'पार्टी के भीतर काफी स्लीपर सेल एक्टिव हैं...', CWC बैठक में दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस में मचा घमासान, कांग्रेस में हलचल
CWC बैठक में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस संगठन की कमजोरी और पार्टी में 'स्लीपर सेल' होने का मुद्दा उठाकर हलचल मचा दी, साथ ही RSS-BJP की संगठनात्मक ताकत की तारीफ भी की. उनके बयान पर कांग्रेस में असहजता दिखी तो वहीं बीजेपी ने इसे राहुल गांधी के नेतृत्व पर खुला हमला बताते हुए पलटवार किया.

शनिवार यानी 27 दिसंबर को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अहम बैठक उस वक्त चर्चा में आ गई जब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पार्टी के संगठन पर सीधा सवाल खड़ा कर दिया. बैठक का एजेंडा भले ही 5 जनवरी से MNREGA को खत्म किए जाने के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय करना था, लेकिन दिग्विजय सिंह की बातों ने माहौल ही बदल दिया.
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में उन्होंने सबसे पहले बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के भीतर संगठन कमजोर हो चुका है और पार्टी में कई 'स्लीपर सेल' एक्टिव हैं, जिन्हें पहचानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम आंदोलन और विरोध की बातें तो करते हैं, लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए जैसा मजबूत ढांचा चाहिए वह फिलहाल दिखाई नहीं देता.
RSS और बीजेपी के संगठन की तारीफ
दिग्विजय सिंह ने इस दौरान RSS और बीजेपी के संगठन मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि विरोधी पार्टी को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस को भी उतनी ही मजबूत जमीनी ताकत तैयार करनी होगी. इसी बीच संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने तंज कसते हुए कहा कि संगठन निर्माण को लेकर पार्टी जो काम कर रही है उसे लोग सोशल मीडिया पर रीट्वीट तक नहीं करते. इस पर दिग्विजय ने फिर दोहराया कि पार्टी में स्लीपर सेल की पहचान जरूरी है.
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PM मोदी की तस्वीर से बढ़ी असहजता
बैठक से पहले ही दिग्विजय सिंह का एक सोशल मीडिया पोस्ट कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन गया था. उन्होंने X पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए RSS और बीजेपी की संगठनात्मक ताकत की तारीफ की थी. उन्होंने लिखा कि कैसे जमीन से जुड़े कार्यकर्ता मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जैसे पदों तक पहुंचे. यह संगठन की असली ताकत है.
इस पोस्ट को लेकर कांग्रेस के भीतर कई नेता असहज नजर आए जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसे राहुल गांधी के नेतृत्व पर हमला बताया.

खड़गे ने दी मुद्दे पर रहने की नसीहत
बैठक में जब दिग्विजय सिंह लगातार संगठन की कमजोरी की बात कर रहे थे तो कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें याद दिलाया कि बैठक MNREGA आंदोलन की रणनीति पर केंद्रित है. यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी कहा कि वे अन्य नेताओं की राय भी सुनना चाहते हैं.
बाद में बदले तेवर
बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वे RSS की विचारधारा के कट्टर विरोधी हैं क्योंकि वह संविधान और कानूनों का सम्मान नहीं करता. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि RSS की संगठनात्मक क्षमता मजबूत है और इसी ताकत की वजह से वह इतना प्रभावशाली बन पाया है.
उन्होंने कांग्रेस के बारे में कहा कि यह मूल रूप से आंदोलन की पार्टी है, लेकिन अक्सर वह आंदोलन को वोट में बदलने में चूक जाती है. मध्य प्रदेश में संगठनात्मक फेरबदल पर उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में कुछ लोगों का नाराज होना स्वाभाविक है पर पूरी प्रक्रिया सही तरीके से हुई है. उनका जोर था कि जब तक संगठन बूथ और गांव स्तर तक मजबूत नहीं होगा तब तक संतुष्टि नहीं मिलेगी.
बीजेपी का पलटवार
दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी ने तुरंत हमला बोला. राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी 'गुदड़ी के लाल' है जो जमीन से उठकर शीर्ष तक पहुंचे हैं, जबकि कांग्रेस का नेतृत्व ऊपर से नीचे की ओर थोपे जाने जैसा है.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ खुली असहमति है और इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस के भीतर ही कांग्रेस से लड़ाई चल रही है.
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