वृन्दावन घूमने जाएं तो इन 5 मंदिरों में दर्शन करने के लिए जरूर निकालें समय
वृन्दावन को पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के दिन यहीं बिताए थे. यह एक ऐसा शहर है जहां छोटे-बड़े हजारों मंदिर स्थित हैं. ऐसे में अगर आप भी वृन्दावन जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये अहम बातें जरूर जान लें.
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वृन्दावन, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है. बता दें, वृन्दावन यमुना नदी से तीन ओर से घिरा हुआ है. इस शहर को पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के दिन यहीं बिताए थे. यह एक ऐसा शहर है जहां छोटे-बड़े हजारों मंदिर स्थित हैं. यहां दुनियाभर से लोग देव दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में अगर आप भी वृन्दावन जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये अहम बातें जरूर जान लें.
ये है वृन्दावन की 5 प्रमुख मंदिरें:-
बांके बिहारी मंदिर
श्री बांके बिहारी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित देश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है. यह मंदिर राजस्थानी शैली में बना है और मंदिर में भगवान कृष्ण की छवि एक बच्चे के रूप में दिखाई देती है. बता दें, बांके बिहारी मंदिर के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि इसके परिसर में कोई घंटी या शंख नहीं है, क्योंकि भगवान को इन वाद्ययंत्रों की आवाज पसंद नहीं है. आप जब भी वृन्दावन घूमने जाएं तो बांके बिहारी मंदिर को देखना ना भूलें.
प्रेम मंदिर
प्रेम मंदिर राधा-कृष्ण और सीता-राम को समर्पित है. इस मंदिर को वर्ष 2001 में जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज द्वारा बनाया गया था. सफेद संगमरमर से निर्मित और शानदार नक्काशी से सजी यह मंदिर अपनी सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है. ऐसे में जब भी आप वृन्दावन में घूमने जाएं तो प्रेम मंदिर को देखना ना भूलें.
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इस्कॉन मंदिर
ये मंदिर श्री कृष्ण बलराम मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. इस मंदिर को 1975 में स्वामी प्रभुपाद के निर्देश पर बनाया गया था. जब भी आप वृन्दावन जाएं तो इस्कॉन मंदिर को देखना ना भूलें.
श्री रंगनाथ मंदिर
इस मंदिर को रंगजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह भगवान श्री गोदा रणगमन्नार (एक दक्षिण भारतीय वैष्णव संत) और भगवान रंगनाथ (भगवान कृष्ण के अवतार) को समर्पित है. मंदिर का मुख्य आकर्षण दूल्हे के रूप में मौजूद कृष्ण की मूर्ति है, जिसकी दुल्हन गोदा (अंडाल) है. बता दें, यह उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और वैष्णवों के 108 दिव्यदेशों में से एक है.
कात्यायनी शक्तिपीठ
कात्यायनी पीठ मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और इसे उमा शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है. बता दें, यह भूतेश्वर महादेव मंदिर के अंदर स्थित है. वृंदावन धाम के मंदिर में यह मंदिर देखने लायक है.
आपको बता दें, इसके अलावा भी वृंदावन में देखने लायक बहुत से स्थान हैं. जैसे- श्री राधा दामोदर मंदिर, गोविंद देवजी मंदिर, श्री राधा रमण मंदिर, मदन मोहन मंदिर, पागल बाबा मंदिर, कुसुम सरोवर, बरसाना, सेवा कुंज, केसी घाट, जयपुर मंदिर, श्री वृंदा कुंड आदि. यदि आप पूजा-पाठ के शौकीन हैं तो वृंदावन में इन स्थानों को देखना काफी सुखमय हो सकता है.
ट्रिप के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
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दरअसल, वृन्दावन के मंदिरों में काफी भीड़ होती है. इसलिए यहां जाते समय अपने मोबाइल फोन और पर्स का खास ध्यान रखें.
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वृन्दावन में बहुत बंदर हैं, जिसके चलते यहां हमेशा इनका खौफ बना रहता है. इनसे दूरी बनाए रखने के लिए न तो बंदरों को छेड़े और न ही उन्हें खाने का कोई सामान दें.
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जो लोग यहां पहली बार जा रहे हैं, वह इस बात का खास ध्यान रखें कि हर जगह दान न करें. यहां जगह-जगह आपको मंदिरों से लेकर रास्ते तक साधु और पुजारी मिलेंगे.
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जगह-जगह कूड़ा फेंकने की गलती न करें.
वृन्दावन घूमने का सबसे अच्छा समय
वृन्दावन का मौसम उत्तर भारत के बाकी हिस्सों की तरह ही रहता है. ऐसे में वृन्दावन आने का सबसे अच्छा समय जनवरी से मार्च और अक्टूबर से दिसंबर के दौरान माना जाता है. क्योंकि इन महीनों के दौरान मौसम ठंडा व सुहाना रहता है.
वृन्दावन कैसे पहुंचें?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वृन्दावन पहुंचने के लिए सीधे कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में पहले आपको इसके आसपास के रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और बस स्टैंडों पर पहुंचना होगा.
हवाई जहाज से- वृन्दावन का निकटतम हवाई अड्डा आगरा में खेरिया एयरपोर्ट है जो वृंदावन से 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है. यहां पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी के माध्यम से वृन्दावन पहुंच सकते हैं.
ट्रेन से- वृन्दावन में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. हालांकि, यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा में है जो वृन्दावन से 10 किलोमीटर दूर स्थित है. स्टेशन पहुंचने के बाद आप टैक्सी या मोटर रिक्शा से वृन्दावन पहुंच सकते हैं.
बस से- बता दें, देश के प्रमुख शहरों से सीधे वृन्दावन के लिए कोई बस मार्ग नहीं है. यहां का निकटतम बस स्टैंड मथुरा है, जो वृन्दावन से 10 किलोमीटर दूर है. फिर ऑटो रिक्शा या टैक्सी से वृन्दावन जाया जा सकता है.
वैसे तो वृन्दावन धाम में पूरे वर्ष पर्यटक आते हैं, लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के समय कृष्ण की बाल लीलाओं और झांकियों को देखने के लिए यहां भारी भीड़ जुटती है.