गैंगस्टर्स पर नकेल कसने के लिए लागू होगा RACOCA! गैंग में काम करने वालों को होगी उम्रकैद
RACOCA Bill: बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के लिए अब राजस्थान सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए राजस्थान संगठित अपराध (RACOCA) का नियंत्रण विधेयक, 2023 लाया जाएगा. इस बिल की बात करें तो यह माकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट की तर्ज पर पारित करवाया जाएगा. माकोका की तरह ही […]
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RACOCA Bill: बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के लिए अब राजस्थान सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए राजस्थान संगठित अपराध (RACOCA) का नियंत्रण विधेयक, 2023 लाया जाएगा. इस बिल की बात करें तो यह माकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट की तर्ज पर पारित करवाया जाएगा. माकोका की तरह ही राजस्थान कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (राकोका) बिल लाया जाएगा.
खास बात यह है कि इस बिल के तहत उम्रकैद तक का प्रावधान होगा. साथ ही इस दौरान न्यूनतम 1 लाख जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके लिए बाकयदा विशेष न्यायालय गठित किया जाएगा. विशेष न्यायालय का गठन राज्य सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सहमति से नियुक्ति की जाएगी.
साथ ही इन गैंग के जरिए अपराध को अंजाम देने वाले गैंगस्टर की प्रॉपर्टी जब्त होगी. इसे सरकार अपने कब्जे में लेगी. गैंगस्टर्स की प्रॉपर्टी या पैसा अपने कब्जे में रखने वालों को भी सजा होगी. गिरोह बनाकर फिरौती वसूलने, पैसे के लिए धमकाने वालों को राकोका के दायरे में लिया जाएगा.
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कब लगेगा राकोका
दरअसल, यह कानून उन बदमाशों पर लागू होगा, जो गैंग बनाकर अपराध को अंजाम देंगे. अपराध करने वाली गैंग के हर मेंबर के खिलाफ राकोका के प्रावधानों के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई बदमाश फिरौती के लिए धमकी देता या वसूली करता है तो उसे भी राकोका के तहत ऑर्गनाइज्ड क्राइम माना जाएगा. जिसके चलते इनकी प्रॉपर्टी और पैसा जब्त होगा. गौरतलब है कि यह बिल बजट सत्र के दौरान ही गहलोत सरकार की ओर से इसी साल मार्च में पेश किया गया था. हालांकि बजट सत्र में बिल पारित नहीं हो सका था.
चुनावी साल में संभावित तौर पर कांग्रेस इसके जरिए बीजेपी को जवाब देना चाहेगी. दरअसल, कारोबारियों से फिरौती की डिमांड के मामले की बात हो या कई अन्य गंभीर अपराध. बीजेपी लगातार प्रदेश में कानून व्यवस्था को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने में जुटी है. ऐसे में कांग्रेस सरकार इस बिल के जरिए बड़ा संदेश देना चाहती है. इसी के चलते सीएम अशोक गहलोत इन नए कानून के जरिए बड़ा संदेश देना चाहते हैं.