भोपाल: सड़क पर उतरवाये कपड़े, फिर दो पुलिसवालों ने मिलकर इतना पीटा की हो गई मौत, वजह चौंकाने वाली
भोपाल में दो पुलिस कांस्टेबलों की बेरहमी से पिटाई के चलते 22 साल के उदित गायकी की मौत हो गई, आरोपी अब तक फरार हैं. परिवार ने सीबीआई जांच और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की है.

मध्य प्रदेश के भोपाल में पुलिस की बेरहमी एक 22 साल के नौजवान की जान ले गई. यह दिल दहला देने वाला वारदात शुक्रवार रात का है, जब पिपलानी थाना क्षेत्र में दो पुलिस कांस्टेबलों ने एक युवक को इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई.
मृतक की पहचान उदित गायकी के रूप में हुई है, जो हाल ही में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर नौकरी में लगा था. इस मामले ने पूरे प्रदेश में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
क्या है पूरा मामला?
उदित गायकी मूल रूप से बालाघाट के डीएसपी केतन अडलक का साला था और इन दिनों भोपाल के बाग दिलकुशा इलाके में अपने माता-पिता के साथ रहता था. गुरुवार रात वह अपने दोस्तों के साथ इंद्रपुरी इलाके में बीयर पार्टी कर रहा था, तभी पिपलानी थाने के दो कांस्टेबल संतोष बामनिया और सौरभ आर्य वहां पहुंचे.
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दोनों पुलिसवालों ने युवकों को धमकाया और 10 हजार रुपए की मांग की. जब उदित ने इसका विरोध किया, तो कांस्टेबल को गुस्सा आ गया और गुस्से में आकर उन्होंने उसके कपड़े उतरवा दिए और डंडों से बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. पिटाई के बाद दोनों पुलिसकर्मी मौके से चले गए. थोड़ी देर बाद उदित को उल्टियां होने लगीं और तबीयत बिगड़ गई.
घबराए दोस्तों ने उसे पहले एक निजी अस्पताल पहुंचाया और फिर एम्स भोपाल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोली पुलिस की क्रूरता की पोल
एम्स की शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि उदित की मौत साधारण नहीं, बल्कि दर्दनाक तरीके से हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके पैंक्रियाज (अग्न्याशय) पर इतनी जोर से चोट पहुंची कि वह फट गया, जिससे अंदरूनी खून बहने लगा और ट्रॉमेटिक शॉक से उसकी जान चली गई.
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि उसे बिना धार वाले भारी हथियार से मारा गया था, जिससे उसके शरीर पर कई गंभीर चोटें पाई गईं.
हत्या का केस दर्ज
घटना के बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गई. दोनों आरोपी कांस्टेबलों को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन अब शनिवार को शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ हत्या की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.
हालांकि, एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद दोनों आरोपी फरार हो गए और अब पुलिस की तीन टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं. इलाके के सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए गए हैं और उदित के दोस्तों को मुख्य गवाह बनाया गया है.
परिवार का दर्द और न्याय की पुकार
उदित के पिता राजकुमार गायकी, जो एमपीईबी में असिस्टेंट इंजीनियर हैं, और मां संगीता गायकी, जो सरकारी स्कूल में टीचर हैं, अपने इकलौते बेटे की मौत से पूरी तरह टूट चुके हैं. पिता का साफ कहना है कि जब पुलिसकर्मी ही हत्यारे हैं, तो उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती.
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि या तो एसआईटी इस केस की जांच करे या फिर सीबीआई. उनका कहना है कि, “हमें अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहिए. हत्यारों को फांसी मिले.”
कांग्रेस का सरकार पर हमला
शनिवार शाम को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इस घटना पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि 48 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन न मुख्यमंत्री ने परिवार से बात की, न ही कोई मंत्री या बड़ा अधिकारी मिलने आया.
पटवारी ने मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.
भोपाल में हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर पुलिस के दुरुपयोग और जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उदित गायकी की मौत सिर्फ एक युवक की नहीं, बल्कि समाज की कानून व्यवस्था पर से भरोसे की भी हत्या है. अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कितना गंभीर रुख अपनाते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है.
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