में जानबूझकर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने के दौरान उन्हें फरसा लगाने से रोका जा रहा है.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मध्यप्रदेश के ग्वालिययर में भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने पर विवाद पैदा हो गया है.

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डबरा चौक पर लगने वाली मूर्ति में फरसा लगाने से रोका गया है.

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जिसके बाद ब्राह्मण समाज ने अपना विरोध दर्ज कराया है.

Gwalior News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में ब्राह्मण समाज ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया. ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि डबरा में जानबूझकर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने के दौरान उन्हें फरसा लगाने से रोका जा रहा है.

ब्राह्मण समाज के लोगों ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाली और कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन भी दिया. इसमें समाज के लोगों ने मांग की है कि भगवान परशुराम की मूर्ति को बिना फरसा के नहीं लगा सकते हैं. इसकी अनुमति नगर पालिका से पूर्व में ही मिल चुकी थी.

डबरा चौराहे पर इसके निर्माण का काम भी 50 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है. लेकिन अब अचानक से बिना कोई ठोस वजह बताए फरसा लगाने से क्यों रोका जा रहा है. ब्राह्मण समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि यह पूरे समाज के साथ राजनीति की जा रही है. इसमें सत्ताधारी दल के प्रमुख लोगों के शामिल होने के आरोप भी ब्राह्मण समाज के लोगों ने लगाए.

सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री से समाज नाराज

ब्राह्मण समाज ने अपनी नाराजगी केंद्रीय मंत्री सिंधिया और उनके समर्थक एवं जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को लेकर भी जताई है. ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि डबरा में भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने की सहमति हर किसी ने दी. सहमति के बाद ही मूर्ति लगाने का काम शुरू हुआ. लेकिन अब फरसा लगाने से रोकना समाज के साथ राजनीति करने जैसा है. समाज के लोगों ने ज्ञापन देने के दौरान इस पूरे मामले में सिंधिया और प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा दखल नहीं देने को लेकर नाराजगी जताई.

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