मुंडका: राहुल गांधी की टीम में जाकर गेमचेंजर साबित होगा AAP का पूर्व MLA?

दिनेश यादव

मुंडका विधानसभा मुख्य रूप से जाट बहुल क्षेत्र है और इस बार जाट आरक्षण का मुद्दा भी चुनाव में गूंज रहा है. सवाल यह है कि क्या धर्मपाल लाकड़ा कांग्रेस के लिए गेमचेंजर साबित होंगे या किसी अन्य पार्टी का खेल बिगाड़ेंगे?  

ADVERTISEMENT

NewsTak
social share
google news

Mundka Seat Analysis: दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुंडका सीट की चर्चा हर बार दिलचस्प रहती है. यह सीट 2008 में बनी और खास बात यह है कि तब से अब तक हुए चारों चुनावों में यहां से हर बार नया विधायक चुना गया. इस बार भी मुंडका की राजनीति रोचक मोड़ पर है, क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने सिटिंग विधायक धर्मपाल लाकड़ा का टिकट काट दिया. इससे नाराज़ होकर लाकड़ा कांग्रेस में शामिल हो गए और अब उसी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.  

ध्यान देने वाली बात यह है कि 2020 में धर्मपाल लाकड़ा ने 90,000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे. मुंडका विधानसभा मुख्य रूप से जाट बहुल क्षेत्र है और इस बार जाट आरक्षण का मुद्दा भी चुनाव में गूंज रहा है. सवाल यह है कि क्या धर्मपाल लाकड़ा कांग्रेस के लिए गेमचेंजर साबित होंगे या किसी अन्य पार्टी का खेल बिगाड़ेंगे?  

मुंडका सीट पर कौन-कौन हैं आमने-सामने?

पार्टी उम्मीदवार
AAP जसवीर कराला
कांग्रेस धर्मपाल लाकड़ा
बीजेपी गजेंद्र दलाल

पिछले चुनावों का प्रदर्शन  

मुंडका सीट के पिछले तीन चुनावों में जीत-हार का इतिहास:  

साल पार्टी उम्मीदवार मार्जिन
2013 कांग्रेस रामवीर शौकीन 7134 वोट
2015 AAP सुखवीर सिंह 40826 वोट
2020 AAP धर्मपाल लाकड़ा 19158 वोट

2020 में, धर्मपाल लाकड़ा ने 90,293 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की थी.  

यह भी पढ़ें...

मुंडका का जातीय समीकरण  

मुंडका विधानसभा मुख्यतः जाट बहुल क्षेत्र है, लेकिन अन्य समुदायों का भी खासा प्रभाव है:  
- जाट: 23.6%  
- एससी: 23.8%  
- मुस्लिम: 8%  
- ब्राह्मण: 6.7%  
- वनिया: 5.8%  

धर्मपाल लाकड़ा के पक्ष में फैक्टर  

1. 2020 में 90,000+ वोट पाना उनकी लोकप्रियता का संकेत है.  
2. जाट समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ है.  
3. सिटिंग विधायक होने का फायदा मिलेगा.  
4. आम आदमी पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं के वोट कांग्रेस में शिफ्ट हो सकते हैं.  
5. पांच साल जनता के बीच काम करने का अनुभव.  

धर्मपाल लाकड़ा के खिलाफ फैक्टर  

1. 2020 में कांग्रेस को इस सीट पर सिर्फ 5,000 वोट मिले थे.  
2. आप के उम्मीदवार जसवीर कराला स्थानीय गांव कराला से हैं, जो उन्हें लाभ पहुंचा सकता है.  
3. दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में बीजेपी का मजबूत वोट बैंक है.  
4. केजरीवाल ने जाट आरक्षण को बड़ा मुद्दा बना दिया है.  

मुंडका विधानसभा में चेहरों और समीकरणों की बड़ी भूमिका है. 2013 में रामवीर शौकीन बिना किसी पार्टी के टिकट के विधायक बने थे, जो यह साबित करता है कि यहां जनता व्यक्ति पर ज्यादा भरोसा करती है. इस बार देखना होगा कि धर्मपाल लाकड़ा कांग्रेस को कितनी मजबूती दे पाते हैं और क्या आप व बीजेपी इस मुकाबले में उन्हें चुनौती दे पाएंगे. 

    follow on google news
    follow on whatsapp