अब तूफान, बारिश की पहले से सटीक चेतावनी, भारत फोरकास्ट सिस्टम क्या है? जानिए इसकी खासियतें
BFS एक स्वदेशी, हाई-रेज़ोल्यूशन मौसम पूर्वानुमान मॉडल है, जो न केवल सटीक है, बल्कि तेज़ और भरोसेमंद भी है. पुणे स्थित Indian Institute of Tropical Meteorology में विकसित इस सिस्टम की सबसे बड़ी ताकत है इसका अल्ट्रा हाई रेजोल्यूशन डेटा, जो 6 किलोमीटर ग्रिड तक की भविष्यवाणी करने में सक्षम है. क्योंकि दुनिया के अन्य बड़े सिस्टम जहां 9 से 14 किलोमीटर के दायरे में अनुमान लगाते हैं, BFS कहीं ज़्यादा सूक्ष्म, गहराई से और सटीक विश्लेषण करता है.
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कभी भारत मौसम की जानकारी के लिए विदेशों की ओर देखा करता था. अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन जैसे देशों के मौसम मॉडल भारत के फैसलों की नींव हुआ करते थे. लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है. भारत ने मौसम की भविष्यवाणी में ऐसा इतिहास रचा है, जो न केवल विज्ञान की बड़ी छलांग है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की एक ज़िंदा मिसाल भी है. अब भारत मौसम के पीछे नहीं, मौसम से आगे की तैयारी करता है. और इसका श्रेय जाता है BFS, यानी भारत फोरकास्ट सिस्टम को.
BFS: एक भारतीय सोच, जो अब दुनिया को दिशा दे रही है
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जो दुनिया के सबसे एडवांस्ड वेदर फोरकास्ट मॉडलों को भी पीछे छोड़ चुका है. BFS एक स्वदेशी, हाई-रेज़ोल्यूशन मौसम पूर्वानुमान मॉडल है, जो न केवल सटीक है, बल्कि तेज़ और भरोसेमंद भी है. पुणे स्थित Indian Institute of Tropical Meteorology में विकसित इस सिस्टम की सबसे बड़ी ताकत है इसका अल्ट्रा हाई रेजोल्यूशन डेटा, जो 6 किलोमीटर ग्रिड तक की भविष्यवाणी करने में सक्षम है. क्योंकि दुनिया के अन्य बड़े सिस्टम जहां 9 से 14 किलोमीटर के दायरे में अनुमान लगाते हैं, BFS कहीं ज़्यादा सूक्ष्म, गहराई से और सटीक विश्लेषण करता है.
क्या बदल गया है BFS के आने से?
- तेज़ प्रोसेसिंग, रीयल-टाइम अलर्ट: मौसम की रिपोर्ट पहले जहां 12-14 घंटे में बनती थी, अब वही जानकारी 3-4 घंटे में तैयार हो रही है.
- गांव-स्तर तक पहुंची सटीकता: अब मौसम की जानकारी सिर्फ जिलों तक सीमित नहीं है. BFS बताता है कि किस गांव में, किस दिन, कितने बजे, कितनी बारिश होगी. यह किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
- आपदा प्रबंधन में 30% ज़्यादा सटीकता: चक्रवात, बाढ़ और भारी बारिश जैसी जानलेवा घटनाओं की भविष्यवाणी में BFS ने 30% तक बेहतर प्रदर्शन किया है. इससे जान-माल का नुकसान घटा है और राहत कार्य पहले से तेज़ हुए हैं.
'अर्का': इस सिस्टम की ताकत
BFS की रीढ़ है भारत का स्वदेशी सुपरकंप्यूटर 'अर्का' यह सिस्टम दुनिया के सबसे तेज़ वैज्ञानिक कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म्स में गिना जा रहा है, जिसकी प्रोसेसिंग पावर 11.77 पेटाफ्लॉप्स और स्टोरेज क्षमता 33 पेटाबाइट्स है. यह कंप्यूटर वो इंजन है, जो हर सेकंड अरबों गणनाएं करता है और पूरे देश का मौसम मानचित्र मिनटों में तैयार कर देता है.
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BFS क्यों है खास?
BFS केवल भविष्य नहीं बताता, यह वर्तमान में बदलते मौसम को भी ट्रैक करता है. भारत में 40 से ज़्यादा Doppler Weather Radars अब एक्टिव हैं और हर जिले में 2 घंटे पहले Nowcasting अलर्ट पहुंचाना संभव हो गया है. यह खास इसलिए है क्योंकि यह नीति निर्माताओं को सही निर्णय लेने में मदद करता है. यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाता है. यहां तक कि आपदा प्रबंधन को तेज़ और प्रभावी बनाता है और सबसे जरूरी यह आम नागरिक को समय पर सही जानकारी देता है.
BFS को बनाने में किसी विदेशी सहायता का सहारा नहीं लिया गया. यह भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डेटा विश्लेषकों की मेहनत, प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भर सोच का परिणाम है. जब यह मॉडल अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल्स में प्रकाशित हुआ, तो कई विकसित देशों ने इसकी कार्यप्रणाली को अपनाने में रुचि दिखाई. जो देश कल तक हमें मॉडल बेचते थे, आज हमसे मॉडल मांग रहे हैं. BFS के ज़रिए भारत ने साबित किया है कि हम सिर्फ अनुमान नहीं लगाते, हम सटीक विज्ञान की मदद से भविष्य को दिशा देते हैं.