तेलंगाना में कांग्रेस के लिए असंभव को कर दिखाया संभव, कौन हैं सुनील कानुगोलू?

अभिषेक

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Sunil Kanugolu
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Telangana Election Result: तेलंगाना में कांग्रेस की बंपर जीत हुई है. पार्टी की इस जीत के पीछे एक शख्स की खूब चर्चा हो रही है. वो शख्स और कोई नहीं बल्कि पार्टी के चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू हैं. कानुगोलू वहीं शख्स हैं जिनकी सियासी रणनीति ने कर्नाटक के चुनाव में भी पार्टी को जीत दिलाने में मदद की थी. अब तेलंगाना में उनकी रणनीति करिश्माई साबित हुई है. पूरे चुनाव में कानुगोलू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के साथ दिखे और चुनाव की पूरी कमान अपने हाथों में लिए रहे. सियासी जानकारों की मानें तो कर्नाटक के बाद तेलंगाना में कांग्रेस की सफलता के पीछे की एक वजह कानुगोलू और उनकी टीम को स्वतंत्र रूप से काम करने की इजाजत देना भी रहा.

इस बार तेलंगाना की 119 सीटों में कांग्रेस को 64, भारत राष्ट्र समिति को 39, भारतीय जनता पार्टी को 8 और ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(CPI) को 1 सीट मिली है.

कौन हैं सुनील कानुगोलू?

मल्टी नेशनल कंपनी मैकेंजी के पूर्व सलाहकार रहे सुनील कानुगोलू कर्नाटक से आते हैं. वे 40 साल के हैं. कानुगोलू ने 2022 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ ‘पे-सीएम’ अभियान के साथ कांग्रेस की रणनीति को सेट किया. यह अभियान काफी हिट हुआ. इस अभियान में जगह-जगह QR कोड लगाए गए थे. ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य ये दिखाना था कि बीजेपी की तत्कालीन सरकार हर काम के बदले कमीशन खाती है और बिना इसके कोई काम नहीं होता.

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तेलंगाना का चुनावी टोन भी किया सेट

कानुगोलू ने तेलंगाना में चुनावों से पहले कांग्रेस के अभियान के शुरुआती दौर में ही सीएम के.चंद्रशेखर राव सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया था. माना ये जा रहा है कि इस मुद्दे पर पार्टी को लोगों का जमकर साथ मिला जो नतीजों में सबके सामने है. कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस के चलाए गए अभियानों में काफी समानता रही है, क्योंकि दोनों में उन्होंने सत्ताधारी सरकार के कथित भ्रष्टाचार और कल्याण गारंटी योजनाओं को टारगेट किया जिससे जनता जुड़ती दिखी.

प्रशांत किशोर और भाजपा के लिए भी कर चुके हैं काम

सुनील कानुगोलू इससे पहले बीजेपी के कई चुनाव अभियानों में शामिल रहे हैं. 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कानुगोलू ने बीजेपी के लिए काम किया था जिसमें बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वह 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के अभियान के साथ जुड़े हुए थे. कानुगोलू ने उस समय उत्तर प्रदेश और गुजरात में पार्टी के रणनीतिक अभियानों पर काम किया. कानुगोलू साल 2014 से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी काम कर चुके हैं.

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भारत जोड़ों यात्रा का भी देखा मैनेजमेंट

पिछले साल सितंबर में शुरू हुई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा के पीछे कानुगोलू की ही रणनीति थी. उन्होंने ही इस यात्रा का पूरा ब्लूप्रिन्ट तैयार किया था. दो बड़े राज्य कर्नाटक और तेलंगाना को कांग्रेस की झोली में डालने के बाद कानुगोलू का कद और बढ़ गया है. ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी रणनीतिकार कानुगोलू को और बड़ी जिम्मेदारियां दे सकती है.

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