फिल्म शूटिंग छोड़ एक्टर अक्षय कुमार क्यों पहुंचे इस संस्था में, क्या चुनाव लड़ने की है तैयारी?
फिल्म स्टार अक्षय कुमार की फिल्म 'खेल खेल में' की शूटिंग 27 फरवरी को डबोक एयरपोर्ट पर हुई. इस सिलसिले में अक्षय कुमार उदयपुर ही हैं. फिल्म की शूटिंग के बाद अक्षय कुमार जिले के खेरवाड़ा में पहुंच गए.

फिल्म स्टार अक्षय कुमार (Bollywood actor akhay kumar) की फिल्म 'खेल खेल में' (khel-khel mein) की शूटिंग 27 फरवरी को डबोक एयरपोर्ट पर हुई. इस सिलसिले में अक्षय कुमार उदयपुर (Akhay kumar in udaipur) ही हैं. लेकिन खिलाड़ी कुमार के राजनीति के खेल में आने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं. चर्चाएं हैं कि बीजेपी उन्हें लोकसभा चुनाव में दिल्ली से मैदान में उतार सकती है. इसके लिए बाकयदा सीट के तौर पर चांदनी चौक सीट का नाम भी सामने आ गया है. अब उदयपुर (udaipur) में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे ये चर्चा और जोर पकड़ सकती है. दरअसल, फिल्म की शूटिंग के बाद अक्षय कुमार जिले के खेरवाड़ा में पहुंच गए. यहां उन्होंने खोखादरा में वनवासी कल्याण परिषद के छात्रावास पर निरीक्षण किया.
साथ ही वनवासी कल्याण परिषद के भवन निर्माण को लेकर 1 करोड़ की सहायता भी दी. अपने बीच सुपरस्टार को पाकर उनके प्रशंसक भी फोटो खींचवाने के लिए उत्साहित नजर आए. खास बात वनवासी कल्याण आश्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध है. ऐसे में उनके लोकसभा चुनाव में टिकट की अटकलों के बीच खेरवाड़ा पहुंचना भी चर्चा का विषय है.
क्या है वनवासी कल्याण आश्रम?
दरअसल, 26 दिसंबर 1952 को वनवासियों की सेवा एवं उत्थान के लिए बालक छात्रावास का शुभारम्भ किया. सन् 1956 में इस कार्य के लिए 'कल्याण आश्रम' नाम से संस्था का पंजीयन किया गया. आश्रम वनवासियों के विकास के लिये सूदूर जनजातीय गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये तरह-तरह के कार्यक्रम चलाता रहता है. पूरे भारत में इसकी शाखाएं हैं. इसका मुख्यालय जशपुरनगर (छत्तीसगढ़) में है.
मोदी के साथ उनका इंटरव्यू भी जमकर हुआ था वायरल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी नजदीकियां भी जगजाहिर है. साल 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 अप्रैल 2019 को अक्षय कुमार ने पीएम मोदी का इंटरव्यू किया था. यह इंटरव्यू काफी चर्चा का विषय भी बना था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस इंटरव्यू के बारे में अक्षय ने कहा था, 'वह पीएम के इंटरव्यू के दौरान काफी नर्वस थे, लेकिन धीरे-धीरे जैसे ही मेरी और उनकी बातचीत आगे बढ़ने लगी, तो मेरा आत्मविश्ववास और भी बढ़ गया इस दौरान मैंने उन्हें चुटकुले भी सुनाए.'










