Charchit Chehra: कौन थीं रतन टाटा की सौतेली मां सिमोन टाटा, जिन्हें कहा जाता था कॉस्मेटिक जारीना, अब 95 की उम्र में हुआ निधन
Simone Tata Biography : लैक्मे को नई पहचान देने वाली और टाटा ट्रेंट जैसी दिग्गज कंपनी की नींव रखने वाली सिमोन टाटा का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. रतन टाटा की सौतेली मां और नोएल टाटा की माता सिमोन को कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री की ‘कॉस्मेटिक जारीना’ कहा जाता था. उनके निधन के बाद न सिर्फ उनके बिजनेस लेगेसी बल्कि पारसी अंतिम संस्कार की अनोखी परंपरा भी चर्चा में है.

Simone Tata biography: बिजनेस की दुनिया में शानदार बिजनेसवीमेन के नाम की चर्चा होगी सिमोन टाटा को हमेशा याद किया जाएगा. लैक्मे की शुरूआत करने के बाद उन्हें कॉस्मेटिक जारीना के नाम से पहचाना जाने लगा.सिमोन सिर्फ रतन टाटा की सौतेली मां या नोएल टाटा की मां ही नहीं बल्कि वो महिला बनीं जिन्होने अपने हुनर से भारतीय कॉस्मेटिक्स और रिटेल इंडस्ट्री को नया आकार दिया. एक विदेशी लड़की से भारत की सबसे प्रभावशाली बिजनेसविमन बनने तक का उनका सफर किसी इंस्पीरेशन से कम नहीं. सिमोन वो हैं जिनके बनाए गए ब्रांड आज भी करोड़ों लोगों की जिंदगी में खूबसूरती और फैशन का अहसास लाते हैं. सिमोन टाटा ने 95 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. सिमोन टाटा के जाने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है टाटा ट्रेंट की, जिसके अंतर्गत वेस्टसाइड, लैंडमार्क और जूडियो जैसे ब्रांड्स आते हैं. चर्चा हो रही है पारसी समुदाय में होने वाले खास तरीके से अंतिम संस्कार की जिसमें शव को न तो जलाया जाता है और न ही दफनाया जाता है. इस खबर में जानते हैं कि कैसे विदेशी लड़की से भारत की बिजनेसविमन बनने का सफर तय किया, कैसा था सौतेले बेटे रतन टाटा ने उनका रिश्ता और क्या है पारसी समुदाय में होने वाले अंतिम संस्कार की विधि बताएंगे सब चर्चित चेहरा के इस एपिसोड में तो बने रहें वीडियो के आखिर तक.
95 साल की उम्र में मुंबई के अस्पताल में ली अंतिम सांस
दरअसल, भारत की फेमस बिजनेसवीमेन सिमोन टाटा का 95 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में दुनिया को अलविदा कह दिया है. बीते समय से उनकी सेहत कुछ ठीक नहीं चल रही थी. उनका इलाज दुबई के किंग्स हॉस्पिटल में भी हो चुका था लेकिन बढ़ती उम्र के चलते कई दिक्कतों से जुझते हुए उन्हें बचाया नहीं जा सका. अब उनके निधन से भारतीय उद्योग जगत, खासकर कॉस्मेटिक्स और रिटेल सेक्टर ने एक प्रभावशाली बिजनेसवीमेन को खो दिया है. बताया जा रहा है कि उन्हें कोलाबा स्थित कैथेड्रल ऑफ द होली नेम चर्च में अंतिम विदाई दी जाएगी. जब पिछले साल रतन टाटा के अंतिम दर्शन करने के लिए उनकी सौतेली मां सिमोन व्हील चेयर में बैठ अपने सौतेले बेटे के अंतिम दर्शन करने पहुंची थीं. इस मौके पर सिमोन टाटा की आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे थे और उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. आज सिमोन अपने पीछे परिवार में बेटे नोएल टाटा, बहू आलू मिस्त्री और उनके बच्चे नेविल, माया और लिआ को छोड़ गई हैं.
ट्रेंट की ताकत और सिमोन की भूमिका
सिमोन टाटा के जाने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है टाटा ट्रेंट की, जिसके अंडर वेस्टसाइड, लैंडमार्क और जूडियो जैसे ब्रांड्स आते हैं. यकीनन इन स्टोर्स से आपने भी कभी न कभी शॉपिंग तो की होगी. जिस ट्रेंट की बात हो रही है उसे आजकल संभाल रहे हैं रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा. जिसे कभी उनकी मां सिमोन टाटा संभालती थी. आज ट्रेंट टाटा ग्रुप की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है, जो टीसीएस, टाइटन और टाटा मोटर्स के बाद आती है. सिमोन ने ट्रेंट की शुरूआत करने से पहले एक ऐसा कदम उठाया जिसने सभी को हैरान कर दिया था. सिमोन टाटा ने 1962 में ग्रुप की टाटा ऑयल मिल्स और लैक्मे जैसी कंपनी की शुरूआत की. अपनी सूझबूझ से लैक्मे को एक बड़ा ब्रांड बनाया, जो विदेशी प्रोडक्ट को भी टक्कर देना लगा. 20 साल की मेहनत के बाद सिमोन इन कंपनियों की चेयरपर्सन भी बनीं. 1989 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल किया गया. उन्होंने भारतीय महिलाओं की स्किन, मेकअप और ब्यूटी जरूरतों को समझा और कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स बना दिए. सिमोन ने लैक्मे को खूब बड़ा बनाया और फिर हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड यानी HLL को अपना 50 प्रतिशत स्टेक 200 करोड़ रुपये में बेच दिया, यह डील HLL के साथ साल 1996 में हुई थी, जिसे आप आज हिंदुस्तान यूनिलीवर के नाम से भी जानते हैं.
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भारतीय कॉस्मेटिक दुनिया में किए साहसिक फैसल
ये डील इंडियन बिजनेस हिस्ट्री के सबसे बड़े फैसलों में गिनी जाती है. सिमोन के इस फैसले पर बोर्ड मेंबर्स राजी तो हो गए लेकिन कहीं न कहीं वो भी कंफ्यूज तो जरूर होंगे कि ये फैसला सही है या गलत. सिमोन ने इसके बाद ट्रेंट की स्थापना कर अपने फैसले को सही साबित किया. लैक्मे को बेचकर कंपनी को जो पैसा मिला उसी पैसों से सिमोन ने ट्रेंट कंपनी बनाई. ट्रेंट लिमिटेड के तहत टाटा ग्रुप रिटेल फैशन चेन है जिसमें वेस्टसाइड, लैंडमार्क, एक बुकस्टोर और जूडियो जैसे स्टोर्स शामिल हैं. सिमोन ट्रेंट में 30 अक्टूबर 2006 तक गैर-कार्यकारी चेयरमैन पद काम करती रहीं, जिसके बाद नोएल टाटा ने इसकी जिम्मेदारी संभाली और अभी तक वही इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. सिमोन ने सिर्फ बिजनेस जगत में ही नही बल्कि दूसरी फील्ड में भी काम किया, वो सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन रहीं. इसके अलावा चिल्ड्रन ऑफ द वर्ल्ड इंडिया (CWI) और इंडिया फाउंडेशन फॉर द आर्ट्स से भी जुड़ी थीं. उन्होंने कला, शिक्षा और कमजोर वर्गों के लिए काम करने वाले कई प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाया है.
फैशन और रिटेल की बदल दी दिशा
स्विट्जरलैंड में 1930 में पैदा हुईं, उनका पूरा नाम Simone Naval Dunoyer Tata था. सिमोन ने अपनी एजूकेशन जिनेवा यूनिवर्सिटी से हासिल की. सिमोन साल 1953 में भारत आईं थीं, इसी दौरान उनकी मुलाकात रतन टाटा के पिता नवल टाटा से हुई. ये मुलाकात मोहब्बत में बदल गई और फिर सिमोन ने नवल टाटा से दूसरी शादी कर मुंबई में ही रुकने का फैसला कर लिया था. नवल टाटा की पहली पत्नी सूनी कॉमिस्सैरिएट से उन्हें दो बेटे रतन टाटा और जिमी टाटा थे. रतन टाटा को बाद में उनकी दादी ने अडॉप्ट किया और पाल पोसकर बड़ा किया. सिमोन नोएल टाटा की मां हैं और नवल एच टाटा की दूसरी पत्नी इस लिहाज से वो रतन टाटा की सौतेली मां हुईं.. सिमोन ने कॉस्मेटिक्स से लेकर फैशन रिटेल तक, इंडियन मार्केट में दो बड़े और सक्सेसफुल बिजनेस मॉडल खड़े किए. यही कारण हे कि देश में उन्हें कॉस्मेटिक जारीना भी कहा जाता है. इसके अलावा वो समाज सेवा में भी काफी एक्टिव रहीं. सिमोन शादी की शादी पारसी समुदाय में हुई, अब उनके निधन के बाद पारसी अंतिम संस्कार को लेकर भी जबरदस्त चर्चा है.










