51 करोड़ वोटरों का डेटा वेरिफिकेशन और 15+ मौतें, क्या SIR योजना BLO पर 'जुल्म' है?
चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत, 5.3 लाख बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) 51 करोड़ मतदाताओं का डेटा वेरिफाई कर रहे हैं. इस दौरान काम के भारी दबाव के चलते कई राज्यों से 15 से अधिक BLO की मौत (आत्महत्या, हार्ट अटैक) के मामले सामने आए हैं.

देश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. बिहार के बाद अब चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची की गहन जांच शुरू कर दी है. 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाली इस प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) घर-घर जाकर डिटेल जुटा रहे हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार, 321 जिलों में 843 विधानसभा क्षेत्रों के 51 करोड़ से अधिक मतदाताओं का डाटा वेरिफाई किया जाना है. इसके लिए देशभर में 5.3 लाख BLO को तैनात किया गया है. लेकिन जमीनी स्तर पर काम कर रहे इन कर्मचारियों पर वर्क प्रेशर को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. अब तक 7 राज्यों में लगभग 20 BLO के मरने की खबर है.
कई राज्यों में मौतों का मामला गरमाया
विपक्षी दलों कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी ने दावा किया है कि भारी वर्क लोड के चलते देशभर में पंद्रह BLO की मौतें हो चुकी है. इनमें से कुछ मामलों को आत्महत्या बताया गया है. पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल और तमिलनाडु से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. हालांकि इन कारणों की स्वतंत्र पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है.
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गोंडा में BLO ने जहर खाकर दी जान!
ताजा मामला यूपी से आया है. गोंडा में (BLO) की ड्यूटी कर रहे सहायक अध्यापक विपिन कुमार यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. बताया गया कि उन्होंने जहर खा लिया. लखनऊ रेफर किया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह कथित तौर पर अधिकरियों के दबाव की बात कहकर जहर खाने की बात करते दिख रहे हैं. अब मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है.
उत्तर प्रदेश में BLO और कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज
एक तरफ जहां काम के दबाव से मौतें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में काम में लापरवाही और आधिकारिक आदेशों की अवहेलना के आरोप में बीएलओ और अन्य कर्मचारियों पर मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), बहराइच और बरेली जिलों में ये कार्रवाई की गई है.
गौतम बुद्ध नगर में तो 60 से अधिक कर्मचारियों को अलग-अलग एफआईआर में नामजद किया गया है, जिनमें बीएलओ, सहायक और सुपरवाइजर शामिल हैं. उन पर बार-बार निर्देश देने के बावजूद एसआईआर से संबंधित कार्य न करने का आरोप है. ये सभी मुकदमे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 32 के तहत दर्ज किए गए हैं.
जयपुर में SIR का काम कर रहे शिक्षक की मौत
राजस्थान (जयपुर और सवाई माधोपुर): जयपुर में SIR का काम कर रहे 48 वर्षीय सीनियर टीचर मुकेश जांगिड़ ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली. उनके सुसाइड नोट में सुपरवाइजर पर काम का दबाव बनाने और निलंबित करने की धमकी देने का गंभीर आरोप है.
वहीं, सवाई माधोपुर में 19 नवंबर को 34 साल के हरिओम बैरवा (ग्रेड III टीचर और BLO) की हार्ट अटैक से मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि तहसीलदार का फोन आने के बाद बेहोश हो गए. उनपर काम का दबाव था. जिसके चलते उन्होंने घर पर बात करना भी बंद कर दिया.
मध्यप्रदेश में पिछले 11 दिन 7 मौतें
मध्यप्रदेश में पिछले 11 दिन में 7 मौतों की खबर है. प्रदेश में 4 नवंबर से SIR का काम हो रहा है. इनमें 65 हजार से ज्यादा BLO को तैनात किया गया है. इन सभी BLO को करीब 5 करोड़ 74 लाख 5 हजार वोटर्स का फॉर्म डिजिटल करना है. लेकिन काम कई जगहों पर BLO की मौत के बाद उनपर दबाव की खबरें आने लगी है.
पिछले सप्ताह भोपाल में दो बीएलओ को हार्ट अटैक आया. दोनों हॉस्पिटल में भर्ती है. रायसेन में बीएलओ रमाकांत की मौत हुई तो परिजनों ने बताया काम अधिक था. 4 दिन से सोए नहीं थे. ऑनलाइन मीटिंग में बेहोश हो गए फिर खड़े ही नहीं हो सके. इसके अलावा, दमोह के सीताराम बीमार होने के बाद भी फॉर्म भरने में लगे थे इसी दौरान उनकी मौत हो गई. दतिया के उदयभान सिहारे ने 11 नवंबर को अपनी जान दे दी. परिजनों ने काम का अधिक दबाव होने की बात बताई है.
गुजराज में 4 मौतेें
गुजरात में 4 BLO की मौत की खबर है. वडोदरा की रहने वाली 50 साल की ऊषा बेसुध हुई हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं सकी. सोराष्ट्र के अरविंद वाढेर ने एक सुसाइड नोट लेकर अपनी जान दे दी. नोट में लिखा था काम पूरा नहीं हो सका. तापी में एक सहायक BLO की हार्ट अटैक से जान चली गई.
पश्चिम बंगाल में 3 मौतें
पश्चिम बंगाल में अब तक 2 BLO सुसाइड कर चुके हैं और कुल 3 BLO की मौत हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में 80,600 से ज्यादा BLOs, करीब 8,000 सुपरवाइज़र, 3,000 असिस्टेंट इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर और 294 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर SIR के काम में जुटे हुए हैं.
राहुल गांधी ने SIR को बताया थोपा गया जुल्म
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने BLO की मौतों के बाद SIR प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं .उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा, "SIR के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है - नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई. हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या - SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है. ECI ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें. मकसद साफ है - सही मतदाता थककर हार जाए, और vote chori बिना रोक-टोक जारी रहे."










