कर्नाटक में वादा, केरल में अमल! कांग्रेस ने पहली बार चुना ढाई वाला फॉर्मूला, DK शिवकुमार को इंतजार
Shesh Bharat: कर्नाटक में ढाई साल का मुख्यमंत्री फॉर्मूला लागू न होने के बावजूद कांग्रेस ने केरल के कोच्चि नगर निगम में वही मॉडल अपनाया है. यूडीएफ की जीत के बाद कांग्रेस ने मेयर और डिप्टी मेयर के पद ढाई-ढाई साल के लिए बांटे हैं. इसे कांग्रेस का नया सत्ता संतुलन प्रयोग माना जा रहा है.

Shesh Bharat: 2023 में कर्नाटक में बीजेपी को सीधे हराकर सरकार बनाई थी. तब डीके शिवकुमार सबसे बड़े सीएम के दावेदार थे. न जाने क्यों कांग्रेस ने सिद्धारमैया को सीएम बनाया. तब से ये चर्चा होती रही है कि डीके शिवकुमार को ये कहकर मनाया गया कि ढाई साल बाद सिद्धारमैया की कुर्सी उन्हें दी जाएगी. ढाई साल नवंबर में हो गया लेकिन ढाई साल सीएम वाला फॉर्मूला लागू नहीं हुआ.
डीके शिवकुमार और उनके समर्थक लगातार कांग्रेस हाईकमान पर दवाब बना रहे हैं कि वादे के मुताबिक सीएम बदला जाना चाहिए लेकिन अब कांग्रेस हाईकमान न कुछ कर रहा है, न बोल रहा है. ढाई-ढाई साल के चक्कर में कर्नाटक कांग्रेस में अरसे से हंगामा चल रहा है. कर्नाटक में कांग्रेस का ढाई साल का फॉर्मूला फेल माना जा रहा है. फिर भी कांग्रेस ने अब अपने एक और मजबूत गढ़ केरल में वही फॉर्मूला लागू किया है. ढाई-ढाई साल के लिए मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया है.
निकाय चुनाव में कांग्रेस का डंका बजा
विधानसभा चुनाव से पहले निकाय चुनावों में कांग्रेस अलायंस यूडीएफ की जीत से केरल में सनसनी मची है. जिन निकाय और विधानसभा चुनावों में लेफ्ट का दो बार से डंका बज रहा था वो डंका अब कांग्रेस बजा रही है. ऐसी-ऐसी जगहों पर यूडीएफ की जीत हुई है जो लेफ्ट के मजबूत किले हुआ करते थे.
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कोच्चि में UDF की जीत
केरल के सबसे बड़े शहरों में से एक कोच्चि में ऐसा ही हुआ है. कोच्चि नगर निगम का चुनाव यूडीएफ ने लेफ्ट को बड़े अंतर से हराकर जीता है. 76 सदस्यों के नगर निगम में यूडीएफ ने 46 और एलडीएफ ने 20 सीटें जीती हैं. अकेले कांग्रेस के 42 पार्षद जीते हैं. बहुमत के आधार पर यूडीएफ ही नहीं, कांग्रेस से ही मेयर और डिप्टी मेयर चुना जाएगा जिसका औपचारिक चुनाव आज होना है. कौन बनेगा कांग्रेस से मेयर, डिप्टी मेयर? ये फाइनल हो गया लेकिन इसके लिए जो फॉर्मूला बना है उसकी बड़ी चर्चा है. ढाई-ढाई साल के लिए कांग्रेस ने कोच्चि ने मेयर और डिप्टी मेयर बनाने का फैसला किया है.
मेयर, डिप्टी मेयर के लिए ढाई-ढाई साल वाला फॉर्मूला
टाइम्स ऑफ इंडिया और न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वीके मिनिमोल कोच्चि की मेयर होंगी लेकिन केवल ढाई साल के लिए. ढाई साल बाद उन्हें पद छोड़ना होगा. अगले ढाई साल के लिए शिनी मैथ्यू को मेयर पद मिलेगा. कर्नाटक का मामला तो फंसा हुआ है लेकिन अगर केरल में ये सफल होगा तो कांग्रेस का ढाई साल का प्रयोग सफल होगा. सबको खुश रखने और एडजस्ट करना वाला अचूक फॉर्मूला बन सकता है.
धर्मसंकट में फंसी थी कांग्रेस
कोच्चि में धमाकेदार जीत के बाद मेयर चुनने के लिए कांग्रेस के सामने धर्मसंकट खड़ा था. तीन-तीन महिलाएं मेयर की दावेदार बनीं. वीके मिनिमोल, शिनी मैथ्यू और दीप्ति मेरी वर्गीज ने भी दावेदारी ठोंकी. मेयर का पद एक, दावेदार तीनों महिलाएं. एक हफ्ते तक फैसला लटका रहा. बीच का रास्ता निकालने के लिए पार्टी ने वीके मिनिमोल और शिनी मैथ्यू को ढाई-ढाई साल के लिए मेयर बनाने का फैसला किया. मेयर की दावेदारी की रेस में छूट गईं दीप्ति वर्गीज को ये फैसला पसंद नहीं आया. उन्होंने फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है. दावा किया कि मेयर चुनने के लिए बिनी किसी औपचारिक बैठक या चुनावी प्रक्रिया के लिए नाम तय किए गए.
वीके मिनिमोल और शिनी मैथ्यू के पक्ष में राय
कोच्चि में कांग्रेस की राजनीति में तीनों महिलाएं सीनियर मानी जाती हैं. सबसे बड़ा ओहदा दीप्ति मेरी का है, जो AICC की मेंबर और केरल कांग्रेस की महासचिव हैं. वीके मिनिमोल केरल महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष हैं. तीन महिलाएं नगर निगम चुनाव में बड़ी जीत हासिल करके आईं हैं. कांग्रेस ने फैसला इस आधार पर किया कि 42 पार्षदों में से 17 से वीके मिनिमोल के पक्ष में राय दी. 20 ने शिनी मैथ्यू को सपोर्ट किया. इससे दोनों का नंबर मेयर पद के लिए लग गया. केवल 3 पार्षदों का समर्थन मिलने से दीप्ति जॉर्ज पीछे रह गईं. जिला कांग्रेस ने केरल कांग्रेस हाईकमान को रिपोर्ट भेजी. वहीं से ये फैसला हुआ. मैथ्यू की दावेदारी इसलिए भी मान ली गई कि लैटिन कैथोलिक चर्च ने अपने समुदाय के लिए पद मांगा था.
डिप्टी मेयर के लिए फॉर्मूला लागू
मेयर वाला फॉर्मूला डिप्टी मेयर पर भी लागू किया जाना था. कांग्रेस ने पहले ढाई साल के लिए दीपक जॉय को और दूसरे ढाई साल के लिए केवीपी कृष्णकुमार को डिप्टी मेयर बनाने का फैसला किया लेकिन मुस्लिम फैक्टर और यूडीएफ की बड़ी पार्टी मुस्लिम लीग के लिए एक और नया फॉर्मूला लागू किया.
1 साल के लिए मुस्लिम लीग के टीके अशरफ बनेंगे डिप्टी मेयर
ऑन मनोरमा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल के लिए डिप्टी मेयर की पोस्ट यूडीएफ पार्टनर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के टीके अशरफ को मिलेगी. फिर केवीपी कृष्णकुमार और दीपक जॉय 2-2 साल के लिए डिप्टी मेयर बनेंगे. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव पीके कुन्हालकुट्टी, कांग्रेस नेता वीडी सतीसन और यूडीएफ संयोजक अदूर प्रकाश ने मिलकर ये रास्ता निकाला.
कांग्रेस ने अपना कौनसा फायदा देखा?
कोच्चि नगर निगम चुनाव में मुस्लिम लीग ने 6 उम्मीदवार उतरे थे. टीके अशरफ समेत 3 पार्षद जीते. इस हिसाब से दावेदारी कमजोर थी. फिर भी कांग्रेस ने मुस्लिम लीग को एडजस्ट करने में फायदा देखा. कांग्रेस की दोनों मेयर वीके मिनिमोल और शिनी मैथ्यू क्रिश्चियन हैं. डिप्टी मेयर दीपक जॉय और केवीपी कृष्णकुमार हिंदू हैं. मुस्लिम लीग से एक साल का डिप्टी मेयर बनाने से फायदा ये है कि मुसलमान भी एडजस्ट हो गए.
केरल चुनावों में तीनों धर्मों का बड़ा रोल होता है. कोई भी केवल 55 परसेंट हिंदू आबादी या 26-27 परसेंट मुसलमान या 18-19 परसेंट क्रिश्चियन के भरोसे चुनाव नहीं जीत पाता. बीजेपी को मुसलमान वोटों की चिंता नहीं लेकिन पूरी कोशिश है कि हिंदू के साथ क्रिश्चियन का भी समर्थन हासिल हो.










