बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह की कहानी है इंट्रेस्टिंग, AK-47 वाले केस से भी निकल गए बेदाग!
अनंत सिंह को राहत दी है. उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. इस मामले में सिविल कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी. कोर्ट के फैसले के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. जल्द ही वे जेल से बाहर आ जाएंगे.
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Anant Kumar Singh: पटना हाईकोर्ट ने एके-47 मामले में मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को राहत दी है. उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. इस मामले में सिविल कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी. कोर्ट के फैसले के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. उन्हें कुछ साल पहले ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक मामले में पटना की अदालत ने 10 साल जेल की सजा सुनाई थी.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के बीच में भी उन्हें पैरोल दी गई थी जो कि 15 दिनों की थी. उनके जेल से बाहर आने पर तब बिहार की राजनीति भी गरमा गई थी. लेकिन इस बीच ये सवाल उठ रहा है कि कौन है अनंत सिह और क्या है उनका एके-47 मामला जिसमें हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. तो आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.
कौन हैं अनंत सिंह?
अनंत सिंह छोटे सरकार के नाम से जाने जाते हैं. मोकामा से चार बार विधायक रहे हैं. बाहुबली से नेता बने अनंत सिंह जदयू और राजद दोनों ही दलों से विधायक बन चुके हैं. 2005 में जदयू की ओर से मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर पहली बार सिंह विधायक बने. 2015 में अनबन के बाद उन्होंने जदयू छोड़ दी. 2020 में वे राजद की टिकट से चुनाव लड़े. अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण और जमीन कब्जा करने के कई मामले दर्ज हैं. 2015 में उन्हें हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया. घर में एके 47 जैसे हथियार रखने के मामले में उन्हें 10 साल की सजा हुई. बता दें कि दिल्ली के साकेत कोर्ट में अनंत सिंह ने सरेंडर किया था.
घर से बरामद हुई थी एके-47!
आईपीएस लिपि सिंह ने अनंत सिंह के नदवां स्थित घर में छापेमारी में दावा किया था उनके घर से एके-47 और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद की थी. अनंत सिंह ने लोअर कोर्ट के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चैलेंज किया तो यहां लिपि सिंह और उनकी टीम कोर्ट में एक भी उनके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाईं कि ये हथियार अनंत सिंह के हैं. अब इस मामले में सबूत के अभाव पर पटना हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है.
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अनंत सिंह ने लगाए थे फंसाने के आरोप
कोर्ट ने पुलिस से सवाल किया थे ये हथियार किसके हैं? सभी लोग भी ये जानना चाहते थे कि ये हथियार किसके हैं? इसके बाद ये सवाल उठने लगा कि ये हथियार अनंत सिंह के घर कैसे पहुंचे? अनंत सिंह ने सरेंडर से पहले लिपि सिंह पर आरोप लगाए थे कि वे उन्हें जानकर फंसाना चाहते हैं. तो इसके बाद ये सवाल भी उठने लगे कि कहीं ये हथियार पुलिस ने ही तो उनके घर में नहीं रखवा दिए थे.
राजनीति के शिकार हुए थे अनंत सिंह?
जब इस मामले में अनंत सिंह का नाम सामने आया तब वे राजद के विधायक थे और प्रदेश में नीतीश कुमार की सरकार थी. अनंत सिंह लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर थे. तो इसलिए माना जाने लगा कि वे राजनीतिक रंजिश के शिकार हुए. हालांकि उनके जेल जाने के बाद उनकी पत्नी विधायक बनीं और राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गईं. अभी प्रदेश में नीतीश कुमार की सरकार है तो कहा जा सकता है उन्हें इसका फायदा मिला है.
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