नहीं चाहिए थी बेटी, जिंदा कमोड में फ्लश कर दिया... टॉयलेट तोड़कर 8 घंटे की मशक्कत से बाहर निकाला शव
MP Chindwara News: छिंदवाड़ा के परासिया सिविल अस्पताल के महिला शौचालय के कमोड में नवजात का शव फंसा मिला, जिसे लगभग 8 घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और अस्पताल व्यवस्था और इंसानियत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

हमारे देश में वैसे तो महिलाओं को पढ़ाने-लिखाने, आगे बढ़ाने जैसी तमाम बड़ी-बड़ी बातें की जाती है..ये भी कहा जाने लगा है कि अब देश की महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, जो कि कुछ हद तक सही भी है लेकिन कभी-कभी कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं जो इंसान को अंदर तक झकझोर देती हैं.मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से आई यह घटना भी कुछ ऐसी ही है, जहां एक सरकारी अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मंजर सामने आया.
दरअसल परासिया सिविल अस्पताल के महिला शौचालय के कमोड में एक नवजात का शव फंसा हुआ मिला. मासूम की जिंदगी शुरू होने से पहले ही खत्म हो चुकी थी लेकिन वो जिस हालत में मिली उसने पूरे अस्पताल को दंग कर दिया.
कैसे सामने आया मामला
सोमवार को रोज की तरह दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अस्पताल में सफाई का काम चल रहा था. इसके कुछ समय बाद जब महिला सफाई कर्मचारी दोबारा शौचालय की सफाई के लिए पहुंची तो उसने देखा कि कमोड से पानी का फ्लो नहीं हो रहा है.
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पहले तो सफाई करने वाली को लगा कि कोई सामान फंसा होगा लेकिन जब उसने ध्यान से देखा तो उसके होश उड़ गए. कमोड के अंदर नवजात का हाथ और सिर दिखाई दे रहा था. घबराई सफाई कर्मचारी ने तुरंत अस्पताल प्रबंधन को सूचना पहुंचाया. कुछ ही देर में यह खबर पूरे अस्पताल में फैल गई. इसके बाद मैनेजमेंट ने पुलिस को जानकारी दी.
8 घंटे की मशक्कत के बाद निकला शव
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन मामला आसान नहीं था. नवजात का शव बुरी तरह से टॉयलेट के कमोड में फंस चुका था. पुलिस, अस्पताल स्टाफ और नगर पालिका के कर्मचारियों ने मिलकर कमोड को तोड़ने का फैसला किया.
लगभग 7 से 8 घंटे की लंबी मशक्कत के बाद आखिरकार कमोड तोड़कर नवजात के शव को बाहर निकाला जा सका. इस पूरी प्रक्रिया को खत्म होते होते अंधेरा हो चुका था. इस दौरान अस्पताल परिसर में सन्नाटा पसरा रहा और हर कोई यही सोचता रहा कि आखिर एक मासूम के साथ ऐसा कैसे हो सकता है.
अस्पताल प्रबंधन ने क्या कहा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परासिया की प्रभारी बीएमओ डॉ. सुधा बक्सी ने बताया कि दोपहर के समय स्टाफ नर्स ने जानकारी दी थी कि महिला शौचालय में पानी पास नहीं हो रहा है और कुछ फंसा हुआ लग रहा है. जब मौके पर जाकर देखा गया तो कमोड में नवजात फंसा मिला. इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई. नवजात का शव निकालने में करीब 6-7 घंटे का समय लगा.
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने नवजात के शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है, ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नवजात को वहां किसने और किन हालात में छोड़ा था.
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