कौन थे 'TN Seshan'? जिनसे कांपते थे नेता, बोगस वोटिंग से लेकर बूथ लूट तक सब पर लगाई थी लगाम

कीर्ति राजोरा

TN Seshan biography: राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों के बाद एक फिर टी एन शेषन की चर्चा हाने लगी है. वे 1990 से 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे थे. इस दौरान उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में सुधार किए थे.

ADVERTISEMENT

TN Seshan पूवी मुख्य चुनाव आयुक्त
TN Seshan पूवी मुख्य चुनाव आयुक्त
social share
google news

TN Seshan biography: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर वोटों की चोरी का आरोप लगाया है. उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि इसी वजह से कांग्रेस वहां हारी. अब इसे लेकर वे लगातार चुनाव आयोग पर हमलावर हैं हैं और आयोग के काम करने के तौर तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं.

उनके इन आरोपों के बाद से अब एक नाम की चर्चा फिर से होने लगी है. ये नाम है टी.एन. शेषन का. शेषन 1990 से 1996 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे. कहा जाता है कि इनके नाम से नेता थर-थर कांपते थे. उनकी सख्त कार्यशैली और निष्पक्ष फैसलों ने भारतीय चुनाव प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ा. आइए, इस खबर में जानते हैं कि कौन थे टी.एन. शेषन और कैसे उन्होंने चुनाव आयोग की छवि पूरी तरह बदल दी.

कौन थे टी.एन. शेषन?

केरल में जन्मे टी.एन. शेषन1953 में पहली नौकरी मद्रास पुलिस सर्विस में लगी. लेकिन  लेकिन पुलिस का रौब रास नहीं आया. फिर 1955 में सिविल सर्विसेज क्वालीफाई करके आईएएस ऑफिसर बने. अपने करियर में उन्होंने पंडित नेहरू से लेकर नरसिम्हा राव तक कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. वे 1989 में आईएएस की सबसे बड़ी पोस्ट माने जाने वाली 'कैबिनेट सचिव' के पद तक पहुंचे थे. लेकिन उन्हें असली पहचान 1990 में मिली जब उन्हें  रिटायरमेंट के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया.

यह भी पढ़ें...

'मैं घोड़ा और सरकार घुड़सवार, यह मंजूर नहीं'

ये वो दौर था जब चुनाव आयोग की शक्तियां सीमित थीं, बूथ कैप्चरिंग और हिंसा और चुनाव में धांधली आम बात थी. लेकिन शेषन ने ये शुरू से ही यह साफ कर दिया था कि वे सरकार के दबाव में काम नहीं करेंगे. एब दिन जब तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें टोका तो उन्होंने बेबाकी से कह दिया, "मैं कोई कोऑपरेटिव सोसाइटी नहीं हूं कि सहयोग करूं." उनका मानना था कि "मैं घोड़ा और सरकार घुड़सवार, यह बिल्कुल मंजूर नहीं." इसी सोच के साथ उन्होंने चुनाव आयोग को एक सरकारी विभाग नहीं बल्कि एक स्वतंत्र और शक्तिशाली संस्था बनाया.

वोटर आईडी और बोगस वोटिंग पर लगाम

शेषन के कार्यकाल से पहले बोगस वोटिंग (फर्जी मतदान) एक बड़ी समस्या थी. उन्होंने इस पर लगाम लगाने के लिए वोटर आईडी कार्ड की शुरुआत की. यह एक क्रांतिकारी कदम था जिसने फर्जी वोटों को रोकना में मत्तवपूर्ण निभाई. इसके अलावा उन्होंने चुनावी हिंसा को रोकने के लिए चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बलों (paramilitary forces) की तैनाती भी शुरू की.

14,000 उम्मीदवारों के नामांकन किए थे रद्द 

टी.एन. शेषन ने एक के बाद एक कई कड़े फैसले लिए . यही वजह थी कि नेता उनसे परेशान रहने लगे थे. उन्होंने शराब बांटने और धर्म या जाति के नाम पर वोट मांगने को जुर्म बना दिया. चुनाव प्रचार में खर्च की सीमा तय की गई और अगर कोई उम्मीदवार इसका उल्लंघन करता तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाता. अपने कार्यकाल में उन्होंने करीब 4000 उम्मीदवारों के चुनावी खर्चों की समीक्षा की और गलत बयानबाजी करने वाले 14,000 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए.

प्रणब मुखर्जी को देना पड़ा था इस्तीफा

अपने काम को लेकर इतने लॉयल थे कि 1993 में उन्होंने एक आदेश निकाल दिया कि जब तक सरकार चुनाव आयोग की शक्तियों को मान्यता नहीं देती तब तक देश में कोई चुनाव नहीं होगा. उस वक्त प्रणब मुखर्जी को सिर्फ इसीलिए सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि शेषन ने पश्चिम बंगाल की राज्यसभा सीट पर चुनाव नहीं होने दिया था. तब के बड़े-बड़े नेता शेषन से तंग रहे. लेकिन कोई कुछ कर नहीं सका. कोई कुछ बोल नहीं सका. कोई कुछ कर नहीं पाता था. लेकिन नेता गुस्सा कर 'अल्सेशियन' पुकारते थे.

राजनीति में भी अजमाया हाथ

चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर होने के बाद शेषन ने राजनीति में कदम रखा. 1997 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में के.आर. नारायण के खिलाफ चुनाव लड़ा. लेकिन हार गए. 1999 में कांग्रेस ने उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ गांधीनगर से टिकट दिया. लेकिन वे यहां भी चुनाव जीत नहीं पाए. जिस चुनावी प्रणाली को उन्होंने सुधारने का काम किया, उसी में वे खुद सफल नहीं हो सके. धीरे-धीरे वे सार्वजनिक जीवन से दूर होते गए और 2019 में उनका निधन हो गया.

ये भी पढ़ें: SIP का जादुई 10:12:30 फॉर्मूला: हर महीने 10,000 करें निवेश..पाए 3 करोड़ रुपए

    follow on google news