MP-राजस्थान का 20 साल पुराना विवाद सुलझा, पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो प्रोजेक्ट से किसे-क्या मिलेगा?

सुमित पांडेय

पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना का सफल क्रियान्वयन मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों किसानों और निवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा. यह परियोजना सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक जल आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी.

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नदी जोड़ों प्रोजेक्ट के कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी.
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Parvati-Kalisindh-Chambal River Linking: मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए ऐतिहासिक मानी जाने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना का विवाद आखिरकार 20 साल बाद सुलझ गया है. मंगलवार को जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए अनुबंध कार्यक्रम में शामिल हुए. इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे. यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए जीवनदायिनी साबित होने जा रही है.

72 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में मध्य प्रदेश का योगदान 35 हजार करोड़ रुपये और राजस्थान का 37 हजार करोड़ रुपये रहेगा. यह परियोजना न केवल सिंचाई की सुविधा को बढ़ावा देगी, बल्कि 40 लाख से अधिक लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध कराएगी. परियोजना के तहत कुल जल भंडारण क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी, जिसमें से 172 मिलियन घन मीटर पानी पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए आरक्षित किया गया है.

पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना का सफल क्रियान्वयन मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों किसानों और निवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा. यह परियोजना सिंचाई, पेयजल और औद्योगिक जल आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करेगी. पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) से सूबे के 21 जिलों में बना जल संकट खत्म होने की उम्मीद है.

एमपी के इंदौर-उज्जैन समेत इन 11 जिलों को मिलेगा फायदा

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम में कहा कि इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 11 जिलों को सीधा लाभ मिलेगा. इनमें गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, धार, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जैसे जिले शामिल हैं. इन जिलों में लगभग 6.13 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी और पानी की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों को राहत मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल खेती की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि लोगों के पलायन पर भी रोक लगेगी.

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CM ने आगे कहा, "हमारा मुरैना, शिवपुरी और ग्वालियर जैसे क्षेत्र पानी की कमी से जूझते रहे हैं. खेत सूखे रहते थे और लोग रोज़गार के लिए पलायन करने को मजबूर होते थे. अब यह परियोजना इन क्षेत्रों में हरियाली लाएगी और पानी की समस्या का समाधान करेगी."

अटल जी का सपना था नदी जोड़ो प्रोजेक्ट: CM मोहन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस परियोजना को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के "नदी जोड़ो अभियान" का सपना बताया. उन्होंने कहा कि यह सपना सालों पहले देखा गया था, लेकिन विभिन्न कानूनी विवादों के कारण इसे अमल में लाने में देरी हुई. एमपी और राजस्थान की सरकारों में विवाद हुए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मोदीजी के नेतृत्व में यह परियोजना अब साकार हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश वह राज्य है जिसने एक साथ दो नदी जोड़ो अभियानों में भाग लिया है.

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चंबल नहर का आधुनिकीकरण

मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि इस परियोजना के तहत चंबल दाहिनी मुख्य नहर और उसकी वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण किया जाएगा. इससे भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों के किसानों को मांग के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कुल 3,217 गांवों को लाभ मिलेगा.

21 बांध और बैराज बनेंगे

परियोजना के तहत कुल 21 बांध और बैराज बनाए जाएंगे, जो जल संग्रहण और वितरण के लिए उपयोग में लाए जाएंगे. इन जल संरचनाओं के माध्यम से सिंचाई सुविधा को बढ़ाया जाएगा और जल संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से दोनों राज्यों के लोगों को जल संकट से राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह परियोजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगी, जहां पानी की कमी के कारण कृषि और जीवन प्रभावित होता रहा है.

उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल जल संसाधनों का उपयोग ही नहीं करेगी, बल्कि भविष्य के लिए जल संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

अटल जयंती पर केन-बेतवा लिंक का शुभारंभ

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी घोषणा की कि इसी महीने 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शुभारंभ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना भी मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात होगी और जल संकट से जूझ रहे कई क्षेत्रों को राहत प्रदान करेगी.

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