राकेश के सपनों को हकीकत बना रहीं रेखा झुनझुनवाला, शेयर बाजार में अब उनके फैसलों से बदल रहा है खेल
राकेश झुनझुनवाला ने अपने विजन, रिसर्च और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से शेयर बाजार में एक मिसाल कायम की, जिसे अब उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला आगे बढ़ा रही हैं.
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शेयर बाजार में झुनझुनवाला केवल इन्वेस्टर नहीं, एक ब्रैंड नेम है. ये ब्रैंड बनाने वाले थे राकेश झुनझुनवाला. माना जाता रहा कि जिस कंपनी के शेयर झुनझुनवाला ने खरीद लिए उसकी किस्मत चमक जाती थी. जिसके शेयर बेच दिए मतलब उसका फ्यूचर गड़बड़ है.
इन्वेस्टमेंट टिप्स की चलती फिरती दुकान कह लीजिए या मार्केट के सबसे बड़े भविष्यवक्ता. राकेश झुनझुनवाला के मूव से बरसों तक शेयर मार्केट का मूव डिसाइड होता रहा.
आज राकेश झुनझुनवाला नहीं हैं लेकिन शेयर मार्केट में उनकी विरासत भी आगे बढ़ा रही हैं और जमकर पैसे भी कमा रही हैं उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला. जब से सरकार के नए कानून से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर ताला लगा तब से रेखा झुनझुनवाला वायरल हैं.
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एक बड़े विवाद में फंसी हैं इसलिए हमारे शो की चर्चित चेहरा बनी हैं रेखा झुनझुनवाला. रेखा झुनझुनवाला मतलब भारत की दूसरी सबसे अमीर महिला जिनकी संपत्ति के बारे में फोर्ब्स ने अनुमान लगाया कि मार्च 2025 में उनकी नेट वर्थ लगभग 6.51 लाख करोड़ रुपये थी. सक्सेस की गजब कहानी है एक साधारण परिवार से निकलकर राकेश और रेखा झुनझुनवाला के सबसे अमीर बनने की.
जमीन पर आ गई गेमिंग इंडस्ट्री
सरकार चाहे तो इंडस्ट्री बना सकती है. सरकार चाहे तो आसमान में उड़ती इंडस्ट्री को एक झटके में जमीन पर गिराकर खत्म भी कर सकती है. सरकार की इसी पावर से जमीन पर आ गई ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री. ड्रीम 11, माई 11 सर्कल जैसी बड़ी गेमिंग कंपनियां बंद होने की कगार पर हैं क्योंकि सरकार ने मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग बिजनेस पर लगा दिया है ताला.
ऑनलाइन गेमिंग में एक्टिव कंपनियों में नजारा टेक्नॉलॉजी भी है जो शेयर बाजार में लिस्टेड है. ऑनलाइन गेमिंग पर ताला लगने से नजारा वालों का भी पोकरबाजी ऐप बैठ गया. 5 दिन में नजारा टेक के शेयर 25 परसेंट से ज्यादा गिर गए. हल्ला ये नहीं कि नजारा के शेयर्स गिर रहे हैं.
हल्ला ये मचा कि रेखा झुनझुनवाला ने वक्त रहते नजारा के सारे शेयर बेचकर सारे पैसे प्रॉफिट के साथ निकाल लिए. मार्च में रेखा के पास नजारा के करीब 62 लाख शेयर या 7 परसेंट से ज्यादा शेयर थे. लोग सवाल पूछ रहे हैं क्या नजारा के 334 करोड़ के शेयर्स बुरे समय से पहले बेच देना रेखा झुनझुनवाला का मास्टर स्ट्रोक था या इनसाइड ट्रेडिंग यानी शेयर बाजार की खुफिया जानकारी हासिल करके खुद को भीषण नुकसान से बचा लिया.
इसी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है रेखा और उनके दिवंगत पति राकेश झुनझुनावाला की पीएम मोदी के साथ वाली एक फोटो. वायरल फोटो में राकेश कुर्सी पर बैठे हैं. पीएम मोदी रेखा के साथ खड़े हैं. लोग अब झुनझुनवाला पर आरोप लगा रहे हैं कि मोदी भक्ति का फल मिला है. 2022 में निधन से कुछ वक्त पहले राकेश और रेखा मोदी से मिले थे.
राकेश झुनझुनवाला को दिया गया पद्मश्री सम्मान
तब भी उस मुलाकात की बहुत चर्चा हुई थी. मोदी ने वन एंड ऑनली राकेश झुनझुनवाला कहा था. चर्चा इसकी भी हुई कि इतना बड़ा आदमी पीएम मोदी से मिलते समय ऐसी शर्ट पहनकर चला गया जो ढंग से प्रेस भी नहीं थी. 2023 में राकेश झुनझुनवाला को मरणोपरांत मोदी सरकार ने ही पद्मश्री सम्मान दिया था जिसे रेखा ने स्वीकार किया था. राकेश झुनझुनवाला भी इकोनॉमी को लेकर बुलिश रहे औऱ पीएम मोदी को लेकर भी.
राकेश झुनझुनवाला ने पूरी जिंदगी कभी कोई बिजनेस नहीं खड़ा किया. बस खुद की स्टॉक ट्रेडिंग फर्म रेयर (RARE) एंटरप्राइजेज चलाते रहे. एक इन्वेस्टमेंट से राकेश झुनझुनवाला ने शेयर मार्केट से इतना कमाया जितना अच्छे-अच्छे बिजनेसमैन नहीं कमा पाते है.
साल 2022 में जब राकेश झुनझुनवाला की मौत हुई तो उससे पहले उन्होंने बरसों पुरानी हसरत पूरी करने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट के साथ पार्टनरशिप में अकासा नाम की एयरलाइन शुरू की लेकिन अकासा लकी साबित नहीं हुई. एयरलाइन शुरू होते ही राकेश झुनझुनवाला अरबों की संपत्ति छोड़कर चले गए. राकेश के जाने के बाद झुनझुनवाला का सारा कुछ संभालने लगीं रेखा झुनझुनवाला.
झुनझुनवाला के रहते रेखा झुनझुनवाला भी शेयर मार्केट में एक्टिव रहीं लेकिन मार्केट में नाम रेखा का नहीं, राकेश झुनझुनवाला का चलता था. अब रेखा झुनझुनवाला का चलता है. वही दौर वही चर्चाएं शुरू हैं कि रेखा किस शेयर में पैसे लगा रही हैं, किससे पैसे निकाल रही हैं.
राकेश झुनझुनवाला राजस्थान के झुंझनूं के अग्रवाल परिवार में जन्मे थे. इनकम टैक्स ऑफिसर पिता शेयर मार्केट में इंटरेस्ट लेते थे. घर में होने वाले डिस्कशन से सीए बनने के बाद राकेश झुनझुनवाला शेयर बाजार में किस्मत आजमाने चले. तब बीएसई का सेंसेक्स 150 का होता था. जो आज 81 हजार के पार है. बिना परिवार की मदद लिए राकेश झुनझुनवाला ने खुद 5 हजार कमाए और मुंबई की दलाल स्ट्रीट में उतर गए. तब तक शेयर बाजार में हर्षद मेहता की भी एंट्री हो चुकी थी. तब हर्षद ही मार्केट के खिलाड़ी होते थे. झुनझुनवाला बस इमरजिंग इन्वेस्टर थे.
रेखा और राकेश झुनझुनवाला की शादी 1987 में हुई थी
उसी दौर में रेखा राकेश की जिंदगी में आईं. मुंबई से ग्रेजुएट रेखा की 1987 में जब राकेश झुनझुनवाला से शादी हुई तो तब राकेश झुनझुनवाला मिडिल क्लास फैमिली के ऑर्डिनरी इन्वेस्टर भर थे जो शेयर बाजार में पैसे लगाकर पैसे बनाने की स्ट्रगल कर रहा था. तब घर में कोई कार नहीं था. परिवार ने कोई महंगी चीज नहीं खरीदी थी. तब कहां किसी ने सोचा था कि एक दिन रेखा और राकेश झुनझुनवाला का परिवार न केवल अपनी किस्मत बदल लेगा बल्कि झुनझुनवाला को भारतीय शेयर बाजार का वॉरेन बफेट, बिग बुल कहा जाएगा.
1986 में पहली बार 5 लाख का मोटा प्रॉफिट टाटा टी के शेयर्स से कमाए. उस जमाने में उन्होंने 43 रुपये के भाव पर 5 हजार शेयर्स खरीदे थे. जैसे ही 100 का प्रॉफिट हुआ उन्होंने शेयर्स बेचकर 5 लाख का मोटा प्रॉफिट कमा लिया. ऐसे ही इन्वेस्टमेंट के साथ अगले दो-तीन साल में उन्होंने 20-25 लाख कमा लिए थे. टाटा पावर, सेसा गोवा जैसे कंपनियों के शेयर्स में उन्होंने शुरूआती इन्वेस्टमेंट किए.
राकेश झुनझुनवाला की किस्मत तब बदली जब उन्होंने टाटा ही ही कंपनी टाइटन में इन्वेस्ट किया. 2002-03 में राकेश झुनझुनवाला ने तीन रुपये के भाव पर टाइटन के 6 करोड़ शेयर खरीदे थे. तब से झुनझुनवाला UNSTOPBLE हो गए. वही टाइटन के शेयर झुनझुनवाला को 11 हजार करोड़ से ज्यादा दे गए. उन्होंने जितना इन्वेस्ट किया उसका 40 परसेंट टाइटन में किया. रेखा को 2024 क्वार्टर में केवल शेयर्स डिविडेंड से 224 करोड मिले.
शेयर बाजार से कमाकर झुनझुनवाला तेजी से अमीर हो रहे थे लेकिन उन्होंने परिवार और प्राइवेट लाइफ एकदम प्राइवेट रखी. 2004 में पति-पत्नी ने बेटी निष्ठा को जन्म दिया. आगे दो जुड़वा बेटे आर्यमन और आर्यवीर. आज भी रेखा के पास्ट, परिवार के बच्चों के बारे में ज्यादा डिटेल पब्लिक डोमेन में नहीं है.
भविष्य का सही और सटीक अनुमान
राकेश झुनझुनवाला ने अपने जीवन में भविष्य और इन्वेस्टमेंट के सही और सटीक अनुमान लगाए. कहते थे. मौसम, मौत, मार्केट और महिला यानी four m के बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता. मार्केट का कोई किंग नहीं होता, जो खुद को किंग समझते थे वो जेल पहुंच गए.
राकेश झुनझुनवाला बिग बुल इसलिए कहे गए क्योंकि उन्होंने हमेशा ये माना कि मार्केट ऊपर जाएगा. उनका थॉट रहा कि पैसे कमाने के लिए कभी शेयर को आज या कल की बढ़त या गिरावट को जज न करें. लॉन्ग टर्म फ्यूचर देखकर लॉन्ग टर्म के लिए पैसे लगाना ही उनकी सबसे बड़ी सलाह थी. मार्केट में झुंड क्या कर रही है, ये मत सुनो. अपने रिसर्च और एनालिसिस पर भरोसा करो. हमेशा इस बात के लिए तैयार रखना चाहिए कि शेयर बाजार अस्थिर है. गिरावट हो तो घबराना या आवेश में फैसला नहीं करना चाहिए. रिस्क करने के लिए डायवर्स पोर्टफोलियो यानी अलग अलग तरह के शेयरों में इन्वेस्टमेंट ही उनकी टिप्स थी.
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