Charchit Chehra: कौन था जेफ्री एपस्टीन और क्यों उसकी फाइल्स से डरी है पूरी दुनिया?
Jeffrey Epstein Files Explained: एपस्टीन सेक्स ट्रैफिकिंग, नाबालिग लड़कियों के शोषण और हाईप्रोफाइल लोगों से जुड़ा नाम रहा है. हजारों डॉक्यूमेंट्स, तस्वीरें और फ्लाइट लॉग्स सामने आने की चर्चा ने अमेरिका से लेकर भारत तक हलचल मचा दी है. चर्चित चेहरा के इस एपिसोड में जानिए कौन था जेफ्री एपस्टीन, उसकी फाइल्स से पूरी दुनिया क्यों डरी हुई है के साथ एपस्टीन कांड की पूरी कहानी.

'एपस्टीन' इस नाम से पूरी दुनिया में भूचाल मचा हुआ है. न जाने कितने ताकतवर, अमीर, बिजनेसमैन, और नेताओं की सांसें थमी हुई है. आजकल में जिस एपस्टीन फाइल्स खुलने की चर्चा है उसे लेकर सबसे सनसनी इसलिए मची है कि न जाने कौन किसी लड़की या महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिख जाए. हजारों डॉक्यूमेंट, करीब 95 हजार तस्वीरें जारी होने का दावा किया जा रहा है. इसी वजह से अमेरिका से लेकर बाकी के देशों में तहलका मचा हुआ है.
ऑफिशयली एपस्टीन फाइल्स खुलने से पहले 68 तस्वीरें सामने आई हैं जिसे ट्रेलर माना जा रहा है. इन तस्वीरों में दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बिल गेट्स भी महिलाओं के साथ दिखे, हालांकि हम ऐसे फोटोज की पुष्टि नहीं कर सकते. फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है. कुछ ऐसी भी तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें महिलाओं के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लोलिटा नोबेल की लाइनें लिखी हैं और पास में लोलिटा नोबेल रखा है. एपस्टीन कांड में एक याट का भी जिक्र है जिसका नाम लोलिटा ही था. लोलिटा, मशहूर राइटर व्लादिमीर नाबोकोच का लिखा मशहूर और विवादित नोबेल है. लोलिटा उस 12 साल की उस लड़की की कहानी है जिसका यौन शोषण किया गया था. प्रोफेसर हम्बर्ट, हम्बर्ट लोलिटा प्रतीक बन गई और कम उम्र की लड़कियों की जो बड़े उम्र के मर्दों के शोषण का शिकार होती हैं.
चर्चित चेहरा के इस खास एपिसोड में आज जानेंगे कौन हैं एपस्टीन, एपस्टीन के फाइल में क्या है, कैसे शुरू हुई ये कहानी और क्यों इस फाइल को खोलने के लिए मजबूर हुई ट्रंप सरकार...
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एपस्टीन फाइल्स को लेकर भारत में भी हो रही चर्चा
एपस्टीन फाइल्स की रिलीज से पहले रिलीज की गई तस्वीरें अमेरिकी संसद की हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट सांसदों ने रिलीज की है. भारत में भी एपस्टीन फाइल्स को लेकर धुकधुकी बढ़ी हुई है. कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने तो दावा किया था कि 19 दिसंबर को एपस्टीन फाइल्स खुलने के साथ मोदी की सरकार गिर जाएगी. हालांकि पूरा दिन निकल गया, भारत में कोई हलचल हुई नहीं. कुछ वक्त बाद जब फाइल निकलेगी तब पता चलेगा कि भारत के कौन से बड़े लोग चपेट में आए. कोई आया भी या नहीं.
कौन था जेफ्री एपस्टीन?
जेफ्री एपस्टीन इस दुनिया में नहीं है. मरने से पहले उसने बड़े लोगों के बारे में बहुत कुछ ऐसा इकट्ठा किया जो अब पब्लिक किया जा रहा है. क्यों? इसका कोई जवाब नहीं है. जेफ्री एपस्टीन दूध का धुला नहीं था. एपस्टीन सेक्स, यौन अपराध, नाबालिगों का शिकारी, हाईप्रोफाइल पार्टियां, ऊंचे और बड़े लोगों का राजदार था.
जेफ्री एपस्टीन का जन्म 1953 में न्यूयॉर्क में हुआ था. पाउला और सीमोर एपस्टीन के दो बेटों में बड़ा था एपस्टीन. पिता कंस्ट्रक्शन वर्कर थे और मां बच्चों के स्कूल में काम करती थी. स्कूल में मैथ्स और फिजिक्स में बहुत अच्छा होने के साथ-साथ वह बहुत अच्छा पियानो बजाता था. उसने करियर की शुरूआत मैथ्स और फिजिक्स पढ़ाने से शुरू की लेकिन उसे किसी और तरह की जिंदगी चाहिए थी. तब उसने फाइनेंस को करियर चुना और शेयर ट्रेडर बना. पैसे बनाने के बाद इन्वेस्टमेंट फर्म खोले, अमीरों के संपर्क में आया और अरबपतियों के पोर्टफोलियो को और रीच बनाने का काम करने लगा. कहा जाता था कि वो केवल अरबपतियों के साथ काम करता था.
पैसों के बीच पैसों से खेलने वाले एपस्टीन ऐश मौज की जिंदगी जीने लगा. शायद उसी शानोशौकत ने उसे क्रिमिनल बना दिया. नाबालिगों को निशाना बनाते-बनाते एपस्टीन रजिस्टर्ड सेक्सुअल क्रिमिनल बन गया.
2005 में खुली एपस्टीन की कुंडली
जेफ्री एपस्टीन की काली कुंडली का खुलासा 2005 में हुआ. अमेरिका के फ्लोरिडा में 14 साल की लड़की ने पुलिस में रिपोर्ट की कि एपस्टीन ने अपने आलीशान घर में मसाज के बहाने बुलाकर सेक्स के लिए जोर डाला. उसी लड़की की कहानी से अमेरिका में पुलिस की जांच शुरू हुई. जांच बढ़ने लगी तो हैरान करने वाले खुलासे होने लगे. वो लड़की अकेली नहीं थी, 50 और नाबालिग लड़कियों का पता चला जिनके साथ एपस्टीन ने सेक्स क्राइम किया था. एपस्टीन के निशाने पर कम उम्र की नाबालिग लड़कियां ही होती थी. वह किसी को धमकाकर, किसी को पैसों का लालच देकर एपस्टीन लड़कियों को फंसाता था.
जांच में खुले कई राज
जांच में राज खुलते गए. मैनहट्टन, पाम बीच पर शानदार विला से लेकर प्राइवेट याट लोलिता एक्सप्रेस में एपस्टीन हाई-प्रोफाइल पार्टियां करता. हाई प्रोफाइल गेस्ट को नाबालिग लड़कियां परोसता. उनकी पार्टियों की फोटोज चौंकाने वाली निकली. डोनल्ड ट्रंप, बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन, पूर्व ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू तक उसकी गेस्ट लिस्ट में थे. एप्सटीन के साथ पार्टनर इन क्राइम उसकी गर्लफ्रेंड घिसलेन मैक्सवेल होती थी . जांच में एपस्टीन बुरी तरह फंसकर भी आजाद पंछी की तरह रहा. जेल की सजा ऐसी मिली कि वो दिन में जेल से बाहर रह सकता था. रात में सोने के समय जेल में आना जरूरी थी. 13 महीने की मामूली सजा पाकर और घातक हो गया.
कभी कोई जान नहीं पाया कि एपस्टीन ने किसके साथ किसके लिए काम करते अपार संपत्ति अर्जित की. उसके पास पेरिस, न्यूयॉर्क फ्लोरिडा, मैक्सिको में आलीशान घर होने के साथ आईलैंड का भी मालिक था. घिसलेन मैक्सवेल ब्रिटिश सोशलाइट थी जिससे उसकी दोस्ती 1990 से चल रही थी. गर्लफ्रेंड होने के साथ मैक्सवेल ने एपस्टीन को क्राइम में फुल सपोर्ट दिया. एपस्टीन की 2019 में गिरफ्तारी के बाद मैक्सवेल 2020 में गिरफ्तार हुई. 2022 में उसे 20 साल की सजा मिली जो चल रही है.
'मी टू' कैंपेन बना एपस्टीन के लिए घातक
2017 में अमेरिका से शुरू हुआ मी टू कैंपेन जेफ्री एपस्टीन के लिए घातक साबित हुआ. मी टू कैंपेन उन महिलाओं ने चलाया जो सेक्सुअल असॉल्ट की शिकार बनीं. #MeToo के साथ दुनिया की बड़ी मशहूर महिलाओं ने अपने साथ हुए सेक्स शोषण की कहानियां बताईं. #MeToo कैंपेन में वर्जीनिया ग्रिफे नाम की लड़की भी आई. उनसे एप्सटीन के कांड खोलने शुरू किया. 3 साल तक एप्सटीन के शिकंजे में रहकर ग्रिफे के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ. फिर तो लाइन लग गई. करीब 80 महिलाओं ने आरोप लगाकर एप्सटीन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण से लेकर सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप लगाए.
ट्रंप सरकार क्यों खोल रही ये फाइल?
2019 में एपस्टीन के मरने के बाद भी केस बंद नहीं हुआ. ईमेल, फोटोज, बैंक डॉक्यूमेंट, फ्लाइट लॉग-उसकी प्रॉपर्टी से इतना कुछ मिला कि जिसे अब जारी किया जा रहा है. एपस्टीन का मामला इतना सनसनी मचाता रहा कि अमेरिकी संसद में एपस्टीन की फाइल जारी कराने के लिए ट्रंप सरकार को वोटिंग करानी पड़ी. 427-1 से प्रस्ताव पास हुआ कि एपस्टीन फाइल्स जारी की जाएगी. रिपब्लिकन सांसद क्ले हिगिंस ने अकेले विरोध किया.
एपस्टीन की पार्टियों के गेस्ट रहे डोनल्ड ट्रंप ने भी सहमति दी कि एपस्टीन के राज पब्लिक किए जाएं. अब उसी पर हंगामा हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ट्रंप का भी नाम निकलेगा. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी ने मई में डोनाल्ड ट्रम्प को बता दिया था कि उनका नाम एपस्टीन के रिकॉर्ड में शामिल है. अमेरिका में एपस्टीन फाइल्स रिलीज करने के लिए जैसे आंदोलन चल पड़ा. ट्रंप को झुककर फाइल जारी करने के बिल पर साइन करना पड़ा.
फाइल्स जारी होने से पहले ये भी अमेरिका में खूब छप रहा है कि ट्रंप से एपस्टीन की कितनी पुरानी और गहरी दोस्ती रही है. अमेरिका में एपस्टीन फाइल्स को हल्ला इसलिए भी मच रहा है कि इसमें ट्रंप का भी नाम हो सकता है. कहा जा रहा है कि जिन हाईप्रोफाइल लोगों के नाम हैं जरूरी नहीं कि उन्होंने कोई गलत काम किया हो. एपस्टीन के साथ घिसलेन मैक्सवेल की भी फाइल सामने आएगी जो एपस्टीन के साथ हुआ करती थी.
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