IPS पूरन कुमार केस पर रोहतक SP पर गाज, DGP समेत 15 अधिकारियों पर FIR, CM सैनी बोले- 'बख्शा नहीं जाएगा'

आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या पर सीएम नायब सैनी ने कहा है कि दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले में डीजीपी समेत 15 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुई है और रोहतक एसपी पर कार्रवाई हुई है.

nayab singh saini
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हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी है. इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों. शनिवार को पंचकूला में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के बाद सीएम सैनी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में यह बात कही. उन्होंने इस घटना को "बेहद दुखद" बताया और मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया.

भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में शोक प्रस्ताव

पंचकूला में आयोजित भाजपा की बैठक में दिवंगत IPS अधिकारी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया. सीएम सैनी ने बताया कि वे जापान यात्रा पर थे, जब उन्हें पूरन कुमार की मौत की खबर मिली. उन्होंने तुरंत पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार को सांत्वना दी और उन्हें भारत वापस भेजने का इंतजाम किया. सैनी ने कहा, "हमारी सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएगी. दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी."

सुसाइड नोट में गंभीर आरोप

2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार (52) ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार ने 9 पेज के सुसाइड नोट का हवाला देते हुए हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया और 13 अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इनमें मानसिक प्रताड़ना, जातिगत भेदभाव और पदोन्नति में अनियमितता शामिल हैं. अमनीत ने सीएम को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की गिरफ्तारी, निलंबन, एफआईआर और परिवार को सुरक्षा की मांग की है.

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SIT कर रही जांच

सीएम सैनी ने जापान से लौटने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और मामले की जांच के लिए सख्त निर्देश दिए. चंडीगढ़ पुलिस ने 9 अक्टूबर को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 और एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी, डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 15 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस केस की जांच के लिए 10 अक्टूबर को आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अगुवाई में छह सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया.

परिवार ने रोका अंतिम संस्कार

पूरन कुमार की मौत के पांच दिन बाद भी उनके शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है. परिवार ने पोस्टमॉर्टम के लिए सहमति नहीं दी है. अमनीत पी. कुमार ने मांग की है कि सुसाइड नोट में नामजद अधिकारियों के खिलाफ पहले कार्रवाई हो और उन्हें एफआईआर में संदिग्ध के रूप में शामिल किया जाए. परिवार का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

राजनीतिकरण पर सैनी की अपील

सीएम सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर किसी ने पूरन कुमार को प्रताड़ित किया तो उसे माफ नहीं किया जाएगा. हमारी सरकार परिवार को न्याय दिलाएगी." हरियाणा आईएएस एसोसिएशन ने भी सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन से इस मामले को गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ देखने की अपील की है.

वहीं. हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया को APO कर दिया है. उनकी जगह सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया है.

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