एक्सप्रेस-वे पर जर्नीं करते समय भूलकर भी न करें ये गलती, UP में भी हो गया MP के धाकड़ जैसा कांड!
सुल्तानपुर टोल प्लाजा स्कैंडल और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कपल का निजी वीडियो वायरल होने के बाद ATMS सिस्टम की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल सामने आ रहे हैं. हाईवे पर लगे ये हाई-टेक कैमरे 24×7 निगरानी करते हैं. ये दूर तक जूम कर सकते हैं और हर वाहन का डेटा रीयल-टाइम कंट्रोल रूम तक भेजते हैं. ऐसे मामलों के बाद यात्रियों की गोपनीयता और सुरक्षा पर बड़ी बहस शुरू हो गई है.

ATMS kya hai : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से गुजरने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक कपल के निजी पलों का वीडियो असिस्टेंट मैनेजर द्वारा वायरल किए जाने के बाद एक्सप्रेस-वे पर लगे ATMS (Advanced Traffic Management System) एक बार फिर चर्चा में है. इससे पहले मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी धाकड़ का हाईवे पर आपत्तिजनक हरकत वाला वीडियो वायरल होने के बाद यात्रियों की गोपनीयता को लेकर सवाल उठे थे. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि ATMS आखिर है क्या, यह कैसे काम करता है और इसका उद्देश्य क्या है.
क्या है ATMS और क्यों लगाया गया है?
ATMS यानी एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Advanced Traffic Management System) एक हाई-टेक कैमरे से लैस सिस्टम होता है. कहा जाता है कि ये हाईवे या एक्सप्रेसवे की आंख होता है. यहां इसे यात्रियों की सुरक्षा, वाहनों की स्पीड कंट्रोल और ट्रैफिक पर नजर बनाने के लगाया जाता है, जिससे की किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाया जा सके. नीचे देखें पॉइंट्स में जाने क्या होता है ATMS कैमरों का काम .
- सड़क पर हर वाहन की 24x7 निगरानी करना
- दुर्घटना, खराब वाहन या गलत ड्राइविंग की तुरंत जानकारी कंट्रोल रूम को देना
- तेज रफ्तार और हिट-एंड-रन करने वाले वाहनों की पहचान करना
- सुरक्षा टीमों और टोल प्लाजा को रीयल-टाइम डेटा देना

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ATMS कैसे काम करता है?
अब जानते है कि ATMS सिस्टम कैसे काम करता है. दरअसल, ये कोई एक अकेला कैमरा नहीं होता. इसमें कई हाई-टेक उपकरणों का एक जटिल नेटवर्क है. ये सभी एक-दूसरे से जुड़े होते हैं. इसमें CCTV और PTZ हाई-रिजोल्यूशन कैमरे एक्सप्रेसवे पर हर कुछ किलोमीटर पर लगे होते हैं और लगातार ये पल पल की रिकॉर्डिंग करते हैं. ये कैमरे 360 डिग्री तक घूम सकते हैं. यही नहीं ये 1-2 किमी तक जूम करके छोटी से छोटी चीज पर भी नजर रख सकते हैं.
इसके साथ ही ये कैमरों में हर गुजरते वाहन की नंबर प्लेट को पढ़कर सिस्टम में सेव कर लेते हैं. ऐसे में ओवरस्पीडिंग के चालान काटने और टोल की चोरी रोकने में इनका बड़ा योगदान होता है. इस सिस्टम में लगे AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित असामान्य चीजों को पहचानना करता है. इसमें कोई हादसा, गलत साइड से आ रहा वाहन, बीच सड़क पर रुका हुआ वाहन और आग या धुआं दिखने पर तुरंत अलर्ट भेजते हैं.
ATMS के कैमरे होते हैं बेहद आधुनिक
- ये कैमरे वीडियो को HD या Full HD में रिकॉर्ड करते हैं
- इंफ्रारेड या थर्मल तकनीक की वजह से ये रात के घने अंधेरे में भी एकदम साफ फुटेज दे सकते हैं
- सड़क पर अचानक रुके वाहन या कोई असामान्य हरकत होने पर कैमरा खुद ही उस जगह पर जूम कर लेता है
- ये रिकॉर्डिंग कंट्रोल रूम में रीयल-टाइम फुटेज भेजते हैं.
जर्नीं करते समय भूलकर भी न करें ये गलती
- पब्लिक प्लेस, टोल प्लाजा, एक्सप्रेसवे या हाईवे पर गाड़ी हमेशा कैमरों की सीधी रेंज से दूर पार्क करें
- गाड़ी के अंदर किसी भी तरह की अंतरंगता से बचें, ये कानूनी, सामाजिक और सुरक्षा के लिहाज से भी गलत है
- जरूरत हो तो केवल कानूनी रूप से मान्य टेंटेड ग्लास या पर्दे का उपयोग करें, ताकि नियम भी न टूटें और प्राइवेसी भी बनी रहेयदि आपका कोई निजी या अंतरंग वीडियो रिकॉर्ड या वायरल हो जाए तो तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल में FIR दर्ज कराएं
- रिकॉर्डिंग या वायरल करने वाले पर IT Act 2000 की धारा 66E लगती है, जिसमें तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है
- अश्लील या यौन स्पष्ट सामग्री वायरल करने पर IT Act की धारा 67/67A लगती है, जिसमें 5 से 7 साल तक की सजा और भारी जुर्माना शामिल है
- महिलाओं के मामले में IPC 354C (ताक-झांक) और 509 (महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाना) भी लागू होती हैं
- जिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो वायरल हुआ है, वहां तुरंत रिपोर्ट कर वीडियो हटाने की प्रक्रिया शुरू करें
- पुलिस जांच के लिए सभी सबूत—स्क्रीनशॉट, लिंक, मैसेज, कॉल रिकॉर्ड को सुरक्षित रखें










