महू हिंसा पर शहर काजी मोहम्मद जाबिर का चौंकाने वाला बयान, किया ये बड़ा दावा; बोले- कोई दूध का धुला नहीं
Mhow Violence: महू हिंसा पर शहर काजी मोहम्मद जाबिर का बड़ा बयान सामने आया है. प्रशासन से चूक हुई है, भारत-पाकिस्तान के मैच का तो मालूम था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि भारत-न्यूज़ीलैंड मैच में भी कानून व्यवस्था गड़बड़ा सकती है. इसका ध्यान नहीं रखा गया. कहा- यहां पर कोई दूध का धुला नहीं है...
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मध्य प्रदेश के महू में भारतीय क्रिकेट टीम की चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 की जीत का जश्न अचानक हिंसा में बदल गया. रविवार देर रात हुए इस उपद्रव में चार लोग घायल हो गए, जबकि तीन कारों समेत कई दोपहिया वाहनों में आग लगा दी गई. घटना के बाद शहर काजी मोहम्मद जाबिर का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं.
शहर काजी मोहम्मद जाबिर ने कहा, "मस्जिद के सामने से जुलूस निकालना पहले से प्रतिबंधित था, फिर भी ऐसा किया गया. विवाद की शुरुआत दूसरे पक्ष से हुई और दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई. इसमें कोई दूध का धुला नहीं है. मुस्लिमों की दुकानें और गाड़ियां भी जलीं."
"प्रशासन को भारत-पाकिस्तान मैच पर तो ध्यान था, लेकिन उन्हें शायद अंदाजा नहीं था कि भारत-न्यूजीलैंड मैच में भी ऐसा हो सकता है. कल कोई सुरक्षा तैयारी नहीं थी, जिससे यह स्थिति बनी. मेरी अपील है कि शांति बहाल हो और दोषियों पर निष्पक्ष कार्रवाई हो." बता दें कि महू में 50 लोगों पर नामजद एफआईआर हुई है, वहीं 50 अन्य लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है. 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है. वहीं एफआईआर में आरोपियों के नाम सामने आ गए हैं. एनएसए भी लगाया जा सकता है.
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13 गिरफ्तार, NSA के तहत होगी कार्रवाई
महू हिंसा के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. कलेक्टर ने कहा, "हिंसा के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और कुछ आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. वीडियो फुटेज और चश्मदीदों के बयान के आधार पर आगे की जांच जारी है."
कैसे भड़की हिंसा?
महू थाना प्रभारी राहुल शर्मा के अनुसार, "जुलूस के दौरान पटाखे फोड़ने और नारेबाजी को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो देखते ही देखते पथराव और आगजनी में बदल गया. जुलूस जैसे ही जामा मस्जिद के पास पहुंचा, वहां अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए."
पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) निमिष अग्रवाल ने कहा कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही यह स्पष्ट होगा कि हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाहों से बचने की अपील की है. महू में क्रिकेट जश्न के दौरान भड़की हिंसा प्रशासन और स्थानीय समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए NSA लगाने की बात कही है.