पहली बार NSUI के प्रोटेस्ट में सचिन पायलट के साथ शामिल हुए बड़े बेटे आरान पायलट! क्या करते हैं वह?

जयपुर में NSUI ने "अरावली बचाओ-भविष्य बचाओ" पैदल मार्च निकाला गया. इसमें सचिन पायलट अपने बेटे आरान पायलट के साथ पहली बार नजर आए.

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Who is Aaran Pilot: राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को 'अरावली बचाओ' आंदोलन के दौरान खास तस्वीर दिखाई दी. राजनीतिक गलियारों में प्रोटेस्ट से ज्यादा उस तस्वीर की चर्चा हो रही है. NSUI के इस प्रोटेस्ट में सचिन पायलट भी शामिल हुए. लेकिन उनसे ज्यादा चर्चा उनके बेटे की रही. जो पहली बार किसी प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे थे. आइए आपको बताते हैं खास तस्वीर की कहानी...

शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण को लेकर NSUI की ओर से "अरावली बचाओ- भविष्य बचाओ" मार्च निकाला गया था. जिसमें पहली बार सचिन पायलट अपने बेटे आरान पायलट शामिल हुए. यह पहला मौका है जब आरान सार्वजनिक मंच पर नजर आए. यह मार्च जालूपुरा से शुरू होकर गवर्नमेंट हॉस्टल चौराहे तक निकाला गया था.

कौन हैं आरान पायलट

आरान पायलट, कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बड़े बेटे हैं. वे आमतौर पर राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहते हैं और पढ़ाई में व्यस्त हैं. उन्होंने अपनी स्कूलिंग पूरी की है और अब कॉलेज पहुंचे हैं. जयपुर में हुए इस पैदल मार्च में उनकी मौजूदगी को राजनीतिक हलकों में खास माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले वे किसी धरना-प्रदर्शन या राजनीतिक कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए थे.

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यह पहला मौका रहा जब AICC के महासचिव सचिन पायलट किसी आंदोलन में अपने बेटे के साथ शामिल हुए. मार्च के दौरान कुछ देर नारेबाजी हुई, जिसके बाद नेता और कार्यकर्ता वहां से लौट गए.

चर्चा में रही पिता-पुत्र की जोड़ी!

NSUI के प्रदर्शन में आज पिता-पुत्र की जोड़ी सबसे ज्यादा चर्चा में रही. पैदल मार्च के दौरान सचिन पायलट आगे-आगे चलते नजर आए, जबकि उनके पीछे-पीछे उनका बेटा आरान पायलट कदम से कदम मिलाकर चलता दिखा.

मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं में आरान पायलट को लेकर खास उत्साह दिखा. कई कार्यकर्ता उनके साथ लगातार सेल्फी लेते नजर आए. 

आरान पायलट का फिलहाल सक्रिय राजनीति से कोई सीधा जुड़ाव नहीं है, लेकिन इस पैदल मार्च में उनकी मौजूदगी ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को जरूर हवा दे दी है. पिता के साथ इस पहली सार्वजनिक उपस्थिति को सियासत में नई पीढ़ी की झलक के तौर पर देखा जा रहा है.

अरावली को बताया उत्तर भारत का सुरक्षा कवच

सचिन पायलट ने इस दौरान कहा कि राजस्थान सहित गुजरात, हरियाणा एवं दिल्ली में जो अरावली पर्वत श्रृंखला स्थित है यह मात्र पहाड़ों का समूह नहीं है, यह उत्तर भारत के अधिकांश क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि अरावली पर्वतश्रृंखला पूरे पर्यावरण में लाखों लोगों के लिए एक सुरक्षा कवच बनकर खड़ी हुई है.
 
उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसी क्या मजबूरियां थी और क्या कारण थे जिनके चलते हजारों साल पुरानी यह पर्वतमाला जो आने वाली अनेकों पीढ़ियों की सुरक्षा प्रदान करेगा, उसे विनाश की ओर ढकेला जा रहा है. 

उन्होंने आगे बताया FSI की रिपोर्ट के अनुसार 1,18,000 पहाड़िया 100 मीटर से नीचे है, मात्र 1048 पहाड़ियों की 100 मीटर से ऊंची है. ऐसे में केन्द्र सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जो 100 मीटर से ऊंची स्थलाकृतियों को पहाड़ी मानने की नई परिभाषा से 90 से 95 प्रतिशत अरावली पहाड़ियां असुरक्षित हो जायेगी.

कई विधायक और कार्यकर्ता रहे मौजूद

इस पैदल मार्च में विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, मनीष यादव और रामनिवास गावड़िया समेत कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. आयोजकों का कहना है कि अरावली को बचाने के लिए आगे भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे.

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