खेलो इंडिया यूथ गेम्स की भव्य मेजबानी कर बिहार ने रचा इतिहास, राष्ट्रीय स्तर पर पेश की मिसाल

इन्द्र मोहन

Bihar News: बिहार ने राष्ट्रीय स्तर के खेल का आयोजन कर मिसाल पेश कर दी है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का सफल आयोजन बिहार के लिए गर्व की बात है.

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Bihar News: बिहार ने राष्ट्रीय स्तर के खेल का आयोजन कर मिसाल पेश कर दी है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का सफल आयोजन बिहार के लिए गर्व की बात है. राष्ट्रीय स्तर पर 4 से 15 मई तक सफलतापूर्वक आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025, जिसकी मेजबानी बिहार के पांच प्रमुख शहरों पटना, राजगीर (नालंदा), गया, भागलपुर और बेगूसराय ने की.  28 खेलों में हिस्सा लेने के लिए देशभर से आए 10,000 से अधिक खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के लिए राज्य सरकार ने आवास, भोजन और ट्रांसपोर्टेशन की उम्दा व्यवस्थाएं कीं. दूसरे राज्यों से आए खिलाड़ियों ने भी इन प्रबंधों की जमकर सराहना की.

खिलाड़ियों के लिए होटलों से लेकर सरकारी गेस्ट हाउस तक सभी स्थानों पर बुनियादी और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. इंडोर खेलों के लिए एसी कोर्ट की व्यवस्था की गई. बोधगया के बिपार्ड में मौजूद 30 मीटर लंबा अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल और विशेष रबर से बना जॉगिंग ट्रैक आकर्षण का केंद्र रहे. वहीं मलखम, योग और थांगटा जैसे खेलों के आयोजन के लिए जर्मन हैंगर लगाए गए जिससे भीषण गर्मी में भी खिलाड़ियों और दर्शकों को कोई असुविधा न हो.

खेल विभाग बना मील का पत्थर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता के तहत बिहार में अलग खेल विभाग का गठन हुआ. इसके बाद राज्य में पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम जैसे ढांचों का विकास हुआ. सेपक टकरा वर्ल्ड कप और महिला हॉकी एशिया कप जैसे आयोजन पहले ही कराए जा चुके हैं. राज्य सरकार की योजना है कि हर पंचायत में खेल मैदान विकसित किया जाए ताकि खेल का माहौल गांवों तक पहुंचे.

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मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना ने बढ़ाया उत्साह

बिहार सरकार की ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’ योजना ने युवाओं को खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया है. राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की नीति के कारण अब कई खिलाड़ी सचिवालय से लेकर जिलास्तर तक सरकारी पदों पर नियुक्त हो चुके हैं.

स्वतंत्र और सुनियोजित आयोजन

बिहार ने यह पूरा आयोजन बिना किसी बाहरी एजेंसी के सहयोग से अपने संसाधनों पर किया. आयोजन की बारीकियों को समझने के लिए तमिलनाडु और उत्तराखंड के अधिकारियों से सीख ली गई. खिलाड़ियों के लिए संतुलित भोजन की विशेष व्यवस्था की गई जिसमें प्रत्येक 100 खिलाड़ियों के लिए 29 किलो चिकन, 16 किलो पनीर, 14 किलो चावल, 7 किलो दाल, 8 किलो गेहूं और 2 किलो मिलेट आटा सुनिश्चित किया गया. पटना स्थित पाटलिपुत्र स्टेडियम और आईएएस भवन में जर्मन हैंगर लगाकर भोजन की व्यवस्था की गई.

सुरक्षा और संवाद व्यवस्था भी मजबूत

खेल परिसरों में 170 सदस्यीय टीम और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया के माध्यम से जोड़ा गया ताकि हर सूचना समय पर पहुंचाई जा सके. हर स्थल के लिए एक-एक नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किए गए थे.

खेलों में बिहार की नई उड़ान

बिहार की खेल प्रतिभाएं अब राष्ट्रीय पटल पर चमकने लगी हैं. पिछले 7 वर्षों में खेलों के क्षेत्र में 620% की वृद्धि दर्ज की गई है. इस बार बिहार ने 28 प्रतियोगिताओं में कुल 36 पदक, जिसमें 7 स्वर्ण शामिल हैं, अपने नाम किए. पिछली बार राज्य को केवल 5 पदक मिले थे. बिहार की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार हुआ है और अब वह 14वें स्थान पर आ गया है.

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