गुपचुप तरीके से कोर्ट में सरेंडर करने जा रहे RTO के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा को लोकायुक्त ने दबोचा
Madhya Pradesh Crime: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा को कोर्ट में सरेंडर करने से पहले ही लोकायुक्त ने दबोच लिया. सोमवार को भोपाल कोर्ट में सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने सौरभ के सरेंडर को लेकर आवेदन दिया था. इसके बाद कोर्ट ने सौरभ शर्मा की केस डायरी लोकायुक्त से मांगी थी.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

गुपचुप तरीके से कोर्ट में पेश होने से पहले ही लोकायुक्त ने हिरासत में लिया

कोर्ट ने आज सौरभ को हाजिर होने के आदेश दिए थे, सौरभ के वकील का दावा
Madhya Pradesh Crime: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा को कोर्ट में सरेंडर करने से पहले ही लोकायुक्त ने दबोच लिया. सोमवार को भोपाल कोर्ट में सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने सौरभ के सरेंडर को लेकर आवेदन दिया था. इसके बाद कोर्ट ने सौरभ शर्मा की केस डायरी लोकायुक्त से मांगी थी.
इस बीच मंगलवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए गुपचुप तरीके से सौरभ शर्मा सरेंडर करने जा रहे थे, तभी लोकायुक्त की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया. सौरभ के वकील राकेश पराशर ने इस हिरासत को अवैध बताया है और वो जल्द ही कोर्ट में इस कस्टडी के खिलाफ आवेदन देंगे. सौरभ के वकील राकेश पराशर ने दावा किया है कि कोर्ट ने आज सौरभ को हाजिर होने के आदेश दिए थे.
कौन है सौरभ शर्मा?
एमपी की राजधानी भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में रहने वाला सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल था. 2015 के पिता की मौत के बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के तहत यह नौकरी हासिल की थी. लेकिन करीब 7 साल की नौकरी के बाद ही वीआरएस लेकर ठेकेदारी के काम में कूद गया.
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सोमवार को कोर्ट में क्या हुआ था?
आरटीओ का पूर्व कॉन्स्टेबल धनकुबेर सौरभ शर्मा आखिरकार कोर्ट में सरेंडर करना चाहता था. सौरभ शर्मा ने अपने वकील के जरिए भोपाल कोर्ट में एक आवेदन पेश किया है. आवेदन देकर उसने कोर्ट से सरेंडर करने की अनुमति मांगी थी. सौरभ शर्मा के आवेदन पर कोर्ट ने कहा है कि वो इस मामले को विधिवत तरीके से देखेगा. ED और लोकायुक्त के छापे के बाद से सौरभ फरार चल रहा था. सौरभ शर्मा के घर समेत कई ठिकानों पर ईडी ने 17 दिसंबर को छापा मारा था. छापेमारी के 41 दिन के बाद से सौरभ शर्मा ने कोर्ट में सरेंडर की अनुमति मांगी थी.
आरोप है कि इन 7 सालों में सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के लगभग दो दर्जन चेक पॉइंट्स पर ठेकेदारी का काम लेकर भारी संपत्ति अर्जित की. लोकायुक्त पुलिस के छापे में सौरभ शर्मा के पास 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली है, जिसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी शामिल था.
जंगल में मिली थी कैश और सोने से लदी कार
लोकायुक्त की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े कई परिसर से ये संपत्तियां बरामद करने के बाद इन्हें जब्त कर लिया था. हालांकि लोकायुक्त की छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने 20 दिसंबर को भोपाल से सटे जंगल में एक लावारिस कार जब्त की थी. इस कार में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की नगदी भी मिली थी.
पहले खारिज हो गई थी याचिका
आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ने अपने वकील के जरिए भोपाल जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था. माना जा रहा था कि सौरभ शर्मा सरेंडर कर सकता है. सौरभ शर्मा की संपत्तियों को लेकर आयकर विभाग और ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है. सरेंडर के बाद जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा से पूछताछ कर पाएंगी. पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.