सिंधिया के समर्थक मंत्री से भिड़ गए दिग्विजय सिंह, लगा दिए ये आरोप, फिर मिला ये जवाब

हिमांशु शिवा

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digvijaya singh and jyotiraditya scindhia
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MP Politics: मध्यप्रदेश के सागर की सुरखी विधानसभा इन दिनों काफी चर्चाओं में है. वजह है यहां से विधायक और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत. लोग इनको ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्‌टर समर्थकों में से एक के रूप में जानते हैं. लगातार विवादों में बने रहते हैं और अब एक ओर नया विवाद इनसे जुड़ गया है. विवाद हुआ है पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से.

सागर का सुरखी अब सियासत का बड़ा अखाड़ा बनने जा रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में दस से ज्यादा मकानों को वन विभाग ने गिरा दिया है. बताया जा रहा है कि जिन मकानों को गिराया गया है. उनमे से कुछ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए थे. इस मामले को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. पूर्व सीएम दिग्गिवजय सिंह ने आरोप लगाया है कि गोविंद सिंह राजपूत के निर्देश पर मकान गिराए गए.

दिग्विजय सिंह ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है और रैपुरा जाकर परिवारों से मुलाकात करने की बात भी कह रहे हैं. हालांकि जिन लोगों के घर गिराए गए हैं वो कह रहे हैं कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उनके लिए पट्टे और राशन का इंतजाम कर रहे हैं.

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मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने आरोपों को नकारा
दिग्विजय सिहं के आरोपों के बाद अब खुद गोविंद सिंह राजपूत मैदान में आ गए हैं. गोविंद सिंह राजपूत ने दिग्विजय सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. कैबिनेट मंत्री की माने तो सभी मकान वन विभाग की जमीन पर बनें थे. लिहाजा जो भी कार्रवाई हुई है, उससे उनका कोई लेना देना नहीं है. इतना ही नहीं गोविंद सिंह राजपूद ने वादा किया है कि जिनके भी मकान गिरे हैं, उनको नए पट्टे दिलाएंगे और मकान बनवाएंगे.

वन विभाग ने बताया, अतिक्रमण था, इसलिए हटाया
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो वन विभाग की जमीन पर काफी लंबे वक्त से अतिक्रमण किया गया था. इसको लेकर अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी जारी किया गया था. लेकिन जब उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया तो फिर वन विभाग ने पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण को हटा दिया.

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