AIMIM ने बिहार चुनाव के लिए घोषित की पहली लिस्ट, इस बार 100 सीटों पर आजमाएगी किस्मत
AIMIM ने बिहार चुनाव के लिए पहली सूची जारी कर करीब 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. पार्टी का लक्ष्य NDA और महागठबंधन के बीच एक मजबूत तीसरा विकल्प बनकर उभरना है.

बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं. इस बीच शनिवार यानी 11 अक्टूबर को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने अपनी पहली उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए साफ कर दिया कि इस बार वह लगभग 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे.
पिछली बार के मुकाबले यह आंकड़ा पांच गुना ज्यादा है. AIMIM का मकसद है कि वह बिहार की राजनीति में तीसरा विकल्प बनकर उभरे, जहां अब तक मुकाबला मुख्य रूप से NDA और महागठबंधन के बीच ही होता आया है.
किन सीटों पर होंगे AIMIM के उम्मीदवार?
पार्टी ने जिन सीटों की घोषणा की है, वे ज़्यादातर मुस्लिम बहुल इलाकों से आती हैं, खासतौर पर सीमांचल क्षेत्र से. इन जिलों की सीटों पर AIMIM ने अब तक अपने प्रत्याशी उतारने की बात कही है:
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किशनगंज जिला
- बहादुरगंज
- ठाकुरगंज
- कोचाधामन
- किशनगंज विधानसभा
पूर्णिया जिला
- अमौर
- बायसी
- कस्बा
कटिहार जिला
- बलरामपुर
- प्राणपुर
- मनिहारी
- बरारी
- कदवा
अररिया जिला
- जोकीहाट
- अररिया विधानसभा
अन्य प्रमुख जिले और सीटें
- गया: शेरघाटी, बेला
- मोतिहारी: ढाका, नरकटिया
- नवादा: नवादा
- जमुई: सिकंदरा
- भागलपुर: भागलपुर, नाथनगर
- सिवान: सिवान
- दरभंगा: जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण, गौरा बौराम
- समस्तीपुर: कल्याणपुर
- सीतामढ़ी: बाजपट्टी
- मधुबनी: बिस्फी
- वैशाली: महुआ
- गोपालगंज: गोपालगंज
अब हम हल्के में लेने लायक नहीं हैं
AIMIM के बिहार प्रमुख अख्तरुल ईमान ने इस लिस्ट के जारी किए जाने के बाद कहा कि उनकी पार्टी की रणनीति इस बार पूरी तरह से अलग है. उन्होंने कहा, "हमारे उम्मीदवार 100 सीटों पर उतरेंगे और इस बार NDA और महागठबंधन दोनों को हमारी ताकत का एहसास होगा."
उन्होंने बताया कि साल 2020 में AIMIM को "सेक्युलर वोट बांटने" का आरोप झेलना पड़ा था, लेकिन इस बार वे अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे.
तेजस्वी यादव को मिला था गठबंधन का प्रस्ताव
अख्तरुल ईमान ने दावा किया कि उन्होंने तेजस्वी यादव और लालू यादव को चुनाव पूर्व गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में AIMIM अब समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाने पर विचार कर रही है.
AIMIM का बिहार में अब तक का सफर
2020 के चुनाव में AIMIM ने बसपा और रालोसपा के साथ गठबंधन कर पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, खासकर सीमांचल इलाके में. लेकिन बाद में इनमें से चार विधायक RJD में शामिल हो गए, और अब सिर्फ अख्तरुल ईमान ही AIMIM के एकमात्र विधायक बचे हैं.
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि AIMIM की असली ताकत बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल में है, जहां मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, लेकिन विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व आज भी सीमित है.
बिहार चुनाव 2025 की तारीखें
बिहार में इस बार दो चरणों में वोटिंग होगी 6 नवंबर और 11 नवंबर, जबकि गिनती 14 नवंबर को की जाएगी. अब देखना होगा कि AIMIM इस बार कितनी सीटों पर असर डाल पाती है और क्या वाकई वह तीसरी ताकत के रूप में उभर पाती है या नहीं.
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