सीमा पर गरजने के लिए भारतीय वायुसेना को इस साल मिलेंगे 12 घातक तेजस लड़ाकू विमान
इस साल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारतीय वायुसेना को 12 तेजस एलसीए Mk1A फाइटर जेट्स की डिलीवरी देगा, जो देश की वायु सुरक्षा को एक नई मजबूती देगा. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने जानकारी दी है कि तेजस Mk1A लड़ाकू फाइटर जेट अगले कुछ महीनों में डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएगा.
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भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के बावजूद सीमा पर तनाव अब भी बरकरार है. ऐसे में भारत भी अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि इस साल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारतीय वायुसेना को 12 तेजस एलसीए Mk1A फाइटर जेट्स की डिलीवरी देगा, जो देश की वायु सुरक्षा को एक नई मजबूती देगा. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने जानकारी दी है कि तेजस Mk1A लड़ाकू फाइटर जेट अगले कुछ महीनों में तैयार हो जाएगा.
HAL इस विमान का निर्माण बेंगलुरु और नासिक स्थित यूनिट्स में कर रहा है. नासिक प्लांट का विस्तार किया जा रहा है ताकि उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके. इस प्रक्रिया में बड़ी सफलता तब मिली जब अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस ने तेजस के लिए जरूरी इंजन की डिलीवरी शुरू कर दी. इंजन की आपूर्ति के बाद ही तेजस Mk1A की समय पर डिलीवरी संभव हो पाई है.
तेजस MK1A: क्या है खास?
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तेजस MK1A, भारत में विकसित किया गया एक अत्याधुनिक हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है. यह तेजस का अपडेटेड और बेहतर वर्जन है, जो 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है. यह विमान न केवल आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि इसे देश की जरूरतों के मुताबिक स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है.
तेजस MK1A में कई अत्याधुनिक फीचर्स जोड़े गए हैं, जो इसे पहले के वर्जन से कहीं अधिक शक्तिशाली बनाते हैं:
- AESA रडार (उत्तम रडार): यह एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार दुश्मन को जल्दी और सटीक पहचानने में सक्षम है.
- इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट: दुश्मन की मिसाइलों और रडार से बचने के लिए इसमें आधुनिक सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर और रडार वॉर्निंग रिसीवर लगे हैं.
- डिजिटल फ्लाई बाय वायर सिस्टम (DFCC Mk-1A): यह कंप्यूटर-सहायित कंट्रोल सिस्टम विमान को उड़ाते वक्त ज्यादा स्थिर और पायलट के अनुसार नियंत्रित रखता है.
- स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD): पायलट को बेहतर सिचुएशनल अवेयरनेस देता है.
उड़ान क्षमता और तकनीकी विनिर्देश
- स्पीड: अधिकतम 2,200 किमी/घंटा
- लंबाई: 43.4 फीट | ऊंचाई: 14.5 फीट
- कॉम्बैट रेंज: 739 किमी
- ऑपरेशनल एल्टीट्यूड: 50,000 फीट तक
- हार्डप्वाइंट्स: 9, जिनमें हथियार, मिसाइल, रॉकेट्स लगाए जा सकते हैं
- कैनन: 23 मिमी की ट्विन बैरल कैनन
तेजस Mk1A में अलग-अलग प्रकार के हथियार लगाए जा सकते हैं, जो इसे मल्टी-रोल क्षमता प्रदान करते हैं:
- हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें: I-Derby, R-73, Python
- एंटी-शिप मिसाइलें: KH-35, KH-59MK
- लेजर-गाइडेड बम, S-8 रॉकेट्स
- भविष्य में इसे अस्त्र मार्क 1, R-77 और रूद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइल से भी लैस किया जाएगा.
भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को बूस्ट
तेजस Mk1A सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है. HAL की ऑर्डर बुक अप्रैल 2025 तक ₹1.89 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है, जिसमें 97 तेजस Mk1A, 143 एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर और 10 डॉर्नियर विमान शामिल हैं. अकेले इन तीनों ऑर्डर की कीमत ₹1.25 लाख करोड़ के आसपास बताई जा रही है.
छोटा आकार, बड़ी मारक क्षमता
तेजस Mk1A का डिजाइन इसे बेहद फुर्तीला और दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम बनाता है. इसका छोटा आकार और हल्कापन इसे दुनिया के सबसे छोटे और हल्के सुपरसोनिक फाइटर जेट्स में शुमार करता है. यही वजह है कि यह सीमित दूरी की लड़ाई के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन गया है.
तेजस Mk1A भारत की रक्षा शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला स्वदेशी लड़ाकू विमान है. इसकी आधुनिक टेक्नोलॉजी, बहु-भूमिका (multi-role) क्षमताएं और स्वदेशी निर्माण इसे भारत के लिए गर्व का विषय बनाती हैं. आने वाले समय में यह न केवल भारतीय वायुसेना की रीढ़ बनेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भी भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र को मजबूती देगा.