नरेंद्र मोदी से कैसे हुई थी दोस्ती...अमित शाह ने सुनाया वो पुराना किस्सा, बताई कई नई बातें

न्यूज तक डेस्क

PM नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एक खास इंटरव्यू में उनके साथ अपने रिश्ते और राजनीतिक सफर की यादें साझा कीं. शाह ने बताया कि मोदी से उनकी पहली मुलाकात 1980 के दशक की शुरुआत में हुई थी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी भारतीय राजनीति में सबसे मजबूत और प्रभावशाली मानी जाती है. लेकिन यह रिश्ता अचानक नहीं बना बल्कि इसे बनने में दशकों पुराना परिचय और विश्वास ने अहम रोल अदा किया. हाल ही में मोदी के 75वें जन्मदिन के बाद दिए आजतक टीवी को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने बताया कि कैसे 80 के दशक में उनकी और नरेंद्र मोदी की पहली मुलाकात हुई और किस तरह यह जान-पहचान आगे चलकर दोस्ती और राजनीतिक साझेदारी में बदल गई.

80 के दशक में हुई थी पहली मुलाकात

अमित शाह ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात नरेंद्र मोदी से 1980 के दशक में अहमदाबाद में हुई थी. उस समय मोदी RSS के एक कार्यक्रम के लिए आए थे. शाह ने याद करते हुए कहा,

"उस समय नरेंद्र मोदी संघ का काम करते थे और अहमदाबाद में एक वरिष्ठ पदाधिकारी के कार्यक्रम की तैयारी करने आए थे. जहां मैं रहता था. वहां बहुत कम युवा थे. लेकिन मोदी जी ने बेहद कम समय में संघ के सिद्धांत और देश को बदलने की दिशा स्पष्ट कर दी थी. मुझे याद है कि मेरे साथ जितने भी युवा थे, वो सभी लोग इस कार्यक्रम को सफल करने में लगे थे. बहुत अच्छा कार्यक्रम हुआ था."

बीजेपी में साथ-साथ शुरू हुआ सफर

जब पूछा गया कि बीजेपी में पहले कौन आया, तो शाह ने कहा,

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"मैं पहले पार्टी से जुड़ा, लेकिन यह मायने नहीं रखता. नरेंद्र मोदी और मैं दोनों बीजेपी के लिए काम करते थे, जैसे लाखों कार्यकर्ता करते हैं."

उन्होंने आगे कहा कि आज मोदी जी के कार्यों के कारण सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में करोड़ों लोग उनके साथ जुड़े हैं. दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिए लोग मोदी जी की ओर देखते हैं.

मोदी के साथ काम करने का अनुभव

2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमित शाह को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. इस पर शाह ने कहा, "यह फैसला पार्टी का था. इसमें प्रधानमंत्री की भूमिका होती है, लेकिन यह सिर्फ उनका निर्णय नहीं था. कोई और भी अध्यक्ष बन सकता था. बाद में जेपी नड्डा जी भी अध्यक्ष बने." शाह ने इस धारणा को खारिज किया कि उनकी और मोदी की सफलता सिर्फ उनकी आपसी केमिस्ट्री का नतीजा है. 

गुजरात से दिल्ली तक का सफर

मोदी के गुजरात से दिल्ली आने पर शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जहां भी रहे, उनके लिए "राष्ट्र प्रथम" ही सबसे बड़ा लक्ष्य रहा. गुजरात में उन्होंने 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की पहल की और ट्राइबल डेवलपमेंट से लेकर तटीय विकास योजनाओं तक कई काम किए. केंद्र में आने के बाद भी यही दृष्टिकोण जारी रहा.

शाह के आगे कहा, मोदी सरकार ने 11 साल में 60 करोड़ गरीबों को घर, बिजली, शौचालय, गैस, शुद्ध पानी, मुफ्त इलाज और राशन जैसी बुनियादी सुविधाएं दीं. ये वे चीजें थीं जिनका इंतजार लोग दशकों से कर रहे थे.

देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा

शाह ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के तीन बड़े हॉटस्पॉट कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट और वामपंथ प्रभावित क्षेत्र में हिंसा 75% तक कम हुई है. वामपंथी उग्रवाद 2026 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगा. आतंकवाद के खिलाफ मोदी ने कड़ा रुख अपनाया और सर्जिकल स्ट्राइक तथा ऑपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण हैं.

शाह ने कहा आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ा बदलाव आया है. भारत की अर्थव्यवस्था 14वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुंची है और जल्द ही तीसरे नंबर पर पहुंचने की उम्मीद है.

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