छत्तीसगढ़: भिलाई में बच्चों से भीख मंगवाने वाले रैकेट का पर्दाफाश, 200 रुपये के लिए मासूमों पर हो रहा जुल्म

भिलाई के सिविक सेंटर में छोटे बच्चों से भीख मंगवाने वाला रैकेट का तब पर्दाफाश हुआ जब बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा को कई बच्चे एक साथ भीख मांगते मिले. उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों को बुलाकर बच्चों का LIVE रेस्क्यू कराया और पूरे नेटवर्क की जांच के निर्देश दिए.

भिलाइ में चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला आया सामने
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छत्तीसगढ़ के भिलाई में छोटे बच्चों से भीख मंगवाने वाला एक सक्रिय रैकेट सामने आया है. सिर्फ 200 रुपए की रोजी के लिए मासूम बच्चों को सड़क-सड़क भेजा जा रहा है. यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब छत्तीसगढ़ राज्य बाल सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष और साइकोलॉजिस्ट डॉ. वर्णिका शर्मा भिलाई के सिविक सेंटर पहुंचीं.

सिविक सेंटर में सामने आई चौंकाने वाली तस्वीर

डॉ. शर्मा किसी काम से वहां गई थीं, तभी एक 4 साल की बच्ची उनके पास आकर भीख मांगने लगी. उन्होंने बच्ची से बात की तो उसने घूम-घूमकर भीख मंगवाने से जुड़ी कई बातें बताईं. इसी बीच देखते-देखते 4–5 और बच्चे वहां आ गए. यह देखकर डॉ. शर्मा ने सभी की काउंसिलिंग शुरू कर दी.

इसी दौरान करीब 22 साल की एक लड़की भी आई, लेकिन बातचीत से पहले ही वहां से भाग निकली. बाद में एक महिला भी पहुंची, जिसने चार बच्चों को अपना बताया और एक बच्चे को पड़ोसी का.

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अधिकारियों को मौके पर बुलाया

स्थिति गंभीर देखते हुए डॉ. शर्मा ने तुरंत महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग के अधिकारी आर.के.जामुलकर, एएसपी सुखनंदन राठौर और बाल कल्याण समिति के सदस्यों को फोन पर जानकारी दी.

सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्चों की पहचान का सत्यापन किया. बच्चों ने पूछताछ में कई खुलासे किए. यह भी बताया कि वे दाल-चावल-आटा जैसी चीजें मांगते हैं और रोजाना उनसे भीख मंगवाई जाती है.

डॉ. शर्मा ने बच्चों को बिस्कुट और जरूरत का सामान दिलाया और करीब आधे घंटे तक उनकी काउंसिलिंग की. इसके बाद उन्होंने सभी जिम्मेदार विभागों को धारा 14, 13 और 15 के तहत नोटिस जारी करने की बात कही और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.

ये बच्चे असुरक्षित माहौल में थे

घटना को लेकर डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा, 'सिविक सेंटर में कई बच्चे भीख मांगते मिले. मुझे दुख हुआ. मैंने सभी अफसरों को सूचना दी और आज LIVE रेस्क्यू किया. यह गलत काम भिलाई में लगातार हो रहा है. जो महिला खुद को मां बता रही थी मुझे नहीं लगा कि सभी बच्चे उसके हैं. एक लड़की हमें देखते ही भाग गई. अब सभी संवेदनशील जगहों की जांच होगी और ऐसे बच्चों का रेस्क्यू कर उन्हें शिक्षा से जोड़ा जाएगा.

निरीक्षण कर रहीं आयोग अध्यक्ष

पिछले कुछ समय से डॉ. शर्मा छत्तीसगढ़ के कई जिलों में औचक निरीक्षण कर रही हैं. बिलासपुर, कोरबा और कसडोल में उन्होंने नाबालिगों की नशाखोरी, सुरक्षा और कानूनी खामियों पर कार्रवाई की है. अधिकारियों को व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए हैं.

क्या है आगे की कार्रवाई?

बच्चों द्वारा बताई गई जानकारी को आधार बनाकर अब पुलिस और बाल संरक्षण विभाग रैकेट की जांच करेंगे. जिन स्थानों पर ऐसे बच्चों की मौजूदगी मिलती है वहां टीम भेजी जाएगी और सभी बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित वातावरण में भेजा जाएगा.

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