'सैनी तो उड़नखटोले से नहीं उतर रहे'...CM नायब सिंह सैनी के खिलाफ अनिल विज हुए FIRE
Haryana: हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज इन दिनों अपनी ही सरकार से नाराज बैठे हैं. आज तो उन्होंने सीधा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी को ही निशाने पर ले लिया.
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Haryana: हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज इन दिनों अपनी ही सरकार से नाराज बैठे हैं. आज तो उन्होंने सीधा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी को ही निशाने पर ले लिया.
अनिल विज ने कहा कि सीएम नायब सैनी तो उड़नखटोले (हेलीकॉप्टर) से नीचे ही नहीं उतर रहे वो जनता का दुख दर्द क्या समझेंगे?
ये पहला मौका है जब दोबारा सीएम पद की शपथ के बाद नायब सैनी को अपनी ही पार्टी के किसी नेता ने चैलेंज किया है. इस से पहले मनोहर लाल को हटाकर नायब सैनी को सीएम बनाया तब भी अनिल विज नाराज हो गए थे क्योंकि उनको यकीन था कि खट्टर जाएंगे तो सीएम की कुर्सी उनके हिस्से आएगी लेकिन बाज़ी नायब सैनी मार गए.
अनिल विज की नाराजगी का असली खेल समझिए
यूं तो अनिल विज मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी को सीएम बनाए जाने के वक्त ही नाराज हो गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने नायब सैनी का नेतृत्व स्वीकार भी कर लिया था. अनिल विज की नाराजगी की असली कहानी शुरू हुई हाल ही में सम्पन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान. अनिल विज का आरोप है कि उन्हें चुनाव हरवाने की साजिश रची गई और इस साजिश के रचयिता अंबाला जिले के कुछ आला अफसर और भाजपा के स्थानीय नेता ही थे. विज ने तो यहां तक कहा है कि इन अफसरों और स्थानीय नेताओं ने एक बड़े नेता के कहने पर उनके खिलाफ ये साजिश रची थी. हालांकि अनिल विज इस बड़े नेता का नाम नहीं बता रहे लेकिन सूत्रों की मानें तो उनका इशारा पूर्व सीएम और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर है.
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सूत्र बताते हैं कि अनिल विज को चुनाव हरवाने के लिए भाजपा के कुछ स्थानीय नेता निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा की मदद कर रहे थे. अब अनिल विज कोई छोटे मोटे नेता तो हैं नहीं जो स्थानीय नेता अकेले उनसे पंगा ले ले लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि अनिल विज के खिलाफ ये खेल किसी बड़े भाजपा नेता के इशारों पर ही हो रहा था. अनिल विज के खिलाफ ये साजिश कितनी गंभीर थी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जो अनिल विज 2019 में अंबाला कैंट से चित्रा के सामने लगभग 24 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे, 2024 में उनकी जीत का अंतर महज 7200 वोटों पर आ गया.
अनिल विज की नाराजगी के बाद हरकत में आई सैनी सरकार
अनिल विज ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि 100 दिन हो चुके हैं नई सरकार को बने लेकिन जिन अधिकारियों और नेताओं ने उनको चुनाव हरवाने की साजिश रची उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब उन्हें यकीन हो गया है कि भाजपा का बड़ा नेता इस साजिश में शामिल था. विज की इस धमकी के बाद नायब सैनी सरकार के हाथ पांव फूल गए. आनन फानन में आज सैनी सरकार ने अंबाला के डीसी पार्थ गुप्ता का ट्रांसफर कर दिया. उधर पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने अंबाला जिले के भाजपा कोषाध्यक्ष आशीष तायल को पद से हटा दिया है. हालांकि अनिल विज का कहना है कि आशीष तायल का कार्यकाल तो पहले ही खत्म हो चुका था लिहाजा उनको पदमुक्त कर के उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है. विज आगे कहते हैं कि आशीष तायल को पदमुक्त कर के पार्टी ने मान लिया कि वो गद्दार है लेकिन गद्दार को पार्टी में क्यों रखा हुआ है, पार्टी से भी निकाला जाना चाहिए.
क्या चाहते हैं अनिल विज?
सूत्र बताते हैं कि अनिल विज डीसी के तबादले और आशीष तायल के पद मुक्त के बाद भी मानने वाले नहीं है. उनके निशाने पर अंबाला के SP भी हैं. उधर सीएम नायब सैनी आज रोहतक में थे जहां उनसे मीडिया ने अनिल विज की नाराजगी को लेकर सवाल किया तो सीएम बिना जवाब दिए ही चलते बने. नायब सैनी ने अनिल विज के सवाल पर बस इतना कहा कि अनिल विज हमारे नेता हैं.
अब देखना ये होगा कि नायब सैनी को खुलेआम चैलेंज करने वाले अनिल विज का अगला कदम क्या होगा? क्या मनोहर लाल की भी इस पूरे खेल में कोई भूमिका देखने को मिलेगी या फिर गब्बर अब ठंडे पड़ जाएंगे?