Ratan Tata Will: रतन टाटा की वसीयत आई सामने, जानिए रसोइए, डॉगी और क्लोज फ्रेंड को क्या मिला
Ratan Tata Will: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद उनकी 10,000 करोड़ की संपत्ति को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं. उन्होंने अपनी वसीयत में वफादार सहयोगियों, स्टाफ और यहां तक कि पालतू कुत्ते टीटो तक के लिए खास प्रावधान किए हैं. आखिर किसे क्या मिला?
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देश के जाने-माने कारोबारियों में शुमार रतन टाटा 9 अक्तूबर 2024 को इस दुनिया से हमेशा के लिए चले गए. रतन टाटा के निधन के बाद अब उनकी अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की चर्चा हो रही है. लगातार कई सवाल पूछे जा रहे हैं, कि वसीयत (Ratan Tata Will) में किसके नाम क्या हुआ? किसे क्या मिला? किसकी वफादारी को रतन टाटा इनाम दे गए? अपनी संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा चैरिटेबल कार्यों के लिए न्योछावर करने वाले रतन टाटा ने अपने वफादारों, पुराने सहयोगियों, स्टाफ और अपने प्यारे डॉग्स की देखरेख के लिए वसीयत में क्या लिखा है? चलिए जानते हैं रतन टाटा ने अपनी वसीहत ने किसके लिए क्या छोड़ा है.
पालतू कुत्ते के लिए 12 लाख रुपये
रसोइए राजन शॉ को रतन टाटा के पालतू कुत्ते टीटो की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी गई है. उनके प्यारे डॉग ‘टीटो’ के लिए 12 लाख रुपये का कॉर्पस फंड अलग से रखा गया है. कोर्ट दस्तावेजों के मुताबिक, रतन टाटा के 4 लाख रुपये से अधिक नकद, लोकल बैंक अकाउंट और एफडी में करीब 367 करोड़ रुपये जमा थे. उनकी 40 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्तियां भी थीं, जिनमें सेशेल्स में जमीन, वेल्स फारगो बैंक और मॉर्गन स्टेनली में अकाउंट, और एल्कोआ कॉर्प व होमेट एयरोस्पेस के शेयर शामिल थे.
रसोइए को क्या मिला?
रतन टाटा के साथ काफी समय से काम कर रहे रसोइए राजन शॉ और उनके परिवार के लिए रतन टाटा ने 50 लाख रुपये छोड़े हैं. वहीं, उनके पुराने बटलर सुब्बैया को भी वसीयत में 30 लाख रुपये मिले हैं.
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निजी सहायक का लोन माफ
रतन टाटा के निधन के बाद एक शख्स की खूब चर्चा हुई वो हैं उनके सबसे करीबी सहयोगी और दोस्त शांतनु नायडू. शांतनु, टाटा ट्रस्ट्स में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं और रतन टाटा के निजी सहायक रहे हैं. उन्हें स्टार्टअप "गुडफेलोज" में टाटा की हिस्सेदारी मिली है. साथ ही, रतन टाटा ने उनका एजुकेशन लोन माफ कर दिया.
क्लोज फ्रेंड को दी 3 गन
रतन टाटा के क्लोज फ्रेंड मेहली मिस्त्री को उनकी अलीबाग प्रॉपर्टी और तीन गन मिली हैं, जिनमें से एक .25 बोर पिस्टल है. वसीयत में खास जिक्र किया गया है कि मेहली मिस्त्री ने इस प्रॉपर्टी को संभव बनाने में खास योगदान दिया था. रतन टाटा ने उम्मीद जताई कि यह बंगला उन्हें उन अच्छे दिनों की याद दिलाएगा, जो उन्होंने साथ बिताए थे.
भाई को बंगले का एक हिस्सा व ज्वेलरी
रतन टाटा ने अपने छोटे भाई जिमी टाटा को जुहू बंगले का एक हिस्सा, कुछ सिल्वर आर्टिकल्स और ज्वेलरी दे दी. जिमी टाटा की शादी नहीं हुई थी और उनके कोई संतान नहीं है, इसलिए उनकी हिस्सेदारी सीमित लेकिन महत्वपूर्ण बताई जाती है. यह प्रॉपर्टी रतन टाटा को उनके पिता नवल एच. टाटा से मिली थी. बाकी का आधा हिस्सा सिमोन टाटा और नोएल टाटा को मिलेगा.
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