Explainer: अमेरिका में भारतीय फिल्मों को झटका, ट्रंप के 100% टैरिफ से बॉलीवुड-टॉलीवुड मूवीज पर कितना असर पड़ेगा?
ट्रंप ने अमेरिका के बाहर बनी सभी फिल्मों पर 100% टैक्स लगाने का फैसला किया है, जिससे विदेशी फिल्में महंगी और दिखाना मुश्किल हो सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक ऐसा फैसला ले लिया है जिसने पूरी बॉलीवुड इंडस्ट्री की नींद उड़ा दी है. उन्होंने हाल ही में ऐलान किया कि अमेरिका के बाहर बनने वाली सभी फिल्मों पर 100% का टैरिफ लगाया जाएगा.
यानी अब कोई भी भारत, कोरिया, चीन या किसी और देश में बनी फिल्म या वेब सीरीज अगर अमेरिका में दिखाई जाएगी तो उस पर दोगुना टैक्स लगेगा. इससे वो फिल्में अमेरिका में महंगी हो जाएंगी, या फिर कंपनियां अमेरिका में उन्हें दिखाना ही बंद कर सकती हैं.
अमेरका का ये फैसला दिखाता है कि ट्रंप अब अपने संरक्षणवादी व्यापार नियमों को फिल्म इंडस्ट्री तक भी फैलाना चाहते हैं. हालांकि उनके इस फैसले ने उन स्टूडियो की चिंता बढ़ा दी है जो अपनी फिल्मों की कमाई के लिए इंटरनेशनल बॉक्स ऑफिस और विदेशों में शूटिंग पर निर्भर रहते हैं. इतना ही नहीं ट्रंप के इस फैसले का असर भारत की फिल्म इंडस्ट्री पर भी पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय फिल्में अमेरिका में बसे भारतीयों के बीच काफी पसंद किया जाता है.
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ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि भारत के बॉलीवुड से लेकर टॉलीवुड तक के फिल्म निर्माताओं पर क्या असर पड़ेगा. साथ ही इस फैसले का भारत को कितना बड़ा नुकसान हो सकता है?
ट्रंप ने क्या कहा
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर इस लिखा,
"हमारा फिल्म उद्योग हमसे छीन लिया गया है, जैसे किसी बच्चे से कैंडी छीन ली जाती है. खासकर कैलिफोर्निया जहां का गवर्नर कमजोर और अयोग्य है, वहां हालात बदतर हैं. इसलिए मैं अमेरिका के बाहर बनी हर फिल्म पर 100% शुल्क लगाने जा रहा हूं."
यह कोई पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने भारत पर कोई टैरिफ लगाया हो. इससे पहले भी वह भारतीय सामानों, आईटी सर्विसेज और दवा कंपनियों पर भी ऊंचे शुल्क लगा चुके हैं, लेकिन, फिल्मों पर 100% टैरिफ का यह फैसला सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है.
भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?
ट्रम्प के इस फैसले का भारत पर काफी ज्यादा असर पड़ने वाला है क्योंकि भारतीय फिल्में अमेरिका में काफी पसंद की जाती हैं. TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीय हर साल अलग-अलग भाषाओं की फिल्में देखने के लिए करीब 100 मिलियन डॉलर (लगभग ₹830 करोड़) खर्च करते हैं. ये फिल्में हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और पंजाबी जैसी कई भाषाओं में होती हैं.
अब जब फिल्मों पर 100% का टैरिफ लग जाएगा तो अमेरिका में फिल्में देखना काफी महंगा हो जाएगा. इसका सीधा असर प्रवासी भारतीयों की जेब पर पड़ेगा और हो सकता है कि वे सिनेमा हॉल जाना कम कर दें. इतना ही नहीं इस फैसले का सीधा असर भारत के फिल्म निर्माताओं की कमाई पर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका एक बड़ा बाज़ार है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में एक्सपर्ट का कहना है कि ये फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है. WTO (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) के नियमों के मुताबिक, डिजिटल चीजों पर टैक्स नहीं लगाया जाता. अमेरिका खुद कई सालों से इस नियम का समर्थन करता रहा है.
इसी रिपोर्ट में प्रोफेसर प्रीतम बनर्जी कहते हैं कि, “अगर अमेरिका ने ये टैक्स लगाया, तो बाकी देश भी ऐसा कर सकते हैं. इससे पूरी दुनिया में डिजिटल कंटेंट का कारोबार मुश्किल हो सकता है.”
कुल मिलाकर अगर ये फैसला लागू हुआ तो अमेरिका में विदेशी फिल्में और वेब सीरीज देखना महंगा या मुश्किल हो जाएगा. इससे भारत जैसे देशों की फिल्मों को बड़ा नुकसान हो सकता है. साथ ही, अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है.
अमेरिका से कितना कमाती है भारतीय फिल्म
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बाजार है. 2024 में, अमेरिकी बॉक्स ऑफिस ने भारतीय फिल्मों से लगभग 600 से 800 करोड़ (लगभग $75 मिलियन) रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का लगभग 5-7% है.
अमेरिकी बाजार में भारतीय फिल्मों का योगदान
अमेरिका में भारतीय फिल्मों की सफलता मुख्य रूप से भारतीय डायस्पोरा (प्रवासी भारतीय समुदाय) पर निर्भर करती है. हालांकि, हाल के सालों में भारतीय फिल्मों ने अमेरिकी मुख्यधारा के दर्शकों में भी रुचि बढ़ाई है. विशेष रूप से, तेलुगु और तमिल फिल्मों ने इस बाजार में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है.
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