'राज्यसभा सीट को लेकर नाराज सिंधिया ने MP में गिराई थी कमलनाथ की सरकार'...सामने आई असली वजह ?
मध्य प्रदेश में साल 2020 में कमलनाथ सरकार कैसे गिरी थी, इस पर सियासत तेज हो गई है. दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के दावों में किसकी बात सच है? जानिए राज्यसभा चुनाव, डिनर मीटिंग और कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान की पूरी कहानी.
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'मध्य प्रदेश में साल 2020 में कांग्रेस पार्टी की सरकार कैसे गिरी'...पर सियासम गरमा गई है. पहले दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मीटिंग कराई. सरकार न गिरे इसकी कोशिश की. इसपर कमलनाथ ने कहा कि सिंधिया को लगता था कि दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं. इधर सिंधिया कह रहे हैं मुझे पुरानी बातें नहीं करनी है.
सवाल वहीं का वहीं है कि किसके दावे में कितना दम है? किसने और क्यों गिराई सरकार? 15 सालों के बाद प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को मौका दिया फिर चूक कहां हो गई ? किसकी महत्वाकांक्षा की भेट चढ़ गई कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ की नेतृत्व वाली सरकार?
इन्हीं सवालों के साथ इंडिया टुडे ग्रुप के Tak क्लस्टर के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई से विस्तार से बात की. राशिद किदवई ने उस डिनर के बारे में खुलकर बताया जिसकी बात दिग्विजय सिंह कर रहे हैं.
एक महिला के घर भोजन पर हुई बात
राशिद किदवई बताते हैं- वो इंडस्ट्रियलिस्ट महिला थीं, जिनके घर भोजन पर मीटिंग हुई. वे सिंधिया परिवार के करीब समझी जाती हैं. वहां भोजन पर बतौर मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा दिग्विजय सिंह मौजूद थे.
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बैठक में तमाम बातें हुईं. जैसा कि दिग्विजय सिंह ने कहा, एक विशलिस्ट उनकी तरफ से दी गई. उस समय कमलनाथ जी को शायद अपने राजनीतिक आंकलन में ऐसा लगता था कि सिंधिया जाएंगे तो कहां जाएंगे. आपको याद होगा कि उस समय गाड़ी में बैठ रहे कमलनाथ से एक पत्रकार पूछता है कि सिंधिया जी ने कहा है कि वो कांग्रेस के खिलाफ सड़क पर उतर जाएंगे...तो कमलनाथ ने बड़ी बेरुखी और नाराजगी से कहा था- 'उतर जाएं'.
'ये तमाम फैक्टर थे, लेकिन मेरे आंकलन में सबसे बड़ी वजह राज्यसभा की सीट थी. उस वक्त कांग्रेस इस पोजीशन में थी कि 2 सीटें उसे मिल सकती थी, क्योंकि वो सत्ता में थी. इस मामले में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों इकट्ठा हो गए. दो नामों में सबसे पहला नाम दिग्विजय सिंह का पेश किया गया.' - राशिद किदवई
सिंधिया को आपत्ति कहां थी?
राशिद किदवई आगे बताते हैं- 'अमित शाह राज्यसभा के चुनाव बड़ी शिद्दत और बड़ी दिलचस्पी से लड़ते हैं...सिंधिया को लगा कि कहीं दूसरा कैंडिडेट कांग्रेस हार न जाए, क्योंकि उसको दो चार वोट अतिरिक्त चाहिए थे. ये वोट समाजवादी पार्टी और दूसरे इंडिपेंडेंट से मिल सकते थे. सिंधिया को लगा कि उन्हें नंबर 2 पर रखा जा रहा है. इसी कशमकश में वे अहत थे.
सोनिया गांधी ने कहा- आपको CG से भेज देती हूं
इधर सोनिया गांधी ने उनसे कहा कि आपको मैं छत्तीसगढ़ से भेज देती हूं. वहां एक ही सांसद होगा और आप वहां निर्विरोध चुन लिए जाएंगे. इससे सिंधिया और आहत हो गए. उन्हें लगा कि कांग्रेस पार्टी में रहते हुए पहले तो मैं लोकसभा का चुनाव हार गया. अब मुझे मध्य प्रदेश से बाहर करके छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है.
सिंधिया को लगा-कमलनाथ और दिग्विजय मिले हुए हैं- किदवई
राशिद किदवई आगे बताते हैं- उसमें भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों मिले हुए हैं और उनकी एक तरीके की पॉलिटिकल अंडरस्टैंडिंग है....और अडरस्टैंडिंग थी भी.
अब 5 साल में बहुत बदलावा आया है. आज राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के कर्ता-धर्ता हैं. दिग्विजय सिंह चाहते हैं कि उनके बेटे जयवर्धन सिंह को आगे किया जाए. वहीं कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ को चाहते हैं. इन तमाम बातों के मद्देनजर अब दोनों में काफी खटास आ चुकी है. ये बयानबाजिया जो आ रही हैं वो इसी को दर्शाती है. कुल मिलाकर मामला राज्यसभा का था जिसे लेकर सिंधिया को दरकिनार किया गया, जिससे वे काफी अहत थे.
आपको बताते चलें कि एक MP Tak के एक पॉडकास्ट में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 'कमलनाथ सरकार क्यों के गिरी' के सवाल पर मिटिंग वाली कहानी बताई. इसपर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतीत की बातें कहकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया X पर तगड़ा रिएक्शन दिया...ये पूरा मामला यहां पढ़ें
राशिद किदवई के साथ पूरी बातचीत यहां देखें
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