सोनम वांगचुक को क्यों भेजा गया जेल? पत्नी गीतांजलि आंगमो कैसे लड़ रही हैं इंसाफ की लड़ाई
लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक को हालिया प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है. अब उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो, उनके हक में खुलकर सामने आकर सरकार से जवाब मांग रही हैं.

बीते कई दिनों से लद्दाख से एक नाम लगातार सुर्खियों में है, सोनम वांगचुक. वही शख्स जिनकी जिंदगी से प्रेरित होकर फिल्म 3 इडियट्स का किरदार 'फुंसुख वांगड़ू' बना था, जिसे आमिर खान ने निभाया. लेकिन अब वही रियल लाइफ हीरो जेल की सलाखों के पीछे हैं.
कौन हैं सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक सिर्फ लद्दाख के ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के लिए एक आइकन हैं. उन्होंने सोलर हीटिंग टेंट, आइस-स्तूपा जैसी इनोवेटिव तकनीकों से लद्दाख के लोगों की जिंदगी आसान की. वो पर्यावरण के लिए, सोलर टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल आर्किटेक्चर के लिए जाने जाते हैं. उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड भी मिल चुके हैं, जैसे रेमन मैग्सेसे, रोलैक्स इनोवेशन अवॉर्ड वगैरह.
फिर जेल क्यों भेजा गया?
सब कुछ तब बदला जब 10 सितंबर 2025 से सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों ने लद्दाख की चार बड़ी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की. ये मांगें थीं लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल कर संवैधानिक सुरक्षा मिले, कारगिल और लेह को अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र बनाया जाए और स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाए.
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भूख हड़ताल के दौरान दो लोग बेहोश
23 सितंबर को भूख हड़ताल के दौरान दो लोग बेहोश हो गए, जिनमें एक बुजुर्ग महिला भी थीं. इसके बाद प्रदर्शन उग्र हो गया. लेह बंद का आह्वान किया गया, जिसे कारगिल के नेताओं ने भी समर्थन दिया. विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हुए, पुलिस पर पत्थरबाज़ी हुई और जवाब में गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में कारगिल युद्ध के हीरो टी. थारचिन भी शामिल थे.
इसके बाद सरकार ने सीधे तौर पर सोनम वांगचुक को इस हिंसा का जिम्मेदार ठहराया और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
गीतांजलि आंगमो क्यों चर्चा में हैं?
अब जब सोनम जेल में हैं, तो उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो खुलकर उनके समर्थन में सामने आई हैं. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए हैं कि अगर भारत और पाकिस्तान एक साथ क्रिकेट खेल सकते हैं, तो क्लाइमेट सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोनम वांगचुक पाकिस्तान क्यों नहीं जा सकते?
गीतांजलि ने साफ कहा कि वो दौरा पूरी तरह प्रोफेशनल और पर्यावरण से जुड़ा हुआ था. वो भी उस समय पति के साथ थीं.
कौन हैं गीतांजलि आंगमो?
गीतांजलि सिर्फ सोनम की पत्नी ही नहीं, एक सशक्त महिला हैं जो खुद भी समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में काम करती रही हैं. वो HIAL (Himalayan Institute of Alternatives, Ladakh) की को-फाउंडर और CEO हैं.
फिजिक्स में ग्रेजुएट और एमबीए की डिग्री के बाद उन्होंने कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर समाजसेवा को चुना, उन्होंने 15 साल डेनमार्क में रहकर एजुकेशन और सोशल वर्क किया. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा बोर्ड में सलाहकार रह चकी हैं. गीतांजलि कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं और बेटे के साथ अमेरिका में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की शेवनिंग फेलो रह चुकी हैं
भारत सरकार ने 2022 में उन्हें वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड से नवाजा था.
राजनीति भी हो रही है गर्म
राहुल गांधी ने खुलकर सोनम वांगचुक का समर्थन किया है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि कारगिल युद्ध के हीरो टी. थारचिन को गोली क्यों मारी गई? राहुल ने कहा कि लद्दाख के लोग अपने हक की आवाज उठा रहे हैं और उन्हें दबाया जा रहा है.
अब आगे क्या?
फिलहाल गीतांजलि आंगमो, वकीलों और समर्थकों के साथ सोनम की रिहाई की मांग कर रही हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार एक सच्चे देशभक्त को विदेशी एजेंडे का हिस्सा बताकर बदनाम कर रही है. लद्दाख की जनता भी अब दो धड़ों में बंटी हुई है. कुछ लोग सरकार का पक्ष ले रहे हैं, तो कई लोग सोनम के साथ खड़े हैं.
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