कौन हैं जस्टिस विपुल पंचोली? जिनके सुप्रीम कोर्ट में आने से मच रहा हंगामा, फ्यूचर CJI नागरत्ना ने उठाए 3 सवाल

ललित यादव

Justice Vipul Pancholi Controversy: सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है. 

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Justice Vipul Pancholi Controversy: सुप्रीम कोर्ट में दो नए जजों की नियुक्ति की सिफारिश के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है. जहां जस्टिस आलोक अराधे के नाम पर कोई विवाद नहीं है, वहीं जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम में ही मतभेद सामने आ गए हैं.

जस्टिस नागरत्ना ने जताया विरोध

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सामान्य तौर पर सर्वसम्मति से फैसले लिए जाते हैं. हालांकि, जस्टिस पंचोली की नियुक्ति का फैसला 4-1 के अनुपात में हुआ है. चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी ने पंचोली के नाम का समर्थन किया तो जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इसपर कड़ा विरोध जताया. 

जस्टिस नागरत्ना ने तीन प्वाइंट पर उठाए...

पहला, नागरत्ना ने 2023 में जस्टिस पंचोली को गुजरात से पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर किए जाने को असामान्य बताया और उस ट्रांसफर के कागजात देखने की मांग की. 

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दूसरा, ऑल इंडिया सीनियॉरिटी लिस्ट में जस्टिस पंचोली 57वें स्थान पर हैं इसके बावजूद उनसे वरिष्ठ और योग्य जजों को नजरअंदाज कर जस्टिस पंचोली को चुनने पर सवाल उठाया. 

तीसरा, उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि जब गुजरात हाईकोर्ट से पहले ही दो जज (जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस अंजारिया) सुप्रीम कोर्ट में हैं, तो फिर से उसी हाईकोर्ट से एक और जज को क्यों लाया जा रहा है, जबकि कई अन्य राज्यों के हाईकोर्ट से कोई जज सुप्रीम कोर्ट में नहीं है. 

जस्टिस नागरत्ना ने अपने डिसेंट नोट को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की मांग की ताकि प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे.

भविष्य में CJI बनने की पूरी संभावना

जस्टिस पंचोली के सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद उनका भविष्य में चीफ जस्टिस बनने का रास्ता साफ हो गया है. माना जा रहा है कि वह 3 अक्टूबर 2031 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन सकते हैं और 27 मई 2033 को रिटायर होंगे. यह ध्यान देने योग्य है कि जस्टिस बी.वी. नागरत्ना भी 2027 में 36 दिनों के लिए CJI बनने की कतार में हैं.

कौन हैं जस्टिस विपुल पंचोली?

जस्टिस विपुल पंचोली गुजरात के अहमदाबाद के मूल निवासी हैं. 1991 में गुजरात हाईकोर्ट में उन्होंने वकालत शुरू की और 2006 तक गुजरात सरकार के वकील रहे. 2014 में वह एडिशनल जज और 2016 में परमानेंट हाईकोर्ट जज बने. 2023 में उनका पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर हुआ और जुलाई में वह चीफ जस्टिस बने. अब दो महीने के भीतर ही उनकी सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्ति की सिफारिश हो गई है.

3 महीने पहले भी हुआ था विवाद

हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीन महीने पहले भी जस्टिस पंचोली को सुप्रीम कोर्ट लाने की चर्चा हुई थी. तब भी जस्टिस नागरत्ना ने विरोध किया था, जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट से जस्टिस एनवी अंजारिया को सुप्रीम कोर्ट के लिए चुना गया. अब फिर से पंचोली के नाम की सहमति पर विरोध शुरू हो गया है. 

कौन हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना?

जस्टिस बीवी नागरत्ना वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में अकेली महिला जज हैं. जस्टिस बेला त्रिवेदी के रिटायर होने के बाद पांच नए जज बने लेकिन किसी महिला को जगह नहीं मिली. नागरत्ना 2027 में 36 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बनने की लाइन में हैं.

कॉलेजियम से होती है नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिफारिश करता है. सरकार इन सिफारिशों पर पुनर्विचार के लिए कह सकती है, लेकिन कॉलेजियम अपने फैसले पर कायम रहता है तो सरकार को नियुक्ति करनी होती है. 

आगे क्या हो सकता है?

जस्टिस पंचोली की नियुक्ति अब सरकार के पास विचार के लिए जाएगी. अगर इसे मंजूरी मिलती है तो वे सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं शुरू करेंगे. हालांकि, जस्टिस नागरत्ना के विरोध की चर्चा शुरू हो गई है. अब देखना होगा कि सरकार क्या फैसला करती है. 

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