MPPSC Topper: साहब को सलामी ठोंकने वाले सिपाही ने लगाई सफलता की ऊंची छलांग; जानिए सक्सेस मंत्र

रवीशपाल सिंह

MPPSC 2022 topper: गिरिराज परिहार ने बताया कि उन्होंने साल 2016 में बतौर जेल प्रहरी अपने करियर की शुरुआत की थी. उसके अगले ही साल 2017 में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद उनकी नौकरी राज्य सायबर सेल में लग गई और तब से वह सायबर सेल में ही काम कर रहे हैं.

ADVERTISEMENT

जेल प्रहरी से कॉन्स्टेबल बने युवक ने लगाई लंबी छलांग.
जेल प्रहरी से कॉन्स्टेबल बने युवक ने लगाई लंबी छलांग.
social share
google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

जेल प्रहरी से सायबर सेल कांस्टेबल, अब MPPSC क्लियर कर बने असिस्टेंट डायरेक्टर

point

साल 2019 से MPPSC की तैयारी शुरू की, जॉब में बैलेंस करते हुए गिरिराज ने तैयारी की

MPPSC 2022 topper: MPPSC ने शनिवार को राज्य सेवा परीक्षा 2022 के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए हैं. इनमें सफल होने वाले गिरिराज परिहार भी हैं जो वर्तमान में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं, लेकिन शनिवार को घोषित हुए नतीजों में कांस्टेबल गिरिराज परिहार ने 786 अंक हासिल कर असिस्टेंट डायरेक्टर का पद हासिल कर लिया है. 

गिरिराज परिहार ने एमपी तक से बताया कि उन्होंने साल 2016 में बतौर जेल प्रहरी अपने करियर की शुरुआत की थी. उसके अगले ही साल 2017 में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद उनकी नौकरी राज्य सायबर सेल में लग गई. तब से वह सायबर सेल में ही काम कर रहे हैं. गिरिराज ने बताया कि उनकी मां का निधन साल 2011 में हो गया था. वर्तमान में उनके घर पर पिता हैं, पत्नी है. उनकी 5 बहने थी जिनकी शादी हो चुकी है.

आर्थिक हालत सही करने के लिए ज्वॉइन की पुलिस सेवा

गिरिराज ने बताया कि वह मूल रूप से दतिया जिले के सीतापुर गांव के रहने वाले हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसलिए 12वीं करने के बाद जेल प्रहरी की नौकरी शुरु कर दी थी. ताकि परिवार की आर्थिक मदद कर सके. इसके बाद कांस्टेबल की नौकरी से आर्थिक स्थिति पहले से थोड़ी बेहतर हुई और पिताजी के साथ मिलकर उन्होंने बहनों की शादी करवाई.

यह भी पढ़ें...

ऐसे की एमपीपीएससी की तैयारी

एमपी तक से बात करते हुए गिरिराज ने बताया कि उन्होंने साल 2019 से MPPSC की तैयारी शुरू की. उनकी जॉब का टाइमिंग सुबह 10 से 6 बजे तक होता है. इसलिए वो सुबह ऑफिस जाने से पहले 2 घंटे पढ़ाई करते थे. इसके बाद लंच टाइम में थोड़ा बहुत पढ़ते थे और शाम को घर आने के बाद करीब 4 से 5 घंटे तक पढ़ाई करते थे. गिरिराज ने बताया कि उन्होंने इसके लिए कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की लेकिन इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने एक सीनियर की मदद ली.

गिरिराज ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा अगर ध्यान भटकाए बिना अगर रोज़ 7-8 घंटे पढ़ते हैं तो कुछ प्रयासों के बाद वह परीक्षा पास कर सकते हैं लेकिन उन्हे इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर पहली बार में वह सफल नहीं होते हैं तो हिम्मत नहीं खोना है.

ये भी पढ़ें: सब्जी का ठेला लगाने वाले का बेटा बन गया बड़ा अफसर, खुशी में छलक पड़े पिता के आंसू

    follow on google news
    follow on whatsapp