मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता, जानें क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया?
Code of Conduct in Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनावी काउंट डाउन के बीच बड़ी खबर सामने आई है. जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है. चुनाव आयोग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. जानकारी के मुताबिक, 10 अक्टूबर से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों […]
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Code of Conduct in Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनावी काउंट डाउन के बीच बड़ी खबर सामने आई है. जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है. चुनाव आयोग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. जानकारी के मुताबिक, 10 अक्टूबर से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. इसके साथ ही प्रदेश भर में आचार संहिता लग जाएगी. विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने कमर कस ली है.
MP में चुनाव आयोग की तैयारी पूरी
केंद्रीय चुनाव आयोग ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. आयोग के अधिकारी 4 सितंबर को ही मध्य प्रदेश का दौरा कर चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं. 3 अक्टूबर को आयोग की टीम तेलंगाना का तीन दिवसीय दौरा करेगी. वर्तमान में आयोग के अधिकारी राजस्थान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. छत्तीसगढ़ और मिजोरम का दौरा भी टीम पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राजस्थान और तेलंगाना दौरे के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है.
मतदाता सूची का प्रकाशन
चुनाव आयोग ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 4 अक्टूबर को फाइनल सूची का प्रकाशन करेगी. आयोग ने नए वोटर्स के नाम जोड़ना, हटाना और वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. चुनावों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लग जाएगी. अब हर कोई जानना चाहता है कि यह आचार संहिता क्या होती है और यह कब तक लागू होती है.
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क्या होती है आचार संहिता
जैसे ही चुनाव आयोग विधानसभा या लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करता है. वैसे ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट यानी आदर्श आचार संहिता लग जाती है. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट है क्या? इसकी जरूरत क्यों पड़ती है और इसके नियम क्या कहते हैं? देश में लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम तैयार किए हैं. इन नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं, इन नियमों को ही मानना चुनाव में भाग ले रहे सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए अनिवार्य है.
अगर कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई करता है. जैसे उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है और जरूरी होने पर अपराधिक मुकदमा भी दर्ज करवाया जा सकता है.
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कब लागू होती है आचार संहिता
आचार संहिता चुनाव के दौरान और चुनावी प्रक्रिया के दौरान लागू होती है. यह चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में मान्यता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती है, जैसे कि उम्मीदवारों की पंजीकरण, मतदान, मतगणना, और परिणामों की घोषणा के समय. इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और न्यायिक बनाना होता है ताकि लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें और चुनाव निष्पक्षता और विश्वासनीयता के साथ संचालित हो सकें. आचार संहिता को चुनावी प्रक्रिया के शुरू होने से पहले लागू किया जाता है और इसका पालन चुनावी प्रत्यायों और चुनाव प्राधिकृत अधिकारियों के द्वारा चुनाव के दिन तक किया जाता है.
यह संहिता चुनाव के नियमों और मानदंडों के अनुसार चुनावी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में मदद करती है और चुनाव को न्यायिक, निष्पक्ष, और संविधानिक रूप से आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.