महाराज प्रेमानंद से कौन सा ऐसा सवाल पूछ लिया गया, जो दे डाला लड़कियों के चरित्र पर इतना बड़ा बयान
प्रेमानंद महाराज का 100 में से चार बच्चियों को पवित्र बताने वाला बयान एक खास सवाल के जवाब में दिया गया था, जिसमें युवाओं के बदलते रिश्तों और चरित्र पर चिंता जताई गई थी। वायरल वीडियो का संदर्भ अधूरा है, असल बात समझने के लिए पूरा संवाद देखना जरूरी है।
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पिछल दो दिन से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में प्रेमानंद महाराज एक ऐसा बयान देते दिख रहे हैं. जिससे उनकी काफी आलोचना हो रही है.
14 सेकेंड के इस वायरल क्लिप प्रेमानंद दी कहते नजर आ रहे हैं कि , "100 में से चार ही बच्चियां पवित्र हैं. बांकि कैसे बनेगी सच्ची बहु", इस क्लिप में उन्होंने महिलाओं को लेकर जिस तरह का बयान दिया उससे सोशल मीडिया पर लोग दो गुटों में बट गए हैं. कुछ इस बयान की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ समर्थन में खड़े हैं.
हालांकि सवाल ये उठता है कि क्या वाकई प्रेमानंद ने ऐसा ही कहा था? चलिए जानते हैं पूरा मामला और इस वायरल वीडियो में कही गई बात किस संदर्भ में बोली गई थी.
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कब का है ये वीडियो, किस टॉपिक पर हो रही है बात
प्रेमानंद जी महाराज के 12 जून 2025 को ये वीडियो अपने ऑथेंटिक यूट्यूब चैनल पर डाला था. यह वायरल क्लिप उनके एक प्रवचन का हिस्सा है. वीडियो को शुरुआत से देखेंगे तो आपको एक महिला सवाल करती नजर आएंगी. महिला का सवाल था कि आजकल चाहे प्रेम विवाह हो या अरेंज मैरिज, दोनों ही मामलों में रिश्ते टूट रहे हैं. ऐसे में माता-पिता कैसे तय करें कि बच्चों का भविष्य अच्छा होगा?
इस सवाल के जवाब में महाराज जी ने आज कल के युवाओं के आचरण और उनके चरित्र पर बात रखी. उनका कहना था कि आज वो समय है जब लड़के अपने आचरण में स्थिर हैं और न लड़कियां. उन्होंने कहा कि जब किसी रिश्तों में बार-बार बदलाव होने लगता है तो वो पवित्रता की भावना को खत्म कर देता है.
"चार बच्चियां पवित्र" वाला बयान अधूरे संदर्भ में वायरल
अब बात करते हैं उस बयान की जिसपर बवाल हो रहा है तो वह बयान प्रेमानंद के प्रवचन के लंबे हिस्से का एक छोटा सा अंश है. महाराज जी कहना चाह रहे हैं कि आज की जीवनशैली और सोच में पहले की तुलना में काफी ज्यादा बदलाव आ गया है. उन्होंने कहा कि पहले के समय में लड़कियां काफी संयमी और परंपराओं के अनुसार चलने वाली होती थीं. लेकिन आज के जमाने के ज्यादातर लड़के और लड़कियां रिश्तों को लेकर गंभीर नहीं हैं.
महाराज जी का पूरा वाक्य था- “अब 100 में से कोई दो-चार कन्याएं होंगी जो पवित्र जीवन जी रही होंगी और किसी एक पुरुष को पूरी श्रद्धा से समर्पित होती होंगी. उन्होंने यह बात समाज में बढ़ती लिव-इन रिलेशनशिप, बार-बार ब्रेकअप और फिजिकल रिलेशन को लेकर चिंता जताते हुए कही थी.
समाज की आदतों में बदलाव पर चिंता
इसी प्रवचन में वह आगे उदाहरण देते हुए कहते हैं कि जैसे अगर किसी को रोज होटल का खाना खाने की आदत लग जाए तो घर का साधारण भोजन अच्छा नहीं लगेगा, वैसे ही जब इंसान जब बार-बार रिश्ते बदलता है तो एक स्थायी और पवित्र रिश्ता निभाना मुश्किल हो जाता है.
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