'यह विकास नहीं, विनाश है...', VB G RAM G बिल को मंजूरी मिलने के बाद राहुल गांधी ने कसा तंज
VB G RAM G Bill 2025: VB G RAM G बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. राहुल गांधी ने इसे मनरेगा और लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि 'यह विकास नहीं, विनाश है.' वहीं सोनिया गांधी ने अपने लेख में नए कानून को ग्रामीण गरीबों के अधिकारों को कमजोर करने वाला बताया.

देश में इन दिनों MGNREGA के नाम बदलने और महात्मा गांधी के नाम हटाने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने VB G RAM G यानी विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण बिल, 2025 को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के साथ दो दशक पुराना MGNREGA यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अब एक नए कानूनी ढांचे से बदल गया है. इस बिल को लेकर केंद्र सरकार का दावा है कि नया कानून विकसित भारत 2047 के विजन के साथ जुड़ा हुआ है.
भाजपा सरकार द्वारा लाए गए इस नए बिल में सबसे बड़ा बदलाव, ग्रामीण परिवारों के लिए हर वित्तीय वर्ष(Financial Year) में कानूनी रोजगार गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 करने को बताया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ इस बिल के नोटिफिकेशन आने के बाद से विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. सोनिया गांधी ने तो इस बिल पर सवाल उठाते हुए एक आर्टिकल लिख दिया है. वहीं अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. आइए विस्तार से जानते हैं राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने क्या-कुछ लिखा है...
'यह विकास नहीं, विनाश है...'- राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद करारा हमला बोला है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सोनिया गांधी का एक आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा कि, 'न जनसंवाद, न संसद में चर्चा, न राज्यों की सहमति- मोदी सरकार ने मनरेगा और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोजर चला दिया है. यह विकास नहीं, विनाश है - जिसकी कीमत करोड़ों मेहनतकश भारतीय अपनी रोज़ी रोटी गंवा कर चुकाएंगे. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी का इस गंभीर मुद्दे के हर पहलू का पर्दाफाश करता हुआ ये लेख जरूर पढ़ें.'
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सोनिया गांधी ने आर्टिकल में क्या लिखा?
वहीं कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का अंग्रेजी न्यूजपेपर द हिंदू के एडिटोरियल पेज पर एक आर्टिकल छपा हुआ है. इस आर्टिकल में सोनिया गांधी लिखती है कि, बीते कुछ दिनों में, मोदी सरकार ने बिना किसी बातचीत, परामर्श या संसदीय प्रक्रियाओं या केंद्र-राज्य संबंधों का सम्मान किए बगैर MGNREGA को ध्वस्त करने की कोशिश की है. महात्मा गांधी का नाम हटाना तो बस एक शुरुआत थी. MGNREGA के बुनियादी ढांचा, जो कि काफी असरदार था उसे भी खत्म कर दिया गया है.
उन्होंने आगे यह भी लिखा कि, यह भी रखना चाहिए कि मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा(Social Security) पहल रहा है जिसका सबसे ज्यादा विश्लेषण और मूल्यांकन किया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने नए कानून में कानूनी गारंटी के पूरे आइडिया को ही खत्म कर दिया है, जो सिर्फ नौकरशाही वाले नियमों का एक सेट है.
मनरेगा ने पूरे ग्रामीण भारत में काम के अधिकार को लागू किया था लेकिन मोदी सरकार के नए बिल ने इसे सीमित कर दिया है. उनके दायरे को उन इलाकों तक ही सीमित कर दिया गया है, जहां केंद्र सरकार अपनी मनमर्जी चलाएगी और अपने मर्जी से नोटिफाई करेगी.










