BSNL में दूसरे VRS की पड़ेगी मार, 18,000 से ज्यादा लोग होंगे बेरोजगार? कांग्रेस ने इस मामले पर केंद्र को घेरा

News Tak Desk

दूरसंचार विभाग (DoT) कथित तौर पर भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में दूसरी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेने की योजना बना रहा है.  

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तस्वीर: AI
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नए साल से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया- 'मोदी सरकार में जारी 'बंपर बेरोजगारी'. कांग्रेस पार्टी ने कहा- अब BSNL अपने 19,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रहा है. ये मोदी सरकार की सोची समझी साजिश है, जिसमें वो सरकारी कंपनियों को तबाह कर उन्हें प्राइवेट हाथों में सौंपने पर तुली है.' 

तो क्या बीएसएनएल वाकई में 19,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाला है. तो क्या  भारत संचार निगम लिमिटेड में काम करने वाले लोग एक साथ इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगार हो जाएंगे? तो क्या बीएसएनएल दूसरे वीआरएस ( स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) की योजना बना रहा है. आखिर क्या है ये पूरा मामला?

दूरसंचार विभाग (DoT) कथित तौर पर भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में दूसरी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेने की योजना बना रहा है.  इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक BSNL वित्तीय हालात में सुधार करने के लिए अपने कर्मचारियों की संख्या में 35 फीसदी की कटौती की योजना पर काम कर रहा है.  माना जा रहा है कि इस योजना के लागू होने के बाद 18-19 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी.  यानी इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी एक ही पल में बेरोजगार हो जाएंगे. 

कहा जा रहा है कि बीएसएनएल ने वीआरएस के प्लान को प्रभावी करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मांग की है. ऐसा माना जा रहा है कि इतने बड़े स्तर पर कर्मचारियों के वीआरएस के बाद बीएसएनएल के वार्षिक वेतन के खर्चे में करोड़ों रुपए की कमी आने का अनुमान है. फिलहाल वेतन पर खर्च कंपनी के राजस्व का 38 फीसदी है. 

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि VRS 2 के बाद बीएसएनएल की बैलेंस शीट मजबूत होगी, क्योंकि कंपनी अपनी 4 जी सेवाओं को आधुनिक बनाने और उसे शुरू करने के लिए काम कर रही है. बीएसएनएल के बोर्ड ने पहले ही वीआरएस कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी है, लेकिन वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद दूर संचार मंत्रालय कैबिनेट की मंजूरी लेगा. ध्यान देने वाली बात है कि बीएसएनएल में गैर-कार्यकारी और कार्यकारी कर्मचारियों को मिला दें तो कुल 55,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं. 

इससे पहले भी BSNL में पड़ चुकी है  VRS की मार 

यह पहली बार नहीं है जब बीएसएनएल VRS लेकर आ रहा है. साल 2019 में सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी. जिसमें एक VRS कार्यक्रम भी शामिल था. 93,000 से अधिक कर्मचारियों ने उस वक्त VRS को चुना. तब इसकी लागत 17,500 करोड़ थी. 

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