Harsha Richhariya Exclusive:'सबसे सुंदर' साध्वी हर्षा रिछारिया की मां बुटिक से चलाती हैं घर, पिता ने शादी के लिए ढूंढ लिया लड़का

रवीशपाल सिंह

Sadhvi Harsha Richaria Exclusive: एमपी तक हर्षा के घर पहुंच गया. पता चला कि उनके पिता नौकरी छोड़ चुके हैं. मां बुटीक  से घर चलाती हैं. पिता उनकी शादी के लिए लड़के देख रहे हैं. दो लड़कों से मिल चुके हैं और जल्द ही रिश्ता भी पक्का करने वाले हैं. 

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तस्वीर: एमपी तक.
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Harsha Richhariya Exclusive:प्रयागराज में महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी हर्षा रिछारिया को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. हर्षा के वीडियो और उनके साध्वी होने की बात पर सोशल मीडिया पर कई वीडियो ट्रोल हो गए हैं. इसी बीच एमपी तक हर्षा के घर पहुंच गया. पता चला कि उनके पिता नौकरी छोड़ चुके हैं. मां बुटीक  से घर चलाती हैं. पिता उनकी शादी के लिए लड़के देख रहे हैं. दो लड़कों से मिल चुके हैं और जल्द ही रिश्ता भी पक्का करने वाले हैं. 

इधर पिता दिनेश रिछारिया इस बात से नाराज हो गए कि लोग उन्हें साध्वी क्यों बोल रहे हैं. उन्होंने एमपी तक से कहा- 'मुझे सबसे ज्यादा बुरा इस बात का लगा कि लोग उसे साध्वी बोल रहे हैं. उसने सन्यास नहीं धारण किया है. उसने गुरुदीक्षा ली है. वो एक सामान्य लड़की है. रही बात अध्यात्म की ओर जाने की तो हर किसी का झुकाव धर्म की ओर होता है.  मैं खुश हूं कि मेरी बच्ची धर्म-कर्म की बात करती है और ईश्वर भक्ति में लीन है.'   

साध्वी के रूप में देखकर रो पड़ी- हर्षा की मां 

हर्षा रिछारिया की मां किरण रिछारिया ने कहा- 'साध्वी के वेश में देखा तो घबरा कर रो पड़ी थी मैं.  ⁠भगवान भोलेनाथ को वो बहुत मानती है. अब हम लोग जल्द कुंभ मेले में जायेंगे. जब मैंने उसे पहली बार उसे साध्वी की ड्रेस में देखा तो मुझे रोना भी आया था, लेकिन उसने बोला कि वो साध्वी नहीं बनी है. हर्षा ने जो कपड़े पहने हैं वो मैंने ही सिले हैं. '

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2004 के कुंभ में पुलिसवालों ने हर्षा को बाहर निकाला था- मां 

हर्षा की मां ने बताया कि साल 2004 में भी वो कुंभ मेले में गई थीं. स्नान के दौरान उन्हें पुलिसकर्मियों ने वहां से बाहर निकाल दिया था. तब हर्षा ने कहा था- मां मैं एक दिन कुंभ मेले में हाथी पर बैठकर जाऊंगी. 

2004 के कुंभ में उज्जैन गया और भोपाल में बस गया- पिता 

हर्षा के पिता ने बताया- जब 3 साल पहले हर्षा केदरनाथ गयी थी तो उसने वहां से लौटने के बाद बताया कि वो इस जीवन को त्यागना चाहती है. वो इस थक चुकी है. दूसरा जीवन जीना चाहती है. ⁠उसने अपना एक एनजीओ भी बनाया है जिसके जरिये वो समाजसेवा करेगी. 
मैं पहले झांसी से खजुराहो के बीच कंडक्टर हुआ करता था. 2004 में उज्जैन कुंभ में आया था तो उसके बाद यहीं का होकर रह गया. हम भोपाल में बस गए.  ⁠शुरू से जीवन में बहुत संघर्ष किया है. आज वो जिस मुकाम पर है मुझे खुशी है कि वो अपनी मेहनत से वहां पहुंची है. 

हर्षा ने की है बीबीए की पढ़ाई  

हर्षा के पिता ने आगे बताया कि वो पढ़ाई लिखाई में अच्छी है. उसने बीबीए किया है. एंकरिंग का कोर्स भी यहीं भोपाल से किया है. झांसी में 5वीं तक पढ़ाई हुई. फिर आगे की पढ़ाई यहीं भोपाल से हुई. ⁠2 साल से हर्षा ऋषिकेश में रह रही है. अभी दिवाली पर वो घर आयी थी. पूजा पाठ की, यहा उसने मंदिर भी बनवाया है.  हर्षा के पिता ने आगे कहा- बोलने वाले लोगों को कौन रोक सकता है, लेकिन जो लड़की इतना रंगबिरंगा जीवन छोड़ अध्यात्म की ओर गयी है प्लीज उसे ट्रोल करना बंद कीजिये.  

हर्षा के लिए देख रहे रिश्ता 

हर्षा के पिता ने बताया कि उनके रिश्ते को लेकर चर्चा चल रही है. एक लड़का देहरादून में देखा है. एक लड़का नासिक में देखा है. जहां फाइनल होता है 1-2 साल में उनकी शादी करेंगे.  मां ने बताया- 'हम शादी करेंगे उसकी. जब दूसरों की लड़कियों को दुल्हन की ड्रेस पहनाते हैं तो अपनी लड़की को नहीं पहनाएंगे क्या? ⁠उसने अभी तक तो कभी नहीं बोला कि यह लड़का पसंद है और शादी करना है.'

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