पीएम मोदी का आतंकवाद को लेकर कड़ा संदेश, SCO को लेकर कहा भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित SCO समिट में आतंकवाद, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और नए विश्व व्यवस्था पर भारत की स्पष्ट नीति रखी. इस दौरान पीएम ने पहलगाम हमले के दौरान साथ खड़े रहे देशों को भी आभार व्यक्त किया.
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चीन के तिनजियान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान से भारत ने दुनिया को एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि आतंकवाद परदोहरा रवैया किसी भी देश को स्वीकार्य नहीं होना चाहिए. पीएम मोदी ने ये संदेश चीन के रा शी जिनपिंग और शहबाज शरीफ की मौजूदगी में दिया.,
चीन के तियानजिन में आयोजित शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह हमला केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानवता पर हमला था. बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने साफ किया कि आतंकवाद पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड बर्दाश्त नहीं होंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है. उन्होंने इसे S, C, और O के रूप में समझाया:
S: सिक्योरिटी (सुरक्षा, शांति और स्थिरता)
C: कनेक्टिविटी (संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए)
O: ऑपरट्यूनिटी (सुधार और सहयोग के लिए अवसर, जो भारत के 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के मंत्र पर आधारित है)
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पहलगाम हमले का किया जिक्र
इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमने पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा. पीएम ने कहा कि ये हमला केवल भारत की अंतरात्मा पर ही आघात नहीं था, मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश, हर व्यक्ति को खुली चुनौती थी. पीएम ने इस हमले के दौरान साथ खड़े रहे देशों को भी आभार व्यक्त किया.
पीएम मोदी ने बिना पाकिस्तान के नाम लिए कहा, "ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है, क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं होंगे."
कनेक्टिविटी को संप्रभुता से जोड़ा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी के हर प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए. पीएम ने चीन के BRI प्रोजेक्ट का नाम लिए बिना कहा कि जो कनेक्टिविटी सॉवरेनिटी का उल्लंघन करती है वो अपना विश्वास खो देती है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक संस्थानों में रिफॉर्म्स के जरिए SCO सदस्य आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म्स का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी 80वीं वर्षगांठ पर हम इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
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