Exclusive: विजय शाह के इस्तीफे पर सामने आया बड़ा अपडेट, इस एक बात पर पीछे हटी बीजेपी?

आकांक्षा ठाकुर

Vijay Shah Exclusive: सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने विजय शाह से इस्तीफे की मांग की थी, और वह भी इसके लिए तैयार थे. लेकिन उन्होंने कहा कि वह न सिर्फ मंत्री पद, बल्कि विधायकी से भी इस्तीफा देंगे.

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Vijay Shah Exclusive: मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह का एक बयान ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है. ऑपरेशन सिंदूर(Operation sindoor) की सफलता के बाद, जब पूरा देश भारतीय सेना की बहादुरी की तारीफ कर रहा था, तब विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी(Vijay Shah Controversial Statement) पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. यह मामला अब हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सवाल यह है कि क्या विजय शाह इस्तीफा देंगे? 

विवाद की शुरुआत

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की एक बड़ी सैन्य कार्रवाई थी, जिसकी जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को दी थी. इस ऑपरेशन की देशभर में तारीफ हो रही थी, लेकिन मध्यप्रदेश के महू में एक सभा के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया पर अभद्र टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "जिन्होंने हमारी बहनों के सिंदूर उजाड़े थे, उन लोगों को हमने उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई." यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विवाद शुरू हो गया.

हाई कोर्ट का सख्त रुख

विजय शाह के बयान पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. कोर्ट ने इसे सेना और महिला सम्मान के खिलाफ माना और पुलिस को चार घंटे के भीतर विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया. हाई कोर्ट ने FIR की ड्राफ्टिंग पर भी सवाल उठाए और इसे और मजबूत करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा, "ऐसे गंभीर मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी."

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बीजेपी पर विपक्ष का हमला

विजय शाह के बयान के बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, "यह बयान सेना और महिलाओं का अपमान है. विजय शाह को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए." कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किए और विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग की. वहीं, बीजेपी के कुछ नेताओं, जैसे पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी विजय शाह की टिप्पणी की निंदा की और उनकी बर्खास्तगी की मांग की.

इस्तीफा क्यों नहीं हुआ?

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने विजय शाह से इस्तीफे की मांग की थी, और वह भी इसके लिए तैयार थे. लेकिन उन्होंने कहा कि वह न सिर्फ मंत्री पद, बल्कि विधायकी से भी इस्तीफा देंगे. विजय शाह आदिवासी समुदाय से आते हैं, और मध्यप्रदेश में 47 विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. उनकी विधायकी से इस्तीफे का मतलब था उपचुनाव, जो बीजेपी के लिए जोखिम भरा हो सकता था. इसलिए, बीजेपी ने फिलहाल इस्तीफा नहीं लेने का फैसला किया.

मुख्यमंत्री मोहन यादव के ऑफिशियल हैंडल से देर रात एक पोस्ट में कहा गया, "प्रशासन कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहा है." इससे साफ हो गया कि सरकार अभी विजय शाह का इस्तीफा नहीं ले रही.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और SIT का गठन

विजय शाह ने हाई कोर्ट के FIR के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां भी उन्हें फटकार पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को नामंजूर करते हुए कहा, "आप एक मंत्री हैं, आपको जिम्मेदारी से बोलना चाहिए." कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठन का आदेश दिया, जिसमें तीन IPS अधिकारी होंगे, जिनमें एक महिला अधिकारी भी शामिल होगी. SIT को 28 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.

बीजेपी की 'वेट एंड वॉच' रणनीति

फिलहाल, बीजेपी इस मामले में 'वेट एंड वॉच' की नीति अपना रही है. मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, "मामले को देखा जा रहा है, उचित कार्रवाई होगी." लेकिन पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं. कई लोग पूछ रहे हैं कि सेना के खिलाफ ऐसी टिप्पणी के बावजूद विजय शाह पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

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